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यूनियन कैबिनेट ने 25060 करोड़ रुपये के एक्सपोर्ट प्रमोशन मिशन को मंजूरी दी, यूएस टैरिफ से प्रभावित एक्सपोर्टर्स को मिलेगी राहत

एक्सपोर्ट प्रमोशन मिशन (ईपीएम) से उन प्रायरिटी एक्सपोर्ट सेक्टर्स को मदद मिलेगी, जिन पर 50 फीसदी अमेरिकी टैरिफ का ज्यादा असर पड़ा है। इनमें टेक्सटाइल्स, लेदर, जेम्स एंड ज्वेलरी, इंजीनियरिंग गुड्स और मरीन प्रोडक्ट्स शामिल हैं

MoneyControl Newsअपडेटेड Nov 12, 2025 पर 10:02 PM
यूनियन कैबिनेट ने 25060 करोड़ रुपये के एक्सपोर्ट प्रमोशन मिशन को मंजूरी दी, यूएस टैरिफ से प्रभावित एक्सपोर्टर्स को मिलेगी राहत
कुल छह सालों के लिए इस मिशन का फंड 25,060 करोड़ रुपये तय है।

यूनियन कैबिनेट की बैठक में 12 नवंबर को कई बड़े फैसले लिए गए। कैबिनेट ने एक्सपोर्ट प्रमोशन मिशन (ईपीएम) को मंजूरी दे दी। कुल छह सालों के लिए इस मिशन का फंड 25,060 करोड़ रुपये तय है। इसकी शुरुआत इस वित्त वर्ष से हो गई है। इससे विदेशी बाजार में भारतीय प्रोडक्ट्स की प्रतिस्पर्धी क्षमता बढ़ेगी। खासकर एमएसएमई, फर्स्ट टाइम एक्सपोर्टर और लेबर इनटेंसिव सेक्टर्स को इससे काफी फायदा होगा। अश्विनी वैष्णव ने यह जानकारी दी।

यूएस टैरिफ से प्रभावित सेक्टर्स को मिलेगी मदद

ईपीएम के तहत उन प्रायरिटी सेक्टर्स को मदद मिलेगी, जिन पर 50 फीसदी अमेरिकी टैरिफ का ज्यादा असर पड़ा है। इनमें टेक्सटाइल्स, लेदर, जेम्स एंड ज्वेलरी, इंजीनियरिंग गुड्स और मरीन प्रोडक्ट्स शामिल हैं। सरकार की इस मदद से कंपनियां एक्सपोर्ट में प्रतियोगिता का सामना कर सकेंगी, इन सेक्टर्स में नौकरियां नहीं जाएंगी और कंपनियों को निर्यात के नए बाजारों में एंट्री में आसानी होगी।

यह मिशन 2030-31 तक जारी रहेगा

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