Stray Dogs News: आवारा कुत्तों पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले से सोशल मीडिया पर छिड़ी बहस, नेता से लेकर अभिनेता तक...जानें- किसने क्या कहा
Supreme Court Order on Stray Dogs: सुप्रीम कोर्ट ने 11 अगस्त को निर्देश दिया कि दिल्ली सरकार और गुरुग्राम, नोएडा और गाजियाबाद के नगर निकाय सभी आवारा पशुओं को हटाकर शेल्टर होम में रखें। कोर्ट ने कहा कि आवारा कुत्तों के काटने से बच्चों में होने वाली रेबीज की समस्या बेहद गंभीर है। बॉलीवुड से लेकर राजनेता और पशु प्रेमियों ने सुप्रीम के फैसले का विरोध किया है
Supreme Court Order on Stray Dogs: आवारा कुत्तों को लेकर सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर सोशल मीडिया पर लोग दो गुटों में बंट गए हैं
SupremeCourtOrderonStrayDogs: दिल्ली-NCR(राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र)की सड़कों से आवारा कुत्तों को हटाने के सुप्रीम कोर्ट के फैसले को लेकर सोशल मीडिया पर तीखी बहस छिड़ गई है। बॉलीवुड से लेकर राजनेता और पशु प्रेमियों ने सुप्रीम कोर्ट के निर्देश का विरोध किया है। आवारा कुत्तों को हटाने के सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर सोशल मीडिया पर व्यापक चर्चा हो रही है। कोर्ट ने सोमवार (11 अगस्त) को आवारा कुत्तों की समस्या को बेहद गंभीर करार देते हुए दिल्ली सरकार और गुरुग्राम, नोएडा एवं गाजियाबाद केनगर निकायों को सभी इलाकों से उनको जल्द से जल्द उठाने और डॉगशेल्टर होम में रखने का आदेश दिया।
शीर्ष अदालत ने इस अभियान में बाधा डालने वाले लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की चेतावनी भी दी है। सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले पर सोशल मीडिया पर लोग दो गुट में बंट गए हैं। इसमें एक पक्ष सुप्रीम कोर्ट के निर्देश का समर्थन कर रहा है। वह आवारा कुत्तों से निवासियों को होने वाली असुविधा एवं रेबीज के खतरे का हवाला दे रहा है।
जबकि दूसरा पक्ष इसे अव्यावहारिक और अमानवीय बता रहा है। कुत्तों से प्यार करने वालों का कहना है कि इस कदम से समस्या का स्थायी समाधान नहीं होगा। इस फैसले के खिलाफ कई लोग CJI को पत्र भी लिख चुके हैं।
पढ़ें- किसने क्या कहा?
राहुलगांधी:- कांग्रेसनेताराहुलगांधीनेमंगलवार (12 अगस्त)कोकहाकिदिल्ली-एनसीआरसेसभीआवाराकुत्तोंकोहटानेकासुप्रीमकोर्टकानिर्देशदशकोंपुरानीमानवीयऔरविज्ञान-समर्थितनीतिसेएककदमपीछेहै। सुप्रीमकोर्टकेनिर्देशपरप्रतिक्रियादेतेहुएराहुलगांधीनेकहा, "दिल्ली-एनसीआरसेसभीआवाराकुत्तोंकोहटानेकाउच्चतमन्यायालयकानिर्देशदशकोंसेचली आ रहीमानवीय, विज्ञान-समर्थितनीतिसेएककदमपीछेहै।"
मेनका गांधी:-पशु अधिकार कार्यकर्ता और पूर्व केंद्रीय मंत्री मेनका गांधी ने आवारा कुत्तों को शेल्टर होम में रखने के शीर्ष अदालत के निर्देश को अव्यावहारिक, वित्तीय लिहाज से अनुपयुक्त और क्षेत्र के पारिस्थितिकी संतुलन के लिए संभावित रूप से हानिकारक करार दिया। मेनकानेकहाकिइसकामकी जटिलता इसे अव्यावहारिक बनाती है।
उन्होंने पीटीआई से कहा, "दिल्ली में तीन लाख आवारा कुत्ते हैं। उन सभी को सड़कों से हटाने के लिए आपको 3,000 पाउंड (पालतू जानवरों के लिए शेल्टर होम) बनाने होंगे, जिनमें से प्रत्येक में जल निकासी, पानी, शेड, रसोई और चौकीदार की व्यवस्था हो। इस पर लगभग 15,000 करोड़ रुपये खर्च होंगे। क्या दिल्ली के पास इसके लिए 15,000 करोड़ रुपये हैं?"
पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि सड़कों से उठाए गए आवारा कुत्तों के लिए खाने की व्यवस्था करने पर हर हफ्ते पांच करोड़ रुपये की जरूरत होगी। उन्होंने आगाह किया कि आवारा कुत्तों को हटाने से नई समस्याएं पैदा हो सकती हैं। इससे जनता में आक्रोश भी फैल सकता है।
मेनका ने फैसले की वैधता पर भी सवाल उठाया। उन्होंने कहा कि एक महीने पहले ही शीर्ष अदालत की एक अन्य पीठ ने इसी मुद्दे पर एक संतुलित फैसला सुनाया था। मेनका ने कहा, "अब एक महीने बाद दो सदस्यीय पीठ दूसरा फैसला देती है, जिसमें कहा गया है कि सबको पकड़ो।कौन-सा फैसला सही है? जाहिर है, पहलावाला, क्योंकियहपक्षोंकीसहमतिवालाफैसला है।"
उन्होंने कहा, "48 घंटोंकेभीतरगाजियाबादऔरफरीदाबादसेतीनलाखकुत्ते आ जाएंगे, क्योंकिदिल्लीमेंखानाउपलब्धहै। औरजैसेहीआपकुत्तोंकोहटाएंगे, बंदरसड़कपर आ जाएंगे... मैंने अपने घर में भी ऐसा होते देखा है। 1880 के दशक में पेरिस में, जब कुत्तों और बिल्लियों को हटाया गया, तो शहर चूहों से भर गया था।"
जॉनअब्राहम:-अभिनेता जॉनअब्राहम ने मंगलवार को चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (CJI) बीआरगवई को पत्र लिखकर दिल्ली-NCR से आवारा कुत्तों को हटाने के सुप्रीम कोर्ट के निर्देश की समीक्षा करने और उसमें संशोधन का आग्रह किया। जॉनअब्राहम को 'पीपल फॉर द एथिकलट्रीटमेंट ऑफ एनिमल्स' (PETAINDIA) इंडिया का पहला मानद निदेशक नियुक्त किया गया था। उन्होंने कहा कि कुत्ते आवारा नहीं हैं। बल्कि समुदाय का हिस्सा हैं और बहुत से लोग इनसे विशेष लगाव रखते हैं।
अब्राहम ने कहा, "मुझे उम्मीद है कि आप इस बात से सहमत होंगे कि ये आवारानहीं, बल्कि समुदाय का हिस्सा हैं, जिनसे कई लोग विशेष लगाव रखते हैं और प्रेम करते हैं, खासकर दिल्ली के लोग...।" अभिनेता ने कहा कि यह निर्देश पशु जन्म नियंत्रण (एबीसी) नियम, 2023 और इस मुद्दे पर शीर्ष अदालत के पिछले फैसलों के खिलाफ है, जिनमें हमेशा ‘व्यवस्थित नसबंदी कार्यक्रमका समर्थन किया गया है।"
जयपुर और लखनऊ जैसे शहरों का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा, "एबीसी नियम कुत्तों को हटाने की अनुमति नहीं देते, बल्कि उनकी नसबंदी एवं टीकाकरण करने और उनके पूर्व के स्थान पर वापस छोड़ने का प्रावधान करते हैं। जहां एबीसी कार्यक्रम को ईमानदारी से लागू किया गया, वहां यह कारगर साबित हुआ।"
उन्होंने कहा, "दिल्ली भी ऐसा कर सकती है। नसबंदी के दौरान कुत्तों को रेबीज का टीका लगाया जाता है और इसके बाद कुत्ते शांत हो जाते हैं, उनके खूंखार होने और काटने की घटनाएं कम हो जाती हैं। चूंकि कुत्ते अपने इलाके को पहचानते हैं, इसलिए वे बिना नसबंदी और बिना टीकाकरण वाले कुत्तों को अपने इलाके में घुसने नहीं देते।" अभिनेता के अनुसार, सार्वजनिक स्थानों से आवारा कुत्तों को हटाने से समस्या का समाधान नहीं होगा।
साकेतगोखले:- तृणमूल कांग्रेस (TMC) के सांसद साकेतगोखले ने मंगलवार को CJIबीआरगवई को पत्र लिखकर दिल्ली में आवारा कुत्तों को सड़क से हटाने के उच्चतम न्यायालय के निर्देशों पर रोक लगाने की अपील की। राज्यसभा सदस्य गोखले ने CJI को लिखे एक पत्र में दलील दी कि सुप्रीम कोर्ट का निर्देश पशु जन्म नियंत्रण नियम, 2023 का उल्लंघन करता है।
