US-India Trade Talks : भारत का अमेरिका से टैरिफ वॉर के बीच एक बड़ी खबर सामने आई। भारत-अमेरिका तनातनी के बीच दोनों देशों ने बातचीत बंद नहीं की और उम्मीद लगाई जा रही है कि जल्द रिश्ते सामान्य हो सकते हैं। जानकारी के मुताबिक, अमेरिकी अधिकारी सोमवार रात भारत पहुंच रहे हैं। हालांकि, अब तक यह साफ नहीं है कि टैरिफ वॉर के बीच बातचीत कहां तक पहुंची है।
आज भारत आ रहे हैं अमेरिकी अधिकारी
जानकारी के मुताबिक, दक्षिण और मध्य एशिया के लिए अमेरिका के असिस्टेंट ट्रेड रेप्रेसेंटेटिव ब्रेंडन लिंच मंगलवार (16 सितंबर) को भारत के मुख्य वार्ताकार और वाणिज्य मंत्रालय में विशेष सचिव राजेश अग्रवाल से मुलाकात करेंगे। भारत और अमेरिका के बीच ट्रंप के टैरिफ के बाद से ही दोनों देशों के रिश्ते बिगड़ गए हैं। ट्रंप अब तक भारत पर कुल 50 फीसदी टैरिफ लगा चुके हैं। यह ऐसा मुद्दा बन गया है जो दोनों देशों की कूटनीति के साथ ही साथ राजनीति को भी प्रभावित कर रहा है। राष्ट्रपति ट्रंप भी मान चुके हैं कि टैरिफ की वजह से भारत के साथ दरार पैदा हुई है।
अमेरिका ने दी थी ये चेतावनी
विशेष सचिव राजेश अग्रवाल ने बिना ज्यादा जानकारी साझा किए यह पुष्टि की कि भारत और अमेरिका अपनी व्यापार वार्ताओं की गति बढ़ाएंगे। उन्होंने बताया कि अमेरिकी अधिकारी ब्रेंडन लिंच नई दिल्ली की एक दिन की यात्रा पर आ रहे हैं। हालांकि अमेरिकी सेक्रेटरी ऑफ कॉमर्स हॉवर्ड लुटनिक ने चेतावनी दी थी कि अगर भारत रूसी कच्चा तेल खरीदना बंद नहीं करता तो बातचीत मुश्किल हो सकती है, लेकिन लिंच का दौरा सकारात्मक संकेत माना जा रहा है। अब तक ये वार्ताएं भारत के कृषि और डेयरी क्षेत्रों को खोलने में हिचकिचाहट के चलते अटकी हुई थीं।
कई राउंड हो चुकी है बात
भारत-अमेरिका द्विपक्षीय व्यापार समझौते (बीटीए) पर अब तक पांच दौर की बातचीत हो चुकी है। छठा दौर 25 से 29 अगस्त के बीच होना था, लेकिन अमेरिका द्वारा भारतीय सामान पर 50% टैरिफ लगाने के बाद इसे टाल दिया गया। एक सरकारी अधिकारी ने पीटीआई को बताया कि मंगलवार की बैठक को छठे दौर की वार्ता की तैयारी माना जाएगा। ब्रेंडन लिंच क्षेत्र के 15 देशों के लिए अमेरिकी व्यापार नीति को दिशा देते हैं। वे अमेरिका-भारत व्यापार नीति मंच (टीपीएफ) के अलावा क्षेत्रीय भागीदारों के साथ व्यापार और निवेश ढाँचा समझौतों (टीआईएफए) से जुड़ी गतिविधियों का भी समन्वय करते हैं।
ट्रम्प प्रशासन ने 27 अगस्त से भारतीय सामान पर अतिरिक्त 25% टैरिफ लगा दिया, जिससे कुल आयात शुल्क 50% तक पहुंच गया। अमेरिका ने इसका कारण नई दिल्ली द्वारा रूसी तेल की लगातार खरीद को बताया और इसे "दंड" करार दिया। यह दर किसी भी अमेरिकी व्यापारिक साझेदार पर लागू सबसे ऊँची मानी जा रही है। इस फैसले का सीधा असर भारत के निर्यात पर पड़ा। अगस्त में देश का निर्यात घटकर 35.10 अरब डॉलर रह गया, जो जुलाई में 37.24 अरब डॉलर था। हालांकि व्यापार घाटा थोड़ी कमी के साथ जुलाई के 27.35 अरब डॉलर से घटकर अगस्त में 26.49 अरब डॉलर हो गया।
जुलाई में अमेरिका को भारत का निर्यात 8.01 अरब डॉलर था, जो अगस्त में घटकर 6.86 अरब डॉलर रह गया। अप्रैल से अगस्त के बीच कुल निर्यात 40.39 अरब डॉलर दर्ज किया गया। अधिकारियों का मानना है कि अमेरिका द्वारा 27 अगस्त से लगाए गए अतिरिक्त टैरिफ का पूरा असर अगले महीने साफ दिखेगा, जब भारतीय वस्तुओं पर दंडात्मक शुल्क का असर पूरी तरह महसूस होगा।
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