UP Accident News: उत्तर प्रदेश के मेरठ से एक बड़ी खबर सामने आ रही है। स्कूली बच्चों से भरी एक मिनी बस गुरुवार (20 नवंबर) को एक्सल टूटने से पलट गई। इस बस में पंडित आरएसपी स्कूल के करीब 30 बच्चे बैठे हुए थे। हादसे के बाद बच्चों की चींख पुकार सुनकर आसपास के लोग दौड़ पड़े। बस के अंदर से सभी बच्चों को सुरक्षित बाहर निकाला गया। 'दैनिक जागरण' के मुताबिक, हादसे में 11 बच्चों को चोट आई हैं। हादसे के बाद ड्राइवर बस छोड़कर मौके से फरार हो गया।
जो बच्चे घायल नहीं है उन्हें पुलिस की मदद से उनके परिवार के हवाले कर दिया गया है। शुरूआती जांच में सामने आया कि बस का फिटनेस आठ साल पहले ही एक्सपायर हो चुका है। इतना ही नहीं, इंश्योरेंस से लेकर पॉल्यूशन तक बस के पास कुछ भी नहीं था। पुलिस ने बस ड्राइवर, मालिक और स्कूल मैनेजमेंट एवं प्रिंसिपल के खिलाफ जानलेवा हमले का मुकदमा दर्ज किया है।
घटनास्थल पर मौजूद लोगों ने बताया कि बस सड़क से नीचे जाकर अचानक पलटी गई। हादासे के बाद बस के अंदर चीख-पुकार मच गई। बच्चों की आवास सुनकर आसपास के लोग दौड़कर मौके पर पहुंचे और काफी मशक्कत से उनको बस से बाहर निकाला। हादसे में ड्राइवर की भतीजी मुस्कारा (16) की टांग में चोट लग गई।
दैनिक जागरण के मुताबिक, हादसे में अलीना बेटी आरिफ, अरकान, माहिरा बेटी आसमुहम्मद, अब्दुल आहद, मुहम्मद शाद बेटे साजिद, वसीम, अजमान बेटे आरिफ, नवेद, अलका पुत्री मोहसिन, सिदरा पुत्री दिलशाद सहित चार से 16 आयुवर्ग के 11 बच्चे भी चोटिल हो गए।
आसिफाबाद स्थित पंडित राजकुमार शर्मा पब्लिक स्कूल का बस ड्राइवर शादाब अपने गांव सारंगपुर खादर से लगभग 30 बच्चे मिनी बस में लेकर स्कूल जा रहा था। गुरुवार को बस किठौर के सालौर रसूलपनाह नहर पुल के पास पहुंची। तभी अचानक उसका एक्सल टूटकर दाईं तरफ का पहिया निकल गया। इस वजह से वह हादसे का शिकार हो गई।
हादसे की जानकारी मिलने पर इंस्पेक्टर किठौर प्रताप सिंह पुलिस के साथ मौके पर पहुंचे। मुस्कारा को मेरठ अस्पताल और अन्य बच्चों को स्थानीय डॉक्टर के यहां ले जा चुके थे। डॉक्टरों ने प्राथमिक इलाज के बाद उन्हें घर भेज दिया। थाना प्रभारी ने बताया कि बस की फिटनेस 2017 में एक्सपायर हो चुकी है।
इंश्योरेंस और पॉल्यूशन तक भी नहीं था। पुलिस ने मिनी बस को अपने कब्जे में लेकर मामले की जांच शुरू कर दी है। ड्राइवर की तलाश जारी है। वह मौके से फरार होने में कामयाब रहा। बस का ड्राइवर शादाब स्कूल में टीचर भी है। वह बस में बच्चों को ढोने का काम भी करता है। वह इस एक्सपायर बस में 30 बच्चों को रोजाना लेकर जाता था। आठ साल से बच्चों को ले जाते हुए बस की चेकिंग न पुलिस ने की और न ही स्कूल मैनेजमेंट द्वारा की गई।