उन्होंने आग्रह किया कि सुप्रीम कोर्ट को इस मामले में स्वतः संज्ञान लेते हुए इस मुद्दे का समग्र और मानवीय समाधान सुनिश्चित करने के लिए विशेषज्ञों एवं अन्य हितधारकों की एक समिति गठित करने पर विचार करना चाहिए। गोखले ने यह भी कहा कि इस फैसले में बड़ी संख्या में डॉग्सशेल्टर होम स्थापित करने में आने वाली बाधाओं पर ध्यान नहीं दिया गया।
प्रियंका गांधी वाड्रा:- कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाड्रा ने कहा कि शहर के सभी आवारा कुत्तों को कुछ ही हफ्तों में शेल्टर में भेजने का कदम उनके साथ बेहद अमानवीय व्यवहार होगा। प्रियंका गांधी ने कहा कि कुत्ते सबसे सुंदर और सौम्य प्राणी हैं। वे इस तरह क्रूर बर्ताव के हकदार नहीं हैं।
प्रियंका गांधी ने X पर एक पोस्ट में कहा, "शहर के सभी आवारा कुत्तों को कुछ ही हफ्तों में शेल्टर होम्स पर भेजना उनके साथ बेहद अमानवीय व्यवहार होगा। उन्हें रखने के लिए पर्याप्त शेल्टर होम भी मौजूद नहीं हैं।" कांग्रेस महासचिव ने कहा कि शहरी परिवेश में पशुओं के साथ दुर्व्यवहार और क्रूरता की जाती है।
वायनाड से लोकसभा सांसद प्रियंका गांधी ने कहा, "स्थिति को संभालने का निश्चित रूप से एक बेहतर तरीका है। कोई ऐसा मानवीय तरीका खोजा जा सकता है, जिसमें इन निर्दोष जानवरों की देखभाल की जा सके और उन्हें सुरक्षित रखा जा सके।" प्रियंका गांधी ने कहा कि कुत्ते सबसे सुंदर और सौम्य प्राणी हैं, वे इस तरह के क्रूर बर्ताव के हकदार नहीं हैं।
सुप्रीम कोर्ट के आदेश की बड़ी बातें
दिल्ली, नोएडा, गुरुग्राम और गाजियाबाद के नगर निगम अधिकारी जल्द से जल्द सभी इलाकों से कुत्तों को हटाना शुरू करें।
दिल्ली सरकार और NCR के सभी नगर निकाय तत्काल कुत्तों के लिए शेल्टर होम बनाए और आठ सप्ताह के भीतर ऐसे बुनियादी ढांचे के निर्माण पर रिपोर्ट पेश करे।
आवारा कुत्तों के नसबंदी और टीकाकरण के लिए शेल्टरहोम्स में पर्याप्त कर्मचारी होने चाहिए।
आवारा कुत्तों को शेल्टर होम में बंद रखा जाए। उन्हें सड़कों, कॉलोनियों या सार्वजनिक स्थानों पर न छोड़ा जाए।
आवारा कुत्तों के शेल्टर होम की सीसीटीवी से निगरानी की जाए ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि कोई कुत्ता बाहर न छोड़ा जाए या न ले जाया जाए।
दिल्ली के अधिकारी अगले छह से आठ सप्ताह में लगभग 5,000 कुत्तों के लिए शेल्टर होम बनवाएं।
यदि कोई व्यक्ति या संगठन आवारा कुत्तों को शेल्टर होम पर ले जाने में बाधा डालता है तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। उसके खिलाफ अवमानना की कार्यवाही शुरू की जा सकती है।
शिशुओं और छोटे बच्चों को किसी भी कीमत पर कुत्ते के काटने का शिकार नहीं बनने देना चाहिए, जिससे रेबीज हो सकता है।
अधिकारी एक सप्ताह के भीतर कुत्ते के काटने की शिकायतें दर्ज करने के लिए हेल्पलाइन स्थापित करें।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि स्थिति 'बेहदगंभीर' है, कुत्तों के काटने से होने वाले रेबीज के खतरे को रोकने के लिए तत्काल कदम उठाने की जरूरत है।