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हैदराबाद में दो वरिष्ठ नगारिकों से ₹2.2 करोड़ की धोखाधड़ी, जालसाजों ने फर्जी डिजिटल गिरफ्तारी की धमकी देकर की ठगी

Hyderabad cybercrime: हैदराबाद में जालसाजों ने खुद को कानून प्रवर्तन अधिकारी बताकर दो वरिष्ठ नागरिकों को अंतरराष्ट्रीय मानव तस्करी और आतंकवाद जैसे गंभीर मामलों में फंसाने की धमकी दी। फिर नकली “डिजिटल गिरफ्तारी” का डर दिखाकर जालसाजों ने उनसे 2.2 करोड़ रुपये ठग लिए।

Translated By: Ashwani Kumar Srivastavaअपडेटेड Dec 05, 2025 पर 7:38 AM
हैदराबाद में दो वरिष्ठ नगारिकों से ₹2.2 करोड़ की धोखाधड़ी, जालसाजों ने फर्जी डिजिटल गिरफ्तारी की धमकी देकर की ठगी
हैदराबाद में दो वरिष्ठ नगारिकों से ₹2.2 करोड़ की धोखाधड़ी, जालसाजों ने फर्जी डिजिटल गिरफ्तारी की धमकी देकर की ठगी

Hyderabad cybercrime: हैदराबाद में साइबर ठगी का चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहां जालसाजों ने खुद को कानून प्रवर्तन अधिकारी बताकर दो वरिष्ठ नागरिकों को अंतरराष्ट्रीय मानव तस्करी और आतंकवाद जैसे गंभीर मामलों में फंसाने की धमकी दी। फिर नकली “डिजिटल गिरफ्तारी” का डर दिखाकर जालसाजों ने उनसे 2.2 करोड़ रुपये से ज्यादा की ठगी की।

मोकिला के एक 60 वर्षीय व्यवसायी को 27 नवंबर को एक धोखेबाज ने फोन किया, जो खुद को बेंगलुरु स्थित भारतीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र का कर्मचारी बता रहा था। उसने दावा किया कि पीड़ित के खिलाफ बेंगलुरु में एक महिला को परेशान करने का मामला दर्ज किया गया है, क्योंकि उसके नाम से एक सिम कार्ड से अश्लील मैसेज भेजे गए थे। फोन करने वाले ने बुजुर्ग व्यवसायी को बेंगलुरु के नकली पुलिस अफसर तिरुमला रामाराव, पुलिस कंट्रोल रूम के फर्जी कर्मचारी शिवा प्रसाद और नकली CBI अधिकारी दया नाइक से भी कॉल पर जोड़ दिया।

उन्होंने पीड़ित को यकीन दिलाया कि वह एक अंतरराष्ट्रीय मानव तस्करी और धन शोधन मामले में संदिग्ध है। फिर उन्होंने उसे "डिजिटल गिरफ्तारी" से पहले एक वीडियो कॉल में शामिल होने के लिए कहा और 90 दिनों की हिरासत की धमकी दी। उन्होंने दावा किया कि मामला सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में है। डर और धमकी के हथकंडे अपनाकर, ठगों ने पीड़ित की निजी जानकारी इकट्ठा की और उसे कई बैंक खातों में पैसे ट्रांसफर करने के लिए कहा, यह कहकर कि RBI को अंतरराष्ट्रीय लेन-देन की जांच करनी है।

व्यवसायी ने 28 नवंबर से 1 दिसंबर के बीच कई जैक्शन्स में कुल 1.82 करोड़ रुपये ठगों के बताए खातों में भेज दिए। लेकिन जब कॉल करने वालों ने जवाब देना बंद कर दिया, तो उन्होंने 3 दिसंबर को साइबराबाद पुलिस से संपर्क किया।

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