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Rising India Summit : दुनिया में अमेरिकी लीडरशिप के अंत का समय, अब चीन को करनी चाहिए अगुआई - जेफरी सैक्स

Trump tariff tantrum : अमेरिकन इकोनॉमिस्ट जेफरी सैक्स ने भारत को चीन को छोड़ अमेरिका से नजदीकी बढ़ाने पर चेतावनी दी है। न्यूज18 राइजिंग भारत समिट में जेफरीज ने कहा कि अमेरिका को खुश करने के लिए भारत को एंटी चाइना नहीं होना चाहिए। भारत-चीन के सामान्य रिश्ते जरूरी हैं। उन्होंने ये भी कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ग्लोबल इकोनॉमी को तबाह कर रहे हैं

अपडेटेड Apr 10, 2025 पर 4:46 PM
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Reciprocal tariff : जेफरी सैक्स ने कहा कि यह दुनिया में अमेरिकी लीडरशप के अंत का समय है। अमेरिका को स्थिरता प्रदान करने वाले के रूप में देखने वाले अन्य देशों के भरोसे का भी अंत है। चीन को अब और अधिक लीडरशिप वाली भूमिका निभानी होगी

Rising India Summit : जाने-माने अमेरिकी अर्थशास्त्री जेफरी सैक्स ने भारत को चीन के साथ अपने संबंधों की कीमत पर अमेरिका के साथ नज़दीकी बढ़ाने के बारे में चेतावनी दी है। सीएनबीसी टीवी -18 की शीरीन भान से बात करते हुए सैक्स ने कहा है कि भारत को अमेरिका को खुश करने के लिए चीन विरोधी नहीं होना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप वैश्विक अर्थव्यवस्था को बर्बाद कर रहे हैं।

उन्होंने आगे कहा कि संयुक्त राज्य अमेरिका एक बार फिर विश्व अर्थव्यवस्था को बर्बाद करने की राह पर है। यह अमेरिकी नीति नहीं है,न ही ये कांग्रेस की नीति है,न ही अमेरिकी सार्वजनिक नीति है। यह डोनाल्ड ट्रंप की नीति है,वह अकेले ही वैश्विक अर्थव्यवस्था को बर्बाद कर रहे हैं, सब कुछ ठीक होने के पहले बड़ा नुकसान होने वाला है।

भारत को वास्तव में चीन के साथ सामान्य संबंधों की जरूरत है । भारत को इस बात पर गर्व होना चाहिए कि वह एक महान सभ्यता है और यह एक ऐसा देश है जो 21वीं सदी में दुनिया में एक बड़ी भूमिका निभाने जा रहा है। भारत के लिए जेफरी सैक्स की सलाह है कि अमेरिका के साथ अच्छे संबंध रखें लेकिन अमेरिका के बहकावे में न आएं और चीन विरोधी न बनें। क्योंकि इससे अमेरिका को अपने बारे में बहुत अच्छा महसूस होगा और आपके समझौतों में तेज़ी आएगी।


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जेफरी सैक्स ने आगे कहा कि यह दुनिया में अमेरिकी लीडरशप के अंत का समय है। अमेरिका को स्थिरता प्रदान करने वाले के रूप में देखने वाले अन्य देशों के भरोसे का भी अंत है। चीन को अब और अधिक लीडरशिप वाली भूमिका निभानी होगी। अब चाइनीज करेंसी रेनमिनबी का अंतर्राष्ट्रीयकरण करना होगा। यह प्रक्रिया कदम दर कदम आगे बढ़ रही है लेकिन इसे और तेज करना होगा। चीन को चाइनीज युआन को ग्लोबल बनाने में अग्रणी भूमिका निभानी चाहिए।

 

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