Karnataka News: कर्नाटक विधानसभा में जनता दल सेक्युलर (JDS) के विधायक एमटी कृष्णप्पा के एक प्रस्ताव से विवाद खड़ा हो गया है। रिपोर्ट के मुताबिक, कृष्णप्पा ने कहा कि हम लोगों को शराब पीने से नहीं रोक सकते। विधायक ने सरकार से अपील करते हुए कहा कि आप महिलाओं को 2,000 रुपये प्रति माह, मुफ्त बिजली और फ्री बस यात्रा दे रहे हैं। इसलिए, जो लोग शराब पीते हैं, उन्हें हर सप्ताह दो बोतल शराब मुफ्त दें। उन्होंने कहा कहा कि जो पी रहा है उन्हें पीने दें। इस प्रस्तवा पर विधानसभा में गरमागरम बहस हुई।
'इंडिया टुडे' की रिपोर्ट के अनुसार, जेडीएस विधायक एमटी कृष्णप्पा द्वारा मंगलवार (18 मार्च) को कर्नाटक विधानसभा में पेश किए गए इस हालिया प्रस्ताव ने विवाद खड़ा कर दिया है। इसमें कांग्रेस के नेतृत्व वाली सरकार को पुरुषों को प्रति सप्ताह दो मुफ्त शराब की बोतलें देने करने का सुझाव दिया गया है।
रिपोर्ट के अनुसार, जेडीएस विधायक एमटी कृष्णप्पा ने मुख्यमंत्री सिद्धारमैया द्वारा हाल ही में आबकारी राजस्व लक्ष्य को 36,500 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 40,000 करोड़ रुपये करने पर भी टिप्पणी की। उनकी टिप्पणी महिलाओं को 2,000 रुपये देने की चल रही कल्याणकारी पहल पर तीखा हमला थी।
विधानसभा में बोलते हुए एमटी कृष्णप्पा ने कहा, "आप महिलाओं को 2,000 रुपये प्रति माह, मुफ्त बिजली और मुफ्त बस यात्रा दे रहे हैं। वैसे भी यह हमारा पैसा है। इसलिए, जो लोग शराब पीते हैं, उन्हें हर हफ्ते दो बोतल शराब मुफ्त दें। उन्हें पीने दें। हम पुरुषों को हर महीने पैसे कैसे दे सकते हैं? इसके बजाय, उन्हें कुछ दें, सप्ताह में दो बोतलें...। इसमें क्या गलत है? सरकार समाजों के माध्यम से यह प्रदान कर सकती है।"
JDS विधायक एमटी कृष्णप्पा की टिप्पणी के बाद कांग्रेस नेताओं ने तीखी प्रतिक्रिया दी। प्रस्ताव को खारिज करते हुए ऊर्जा मंत्री केजे जॉर्ज ने कहा, "आप चुनाव जीतते हैं। सरकार बनाते हैं और ऐसा करते हैं। हम लोगों को कम शराब पीने के लिए प्रेरित करने की कोशिश कर रहे हैं।" वहीं, इस विचार का विरोध करते हुए स्पीकर यूटी खादर ने कहा, "दो बोतल दिए बिना हम पहले से ही संघर्ष कर रहे हैं। अगर हम उन्हें मुफ्त में शराब देंगे तो क्या होगा?"
इस दौरान यह दावा किए जाने पर कि कई विधायक खुद शराब पीते हैं, कृष्णप्पा की टिप्पणी का कड़ा विरोध हुआ। खासकर महिला विधायकों ने तीखी प्रतिक्रिया दी। प्रस्ताव पर हाल ही में हुई बहस ने कर्नाटक की वित्तीय नीतियों के इर्द-गिर्द चल रही बहस को आकर्षित किया। इसमें कांग्रेस सरकार के तहत व्यापक कल्याणकारी योजनाएं शामिल हैं। इससे पहले, कांग्रेस सरकार ने महिलाओं के लिए मुफ्त बस यात्रा और कैश देने जैसी पहल शुरू की थी। लेकिन विपक्ष और आलोचकों का तर्क है कि ये वित्तीय रूप से बोझिल हैं।