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Punjab Flood: पंजाब में बाढ़ से त्राहिमाम! ब्यास नदी का जलस्तर और बढ़ा, कपूरथला में अलर्ट जारी

Flood in Punjab: पंजाब इस वक्त भीषण बाढ़ की चपेट में है। बाढ़ से सबसे अधिक प्रभावित गांव पठानकोट, गुरदासपुर, फाजिल्का, कपूरथला, तरनतारन, फिरोजपुर, होशियारपुर और अमृतसर जिलों के हैं। बाढ़ से 1,000 से ज्यादा गांव और 61,000 हेक्टेयर से अधिक कृषि भूमि प्रभावित हुई है

अपडेटेड Aug 31, 2025 पर 2:55 PM
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Flood in Punjab: भारी बारिश के कारण ब्यास नदी का जलस्तर 2.35 लाख क्यूसेक तक बढ़ गया है

Flood in Punjab: पंजाब में कपूरथला जिला प्रशासन ने सुल्तानपुर लोधी क्षेत्र के लोगों से लगातार बारिश के बाद ब्यास नदी में जलस्तर बढ़ने के मद्देनजर रविवार (31 अगस्त) को अलर्ट जारी कर सुरक्षित स्थानों पर जाने की अपील की। कपूरथला के उपायुक्त अमित कुमार पांचाल ने बताया कि भारी बारिश के कारण ब्यास नदी का जलस्तर 2.35 लाख क्यूसेक तक बढ़ गया है। निचले इलाकों में रहने वाले लोगों से तुरंत सुरक्षित स्थानों पर जाने का आग्रह किया गया है। मौसम विभाग ने कपूरथला जिले में भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है।

पांचाल ने कहा कि लोगों की जान बचाना प्रशासन की प्राथमिकता है। इसलिए प्रभावित इलाकों के लोगों को सुरक्षित स्थानों पर चले जाना चाहिए। उन्होंने बताया कि सेना और राज्य आपदा मोचन बल के दल लोगों को सुरक्षित स्थानों पर लगातार पहुंचा रहे हैं। सुल्तानपुर लोधी और भुलत्थ इलाके के गांव बाढ़ से सबसे अधिक प्रभावित हैं।

हिमाचल प्रदेश और जम्मू-कश्मीर के जलग्रहण क्षेत्रों में भारी बारिश के कारण सतलुज, व्यास एवं रावी नदियां उफान पर हैं। इसके चलते पंजाब भी बाढ़ की चपेट में है। बाढ़ से सबसे अधिक प्रभावित गांव पठानकोट, गुरदासपुर, फाजिल्का, कपूरथला, तरनतारन, फिरोजपुर, होशियारपुर और अमृतसर जिलों के हैं।


1,000 से अधिक गांव प्रभावित

पंजाब में आई भीषण बाढ़ से 1,000 से ज्यादा गांव और 61,000 हेक्टेयर से अधिक कृषि भूमि प्रभावित हुई है। जबकि राहत एवं बचाव अभियान तेजी से जारी है। बाढ़ से प्रभावित सबसे सबसे ज्यादा गांव गुरदासपुर जिले में हैं। एक तरफ जहां विपक्षी दलों ने आरोप लगाया कि पंजाब के लोग आम आदमी पार्टी (AAP) सरकार की अक्षमता के कारण परेशान हैं।, वहीं राज्य के जल संसाधन मंत्री बी. कुमार गोयल ने दावा किया कि केंद्र के अधीन भाखड़ा ब्यास प्रबंधन बोर्ड (बीबीएमबी) द्वारा जून में समय पर पानी छोड़े जाने से तबाही को काफी हद तक कम किया जा सकता था।

कुछ विपक्षी दलों के नेताओं ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर पंजाब के लिए विशेष राहत पैकेज की मांग की। इस बीच, अकाल तख्त के जत्थेदार ज्ञानी कुलदीप सिंह गर्गज ने शनिवार को लोगों से राज्य के बाढ़ प्रभावित लोगों की मदद करने की अपील की। उन्होंने सभी पंजाबियों से इस मुश्किल घड़ी में एक-दूसरे का साथ देने और संकट में फंसे हर पंजाबी की मदद करने की भी अपील की।

गर्गज ने कहा कि पंजाब में बार-बार आ रही बाढ़ के असली कारणों का पता लगाना जरूरी है ताकि लोग सतर्क और तैयार रहें। कांग्रेस की पंजाब इकाई के अध्यक्ष अमरिंदर सिंह राजा वडिंग ने बाढ़ के लिए बांधों और जल स्रोतों के कथित कुप्रबंधन को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने जिम्मेदारी तय करने की मांग की।

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उन्होंने सवाल किया कि भारी बारिश के पूर्वानुमान के बावजूद, बांधों में पानी जमा क्यों होने दिया गया और चरणबद्ध तरीके से समय पर पानी क्यों नहीं छोड़ा गया। उन्होंने कहा कि यह किसी अप्रत्याशित प्राकृतिक आपदा से ज़्यादा एक आपराधिक लापरवाही है।

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