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Tahawwur Rana: तहव्वुर राणा मुंबई हमलों के आतंकियों को दिलाना चाहता था पाकिस्तान का वीरता पुरस्कार! अमेरिकी दस्तावेजों से हुआ बड़ा खुलासा

दस्तावेज के अनुसार, तहव्वुर राणा ने मुंबई हमलों को लेकर हेडली से ये भी कहा था कि "भारत के लोग इसके हकदार थे"। डेविड कोलमैन हेडली वही है, जिसने पाकिस्तान में बैठे आतंकवादी संगठनों के आदेश पर मुंबई में हमले वाले टारगेट की रेकी की थी। दस्तावेज में कहा गया है, "हमले पूरे होने के बाद राणा ने हेडली से कथित तौर पर कहा था कि भारतीय इसी के लायक थे

MoneyControl Newsअपडेटेड Apr 11, 2025 पर 12:47 PM
Tahawwur Rana: तहव्वुर राणा मुंबई हमलों के आतंकियों को दिलाना चाहता था पाकिस्तान का वीरता पुरस्कार! अमेरिकी दस्तावेजों से हुआ बड़ा खुलासा
तहव्वुर राणा मुंबई हमलों के आतंकियों को दिलाना चाहता था पाकिस्तान का वीरता पुरस्कार!

अमेरिका के न्याय विभाग की एक आधिकारिक रिलीज में कहा गया है कि नवंबर 2008 में मुंबई पर आतंकवादी हमलों के तुरंत बाद, तहव्वुर राणा ने कथित तौर पर अपने बचपन के दोस्त डेविड कोलमैन हेडली से कहा था कि आतंकवादियों को ‘निशान-ए-हैदर‘ दिया जाना चाहिए। 'निशान-ए-हैदर' युद्ध में वीरता के लिए पाकिस्तान का सर्वोच्च पुरस्कार है। दस्तावेज के अनुसार, तहव्वुर राणा ने मुंबई हमलों को लेकर हेडली से ये भी कहा था कि "भारत के लोग इसके हकदार थे"।

डेविड कोलमैन हेडली वही है, जिसने पाकिस्तान में बैठे आतंकवादी संगठनों के आदेश पर मुंबई में हमले वाले टारगेट की रेकी की थी। दस्तावेज में कहा गया है, "हमले पूरे होने के बाद राणा ने हेडली से कथित तौर पर कहा था कि भारतीय इसी के लायक थे।"

इसमें कहा गया है, "हेडली के साथ इंटरसेप्ट की गई बातचीत में राणा ने हमले में मारे गए नौ लश्कर आतंकवादियों की कथित तौर पर सराहना करते हुए कहा कि उन्हें निशान-ए-हैदर दिया जाना चाहिए।" ये पुरस्कार युद्ध में वीरता के लिए पाकिस्तान का सर्वोच्च पुरस्कार है, जो शहीद सैनिकों के लिए आरक्षित है।"

अमेरिकी दस्तावेजों में हुआ क्या-क्या खुलासा?

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