Unnao Rape Case: उन्नाव रेप केस में पूर्व BJP विधायक कुलदीप सिंह सेंगर को बड़ी राहत, दिल्ली हाईकोर्ट ने दी जमानत, उम्रकैद की सजा निलंबित

Unnao Rape Case: दिल्ली हाई कोर्ट ने मंगलवार (23 दिसंबर) को बीजेपी से निकाले जा चुके कुलदीप सिंह सेंगर की उम्रकैद की सजा सस्पेंड कर दी। साथ ही कोर्ट ने शर्तों के सात उसे जमानत भी दे दी है। वह उन्नाव रेप केस में उम्रकैद की सजा काट रहा है। कोर्ट ने यह आदेश सेंगर की मेडिकल ग्राउंड पर जमानत की याचिका पर सुनवाई के बाद दिया

अपडेटेड Dec 23, 2025 पर 4:43 PM
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Unnao Rape Case: कुलदीप सिंह सेंगर को एक नाबालिग लड़की से रेप के मामले में उम्रकैद की सज़ा सुनाई गई थी

Unnao Rape Case: दिल्ली हाई कोर्ट ने उन्नाव बलात्कार मामले में आजीवन कारावास की सजा काट रहे भारतीय जनता पार्टी (BJP) के निष्कासित नेता कुलदीप सिंह सेंगर की सजा मंगलवार (23 दिसंबर) को निलंबित कर दी। साथ ही हाई कोर्ट कोर्ट ने शर्तों के साथ सेंगर को जमानत भी दे दी है। पूर्व बीजेपी विधायक उन्नाव रेप केस में उम्रकैद की सजा काट रहे हैं। कोर्ट ने यह आदेश सेंगर की मेडिकल ग्राउंड पर दाखिल जमानत की उनकी याचिका पर दिया। कुलदीप सिंह सेंगर को एक नाबालिग लड़की से रेप के मामले में उम्रकैद की सजा सुनाई गई थी।

जस्टिस सुब्रमण्यम प्रसाद और जस्टिस हरीश वैद्यनाथन शंकर ने 15 लाख रुपये के निजी मुचलके और इतने की ही तीन जमानत राशियां जमा करने का निर्देश देकर सेंगर को जमानत दे दी। हाई कोर्ट ने सेंगर को निर्देश दिया कि वह न तो पीड़िता के घर के पांच किलोमीटर के दायरे में जाएंगे और न ही उसे या उसकी मां को कोई धमकी देंगे।

पीटीआई के मुताबिक अदालत ने कहा, "शर्तों का उल्लंघन होने पर जमानत रद्द कर दी जाएगी।" हाई कोर्ट ने बलात्कार मामले में दोषसिद्धि और सजा के खिलाफ अपील लंबित रहने तक सेंगर की सजा पर रोक लगाई है। उसने दिसंबर 2019 के निचली अदालत के फैसले को चुनौती दी थी।


संबंधित मामले के अनुसार, सेंगर ने 2017 में नाबालिग लड़की का अपहरण कर बलात्कार किया था। सुप्रीम कोर्ट के 1 अगस्त 2019 के निर्देश के आधार पर बलात्कार और अन्य संबंधित मामले उत्तर प्रदेश की एक निचली अदालत से दिल्ली ट्रांसफर कर दिए गए थे।

पीड़िता के पिता की हिरासत में मौत होने से संबंधित मामले में सजा के खिलाफ सेंगर की अपील अब भी लंबित है। इस अपील में उसने यह कहते हुए सजा निलंबित करने का आग्रह किया है कि वह पहले ही जेल में काफी समय बिता चुका है। हिरासत में मौत के मामले में उसे 10 साल की सजा सुनाई गई थी।

बीजेपी के पूर्व विधायक सेंगर को विवाद के बाद भगवा पार्टी ने निकाल दिया था। सेंगर को 20 दिसंबर, 2019 को IPC की धारा 376 और POCSO एक्ट के तहत 2017 के उन्नाव मामले में 17 साल की लड़की के रेप के लिए उम्रकैद की सजा सुनाई गई थी।

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मार्च 2020 में उन्हें पीड़ित लड़की के पिता की हिरासत में मौत से जुड़े गैर इरादतन हत्या और आपराधिक साजिश के लिए 10 साल की जेल और कुल 35 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया गया था। इससे पहले, सेंगर को AIIMS में मोतियाबिंद की सर्जरी के लिए अंतरिम जमानत मिली थी। पिछले साल दिसंबर में भी इसी तरह की राहत मिली थी।

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