Delhi pollution: पूर्व IPS अधिकारी किरण बेदी ने एक बार फिर दिल्ली की बिगड़ती वायु गुणवत्ता पर चिंता जताई है। उन्होंने X (पहले ट्विटर) पर कई पोस्ट शेयर करके शहर के खतरनाक प्रदूषण स्तर को उजागर किया है। उन्होंने पोस्ट में बताया कि दिल्ली का एयर क्वॉलिटी इंडेक्स (AQI) इस समय 458 है, जो की “खतरनाक” श्रेणी में आता है। हवा में पाए गए मुख्य प्रदूषकों का स्तर इस प्रकार है: PM10: 339.92, PM2.5: 378.56, NO2: 97.67, SO2: 22.23, O3: 9.95 और CO: 120.53।
बेदी ने डाउन टू अर्थ पत्रिका का एक कार्टून भी रीपोस्ट किया, जिसमें एक अस्पताल में दो मरीज दिखाए गए थे। एक मरीज 700 AQI वाला ऑक्सीजन मास्क पहने हुए था, दूसरा साफ हवा की मांग करने पर घायल हो गया। जो बिगड़ते प्रदूषण के मानवीय प्रभाव को दर्शाता है।
उन्होंने 27 नवंबर को एक पोस्ट में अपने इलाके इंदिरापुरम की स्थिति का भी वर्णन किया, जहां AQI 587 तक पहुंच गया है, और बताया कि उन्होंने शिक्षकों के अनुरोध के बावजूद अपने बच्चे को स्कूल नहीं जाने दिया और अपने परिवार की सुरक्षा के लिए प्रिंसिपल को पत्र लिखा है।
25 नवंबर को प्रकाशित अपनी पिछली पोस्ट में, बेदी ने विस्तार से बताया था कि कैसे दिल्ली के प्रदूषण ने उनके स्वास्थ्य को बुरी तरह प्रभावित किया है, जिससे उन्हें छींकें, सीने में जकड़न और चलने-फिरने में दिक्कत हो रही है, साथ ही वे लोधी गार्डन या नेहरू पार्क में टहलने जैसी बाहरी गतिविधियों का आनंद भी नहीं ले पा रही हैं।
किरण बेदी ने पोस्ट में PMO को किया टैग
किरण बेदी ने 27 नवंबर को एक पोस्ट में PMO इंडिया को टैग करके लिखा कि, यह पीड़ादायक और निराशाजनक है। महोदय, कृपया सक्रिय रूप से हस्तक्षेप करें। "मैं इंदिरापुरम में रहती हूँ, और अभी AQI 587 है। शिक्षकों के संदेश के बावजूद मैंने अपने बच्चे को स्कूल नहीं भेजा है। मैंने प्रधानाचार्य को एक सख्त पत्र लिखा है। मेरे नियंत्रण क्षेत्र में जो भी होगा, मैं वही करूंगी।"
दिल्ली के वायु प्रदूषण संकट को दूर करने के लिए प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) से हस्तक्षेप की मांग करने वाली अपनी सोशल मीडिया पोस्ट के बारे में पूछे जाने पर, पुडुचेरी की पूर्व उपराज्यपाल और पूर्व आईपीएस अधिकारी किरण बेदी कहती हैं, "मैंने सम्माननीय प्रधानमंत्री से नेतृत्व करने की अपील इसलिए की है क्योंकि फिलहाल इस मामले को एक रिटायर्ड सिविल सर्वेंट देख रहे हैं। समितियां और समूह तो बना दिए गए हैं, लेकिन इस समय जिस मजबूत राजनीतिक समर्थन की आवश्यकता है, वह गायब है। यह मूल रूप से कई राज्यों हरियाणा, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, दिल्ली और पंजाब से जुड़ा एक समन्वय का मुद्दा है। चूंकि यह एक अंतर-राज्यीय मामला है, इसलिए इसे केवल एक रिटायर्ड सिविल सेवक पर नहीं छोड़ा जा सकता है। चाहे निर्माण कार्य हो, सफाई हो या विकास संबंधी नियम, इनका सही से पालन कराने के लिए मजबूत, समन्वित और प्रभावी नेतृत्व की जरूरत होती है।"
उन्होंने आगे कहा कि, "यह स्थिति कोविड जैसी ही है। मैंने खुद देखा है कि कैसे प्रधानमंत्री ने उस संकट के दौरान देश का मार्गदर्शन किया, उसे प्रेरित किया और एकजुट किया। जब राज्यों और क्षेत्रों के बीच समन्वय की आवश्यकता होती है, खासकर मौजूदा राजनीतिक चुनौतियों के साथ, तो उनसे बेहतर कोई नहीं कर सकता। अगर प्रधानमंत्री सीधे हस्तक्षेप नहीं करना चाहते, तो कम से कम आयोग को मंत्रियों के समूह के अधीन रखा जा सकता है, क्योंकि यह मुद्दा कई राज्यों से संबंधित है और जन स्वास्थ्य को प्रभावित करता है।
वायु प्रदूषण बार-बार लॉच रहा है
बेदी ने कहा, “वायु प्रदूषण कम होता हुआ प्रतीत हो सकता है, लेकिन बार-बार लौट रहा है, और यह बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक, हर दिल्लीवासी को नुकसान पहुंचा रहा है। इसलिए प्रधानमंत्री कार्यालय का मजबूत नेतृत्व आवश्यक है।"