Tirupati Laddu Scam: तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम (TTD) के प्रसाद लड्डू में मिलावट के मामले की जांच कर रही विशेष जांच दल (SIT) ने दिल्ली के एक व्यापारी अजय कुमार सुगंध को गिरफ्तार कर लिया है। कारोबारी को नकली घी बनाने में इस्तेमाल होने वाले रसायनों की आपूर्ति में कथित भूमिका के लिए गिरफ्तार किया गया है। कारोबारी आंध्र प्रदेश के प्रसिद्ध तिरुपति मंदिर का संचालन करने वाले तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम को 250 करोड़ रुपये का 68 लाख किलोग्राम नकली घी सप्लाई करने में कामयाब रहा। यह खुलासा तिरुपति लड्डू घी में मिलावट की सीबीआई जांच में हुआ है।
केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) के नेतृत्व वाली विशेष जांच टीम ने आरोपी अजय कुमार सुगंध की गिरफ्तारी के बाद चौंकाने वाले खुलासे किए हैं। सुगंध ने भोले बाबा ऑर्गेनिक डेयरी को मोनोडाइग्लिसराइड्स और एसिटिक एसिड एस्टर जैसे विभिन्न रसायनों की आपूर्ति की थी। अजय कुमार ने कथित तौर पर भोलेबाबा डेयरी के निदेशकों पोमिल जैन और विपिन जैन के साथ कई वर्षों तक काम किया। उसने निजी डेयरी लेबल के तहत टीटीडी को आपूर्ति किए जाने वाले घी में मिलावट करने के लिए इस्तेमाल होने वाले प्रमुख रासायनिक घटक उपलब्ध कराए।
SIT अधिकारियों के अनुसार, व्यापारी लगभग सात वर्षों से भोलेबाबा डेयरी को मोनोग्लिसराइड्स, एसिटिक एसिड और एस्टर की आपूर्ति कर रहा था। ये रसायन अजय कुमार की कंपनी के नाम से खरीदे गए और डेयरी की उत्पादन कंपनियों को भेजे गए। जांचकर्ताओं का आरोप है कि शुद्ध घी की बनावट और सुगंध की नकल करने के लिए पाम ऑयल में रासायनिक तत्वों को मिलाकर बनाया गया मिलावटी घी वैष्णवी और एआर डेयरी ब्रांड नामों से बेचा किया गया था। बाद में पवित्र तिरुपति लड्डुओं में इस्तेमाल किया गया था।
90 प्रतिशत से अधिक घी मिलावटी पाया गया
एसआईटी की जांच से पता चला है कि प्रसिद्ध तिरुपति लड्डुओं को बनाने में इस्तेमाल किए गए 90 प्रतिशत से अधिक घी में पाम ऑयल और रासायनिक पदार्थ मिलाए गए थे। यह घोटाला सितंबर 2024 में तब सामने आया। आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू ने पिछली सरकार पर टीटीडी लड्डू उत्पादन में चर्बी वाले मिलावटी घी के इस्तेमाल की अनुमति देने का आरोप लगाया था। इस खुलासे से जनता में आक्रोश फैल गया। राज्य ने मामले की जांच के लिए अदालत की निगरानी में एक एसआईटी का गठन किया।
अजय कुमार को तीन दिन पहले दिल्ली में हिरासत में लिया गया था। बाद में पूछताछ के लिए तिरुपति स्थित एसआईटी कार्यालय लाया गया। जांचकर्ताओं ने कथित तौर पर रसायनों की आपूर्ति से जुड़े वित्तीय रिकॉर्ड की जांच की गई। फिर उन्हें नेल्लोर एसीबी कोर्ट में पेश किया गया, जहां से उन्हें 21 नवंबर तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया।
इस बीच, एसआईटी मिलावट के इस गोरखधंधे में शामिल आपूर्तिकर्ताओं और वित्तीय समर्थकों के व्यापक नेटवर्क का पता लगाने में जुटी है। SIT के अनुसार, प्रमोटरों ने नकली देसी घी निर्माण यूनिट स्थापित की और दूध खरीद और भुगतान रिकॉर्ड में जालसाजी की।