अमेरिका के न्याय विभाग की एक आधिकारिक रिलीज में कहा गया है कि नवंबर 2008 में मुंबई पर आतंकवादी हमलों के तुरंत बाद, तहव्वुर राणा ने कथित तौर पर अपने बचपन के दोस्त डेविड कोलमैन हेडली से कहा था कि आतंकवादियों को ‘निशान-ए-हैदर‘ दिया जाना चाहिए। 'निशान-ए-हैदर' युद्ध में वीरता के लिए पाकिस्तान का सर्वोच्च पुरस्कार है। दस्तावेज के अनुसार, तहव्वुर राणा ने मुंबई हमलों को लेकर हेडली से ये भी कहा था कि "भारत के लोग इसके हकदार थे"।