Indian Railway Ticketing: ट्रेन से यात्रा करने वालों के लिए एक खुशखबरी है। भारतीय रेलवे ने अपने टिकट अपग्रेडेशन नियमों में महत्वपूर्ण बदलाव किए हैं। अब ट्रेन का चार्ट बनने के बाद सेकंड AC में सीटें खाली रहती है तो स्लीपर क्लास के वेटिंग टिकट को सीधे सेकंड AC तक अपग्रेड किया जा सकता है। बता दें कि पहले यह सुविधा केवल थर्ड AC तक ही सीमित थी जिसे अब बदल दिया गया है। इसके साथ ही चेयर कार में भी टिकट अपग्रेड की सुविधा लागू कर दी गई है।
रेलवे बोर्ड के निदेशक (पैसेंजर मार्केटिंग) संजय मनोचा ने 13 मई को सभी जोनल रेलवे को एक पत्र भेजकर इस नए नियम की जानकारी दी है। उन्होंने CRIS (रेलवे सूचना प्रणाली केंद्र) को भी सॉफ्टवेयर में जरूरी बदलाव करने के निर्देश दिए हैं।
कौन-कौन से क्लास में मिलेगा अपग्रेड?
नए नियमों के अनुसार, अब यात्रियों को बिना किसी एक्स्ट्रा शुल्क के उच्च श्रेणी में यात्रा करने का मौका मिलेगा:
स्लीपर से: अब स्लीपर क्लास का टिकट सेकंड AC तक अपग्रेड हो सकेगा (पहले सिर्फ थर्ड AC तक होता था)।
AC चेयर कार से: AC चेयर कार का टिकट एक्जीक्यूटिव क्लास में भी बदला जा सकेगा।
सेकंड AC से: इसी तरह सेकंड AC क्लास के टिकट भी फर्स्ट AC में बदले जा सकते हैं, बशर्ते सीटें उपलब्ध हों।
इस बदलाव से खाली सीटों का बेहतर उपयोग हो सकेगा और यात्रियों को भी बेहतर सुविधाएं मिलेंगी।
2006 से लागू है ऑटो अपग्रेड फैसिलिटी
भारतीय रेलवे ने टिकट अपग्रेड की यह फैसिलिटी साल 2006 में शुरू की थी। इसके तहत, यदि किसी यात्री का स्लीपर क्लास का टिकट कंफर्म नहीं होता और चार्ट बनने के बाद सीटें खाली रह जाती हैं, तो टिकट अपने आप थर्ड AC में अपग्रेड हो जाता था। इस सुविधा के लिए यात्रियों को कोई अतिरिक्त शुल्क नहीं देना पड़ता है। हालांकि, इस सुविधा का लाभ तभी मिलेगा जब टिकट बुकिंग के समय IRCTC की वेबसाइट पर 'ऑटो अपग्रेड' का विकल्प चुना गया हो। यदि यात्री इस विकल्प का चयन नहीं करता है, तो उसका टिकट अपग्रेड नहीं होगा।
यदि कोई यात्री अपग्रेड होने के बाद टिकट रद्द करना चाहता है, तो उसे वही रिफंड मिलेगा जो मूल श्रेणी के टिकट की बुकिंग राशि के अनुसार तय किया गया था। यह सुविधा यात्रियों को कम लागत पर बेहतर श्रेणी में यात्रा करने का अवसर देती है। यह नया नियम रेलवे यात्रा को और अधिक सुविधाजनक और आरामदायक बनाने में मदद करेगा।