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Punjab-Haryana Water War: पंजाब ने रोका हरियाणा का पानी, दिल्ली ने भी लगाए गंभीर आरोप, सीएम मान बोले- 'हम एक-एक बूंद की कीमत जानते हैं'

Punjab-Haryana Water War: पंजाब के सीएम भगवंत मान ने कहा कि हरियाणा ने अपना पानी का कोटा इस्तेमाल कर लिया है। यह 21 मई से 21 मई तक चलता है। उन्होंने मार्च तक ही अपना पानी इस्तेमाल कर लिया है और अब वे अतिरिक्त पानी मांग रहे हैं जो हमारे पास नहीं है। हमारा धान का सीजन आ गया है

अपडेटेड May 01, 2025 पर 10:04 PM
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Punjab-Haryana Water War: पंजाब सीएम ने कहा कि पहले जो थे वे महलों वाले थे, उन्हें पानी की कीमत नहीं पता थी

Punjab-Haryana Water War: पंजाब और हरियाणा के बीच लंबे समय से चले आ रहे जल बंटवारे के विवाद को लेकर बढ़ते तनाव के मद्देनजर मुख्यमंत्री भगवंत मान ने गुरुवार (1 मई) को कहा कि आम आदमी पार्टी (AAP) सरकार पड़ोसी राज्य को और पानी नहीं देगी। उन्होंने दावा किया कि हरियाणा अपने हिस्से का पानी पहले ही इस्तेमाल कर चुका है। मान ने गुरुवार को रूपनगर जिले में नांगल बांध का दौरा किया, जहां राज्य सरकार में मंत्री हरजोत सिंह बैंस ने आम आदमी पार्टी (AAP) के कार्यकर्ताओं के साथ धरना दिया।

सीएम भगवंत मान ने कहा, "हरियाणा ने अपना पानी का कोटा इस्तेमाल कर लिया है। यह 21 मई से 21 मई तक चलता है, उन्होंने मार्च तक ही अपना पानी इस्तेमाल कर लिया है और अब वे अतिरिक्त पानी मांग रहे हैं जो हमारे पास नहीं है। हमारा धान का सीजन आ गया है। हमने अपनी नहर प्रणाली को ठीक कर लिया है, अब पंजाब अपना पानी इस्तेमाल कर रहा है तो वे कह रहे हैं कि पहले तो पानी मिल जाता था। पहले जो थे वे महलों वाले थे, उन्हें पानी की कीमत नहीं पता थी। हम खेतों से आए हैं, हम पानी की एक-एक बूंद की कीमत जानते हैं।"

वहीं, पीटीआई के मुताबिक मंत्री बैंस ने दावा किया कि उन्होंने नांगल बांध पर उस कमरे को बंद कर दिया, जहां से पानी की आपूर्ति नियंत्रित होती है। पंजाब और हरियाणा के बीच जल बंटवारे को लेकर एक नया विवाद खड़ा हो गया, क्योंकि AAP सरकार ने अपने बीजेपी शासित पड़ोसी राज्यों को और अधिक पानी देने से इनकार कर दिया।


यह मामला तब और बढ़ गया जब बुधवार को भाखड़ा ब्यास प्रबंधन बोर्ड (बीबीएमबी) ने एक बैठक के दौरान हरियाणा को 8,500 क्यूसेक पानी छोड़ने का फैसला किया। हरियाणा को पानी छोड़ने का फैसला बीबीएमबी के कदम पर पंजाब सरकार द्वारा कड़ी आपत्ति जताने के बावजूद लिया गया।

पंजाब सरकार ने दावा किया कि पड़ोसी राज्य पहले ही अपने आवंटित हिस्से का 103 प्रतिशत पानी इस्तेमाल कर चुका है। मान ने नांगल बांध पर मीडिया को संबोधित करते हुए जल बंटवारे के विवाद को 'बहुत गंभीर' मुद्दा बताया और दावा किया कि पंजाब पहले से ही जल संकट का सामना कर रहा है।

उन्होंने यह भी कहा कि वर्तमान में भाखड़ा, पोंग और रंजीत सागर बांधों में जल स्तर पिछले वर्ष की इसी अवधि की तुलना में कम है। मान ने बुधवार को हुई बीबीएमबी की बैठक का हवाला देते हुए भाजपा शासित हरियाणा और राजस्थान पर‘गुंडागर्दी एवं तानाशाही करने के अलावा हरियाणा को अधिक पानी देने के निर्णय पर पहुंचने के लिए मिलीभगत करने का आरोप लगाया।

मान ने कहा, "वे (हरियाणा और राजस्थान) पंजाब को दरकिनार करके पानी कैसे ले सकते हैं? हमने (उस फैसले पर) हस्ताक्षर नहीं किए।" पंजाब सीएम ने यह भी दावा किया कि हरियाणा के अधिकारियों ने पहले ही स्वीकार कर लिया है कि उन्होंने मार्च तक राज्य के हिस्से का पानी इस्तेमाल कर लिया है। मान ने कहा, "पानी की एक बूंद भी नहीं दी जाएगी। हमारे पास पानी नहीं है। हमसे पानी की उम्मीद मत करो।"

दिल्ली ने भी लगाए आरोप

पानी के बंटवारे को लेकर हरियाणा और पंजाब के बीच जारी जुबानी जंग में शामिल होते हुए भारतीय जनता पार्टी (BJP) की अगुवाई वाली दिल्ली सरकार ने गुरुवार को आम आदमी पार्टी (आप) शासित पंजाब पर राजधानी में पानी की आपूर्ति रोककर गंदी राजनीति करने का आरोप लगाया। दिल्ली के जल मंत्री प्रवेश वर्मा ने X पर एक पोस्ट में आप शासित पंजाब सरकार पर हरियाणा और दिल्ली को यमुना का पानी रोककर गंदी राजनीति करने का आरोप लगाया।

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उन्होंने अपनी पोस्ट में कहा, "पंजाब सरकार हरियाणा और दिल्ली का पानी रोककर गंदी राजनीति पर उतर आई है। दिल्ली में हारने के बाद अब वे दिल्ली में जल संकट पैदा करना चाहते हैं।" वर्मा ने कहा, "हम दिल्ली में साफ और हर घर में पानी देने के लिए दिन रात मेहनत कर रहे हैं और अब पंजाब सरकार दिल्ली की जनता से इस तरह बदला लेना चाहती है। बंद करो ये गंदी राजनीति! वरना पंजाब से भी जाओगे!" दिल्ली में AAP के नेतृत्व वाली पूर्ववर्ती सरकार ने इससे पहले हरियाणा पर यमुना का पानी रोकने का आरोप लगाया था। हर साल गर्मी के मौसम में दिल्ली में पानी की मांग बढ़ जाती है।

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