Stray Dog Relocation Row: राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में सुप्रीम कोर्ट के बाहर एक वकील और एक डॉग लवर के बीच झड़प हो गई। इस दौरान वकील ने शख्स को थप्पड़ मार दिया। वह कथित तौर पर पशु प्रेमी था। वकील और डॉग लवर्स की मारपीट का वीडियो सामने आया है। वीडियो में एक वकील डॉग लवर को 2 बार थप्पड़ मारता दिख रहा है। आसपास मौजूद लोग बीच-बचाव करते नजर आ रहे हैं। घटना का वीडियो बुधवार को वायरल हो रहा है।
NDTV की रिपोर्ट के अनुसार, यह विवाद उस दिन हुआ जिस दिन सुप्रीम कोर्ट ने आवारा कुत्तों पर अपना ऐतिहासिक आदेश सुनाया था। वीडियो 11 अगस्त का बताया जा रहा है। इसी दिन सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली-एनसीआर के सभी इलाकों से आवारा कुत्तों को हटाकर शेल्टर होम में रखने का निर्देश दिया था।
सोशल मीडिया पर वायरल हुए एक वीडियो में एक वकील कुत्ते प्रेमियों से झगड़ता हुआ दिखाई दे रहा है। इस दौरान वकील ने एक डॉग लवर को खींचकर पीटने के बाद उसे थप्पड़ भी जड़ दिया। वकील ने उस व्यक्ति को कम से कम दो बार मारा। लेकिन लोगों ने बीच-बचाव करके झगड़ा रुकवा दिया।
बताया जा रहा है कि कुत्तों को लेकर सुप्रीम कोर्ट का आदेश आने के कुछ देर बाद कुछ लॉग लवर्स विरोध करने शीर्ष अदालत पहुंच गए। इस दौरान जमकर हंगामा हुआ। एक वकील ने कुछ बोल दिया तो मारपीट की नौबत आ गई। उसके बाद इंडिया गेट पर भी भारी प्रदर्शन हुआ। यह मामला अब तुल पकड़ने लगा है। हालांकि, मारपीट के पीछे की वजह सामने नहीं आई है।
न्यूज एजेंसी ANI से बात करते हुए सुप्रीम कोर्ट के आदेश के खिलाफ इंडिया गेट के सामने विरोध प्रदर्शन करने पर पुलिस द्वारा हिरासत में लिए गए कुत्तों की देखभाल करने वाले एक व्यक्ति ने कहा,वे नहीं चाहते कि हम बात करें... मुझे हिरासत में लिया गया है क्योंकि मैं जानवरों को खिलाने का नेक काम करता हूं।"
CJI ने मामले पर दिया आश्वासन
चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (CJI) बीआर गवई ने आवारा कुत्तों से संबंधित एक याचिका का सुप्रीम कोर्ट में तत्काल सुनवाई के लिए उल्लेख किए जाने पर बुधवार को आश्वासन दिया कि वह इस पर गौर करेंगे। CJI गवई और जस्टिस के. विनोद चंद्रन की पीठ के समक्ष एक वकील ने कॉन्फ्रेंस फॉर ह्यूमन राइट्स (इंडिया) की याचिका का उल्लेख किया। CJI ने कहा कि एक अन्य पीठ आवारा कुत्तों के संबंध में एक आदेश पहले ही पारित कर चुकी है।
जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस आर महादेवन की पीठ ने सोमवार को कहा था कि कुत्तों के काटने की घटनाओं ने बेहद गंभीर स्थिति पैदा कर दी है। उसने दिल्ली-राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में सभी आवारा कुत्तों को स्थायी रूप से शीघ्र अति शीघ्र शेल्टर होम में शिफ्ट करने का आदेश दिया था।
वकील ने जस्टिस जे के माहेश्वरी की अगुवाई वाली पीठ द्वारा मई 2024 में पारित उस आदेश का बुधवार को हवाला दिया। जिसमें आवारा कुत्तों के मुद्दे से संबंधित याचिकाओं को संबंधित हाई कोर्ट में सिफ्ट कर दिया गया था। इसके बाद चीफ जस्टिस ने आश्वासन दिया कि वह इस पर गौर करेंगे।
कॉन्फ्रेंस फॉर ह्यूमन राइट्स (इंडिया) की याचिका में दावा किया गया है कि उस पशु जन्म नियंत्रण (कुत्ते) नियम, 2001 का पालन नहीं किया जा रहा जिसमें आवारा कुत्तों की बढ़ती संख्या को नियंत्रित करने के लिए नियमित नसबंदी और टीकाकरण कार्यक्रम अनिवार्य किए गए हैं।
अदालत ने सोमवार को कहा था कि कुत्तों के लिए शेल्टर होम की संख्या समय के साथ बढ़ानी होगी। सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली के अधिकारियों को निर्देश दिया था कि वे छह से आठ सप्ताह के भीतर लगभग 5,000 कुत्तों के लिए शेल्टर होम बनाएं। पीठ ने चेतावनी भी दी थी कि यदि कोई व्यक्ति या संगठन आवारा कुत्तों को उठाने के काम में बाधा डालेगा तो उसके खिलाफ अदालत अवमानना की कार्यवाही शुरू करेगी।