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EPFO Update: अपने इनएक्टिव PF खाते को अभी तक नहीं कराया एक्टिव? अब 36 महीने निष्क्रिय रहने पर रुकेगा ब्याज, EPFO ने दी जरूरी सलाह

EPFO Update: EPF खातों में 36 महीनों तक कोई लेन-देन न होने पर खाता निष्क्रिय हो जाता है और उस पर ब्याज देना बंद हो जाता है। ऐसे में काम कर रहे लोगों को खातों को नए EPF अकाउंट में ट्रांसफर करना चाहिए और जो काम नहीं कर रहे, वे अपना फंड निकाल लें ताकि नुकसान न हो।

MoneyControl Newsअपडेटेड Sep 30, 2025 पर 6:41 PM
EPFO Update: अपने इनएक्टिव PF खाते को अभी तक नहीं कराया एक्टिव? अब 36 महीने निष्क्रिय रहने पर रुकेगा ब्याज, EPFO ने दी जरूरी सलाह

सरकार ने वित्त वर्ष 2024-25 के लिए कर्मचारी भविष्य निधि (EPF) पर 8.25% वार्षिक ब्याज दर तय की है, जो मासिक बंद बैलेंस पर आधारित होती है और सालाना खातों में ट्रांसफर की जाती है। लेकिन EPFO ने चेतावनी दी है कि अगर कोई EPF खाता लगातार 36 महीनों तक निष्क्रिय रहता है, यानी उस पर कोई लेन-देन नहीं होता, तो उस पर ब्याज का भुगतान बंद हो जाएगा। इस वजह से खाते के धारकों को समय रहते सावधान रहना होगा ताकि उनकी बचत सुरक्षित बनी रहे।

जब कोई कर्मचारी 55 साल की उम्र में सेवानिवृत्त होता है, तो उसका EPF खाता तीन साल तक सक्रिय रहता है यानी 58 साल की उम्र तक खाता ब्याज अर्जित करता है। अगर इस अवधि में कोई फंड ट्रांसफर या निकासी नहीं करता, तो खाता निष्क्रिय हो जाएगा और ब्याज देना बंद हो जाएगा। EPFO ने सोशल मीडिया पर भी इस बात की जानकारी दी है और कहा है कि जो लोग अब भी काम कर रहे हैं, वे अपने पुराने EPF को नए EPF खाते में ट्रांसफर करें, जबकि जो कर्मचारी बेरोजगार हैं या रिटायर हो चुके हैं, उन्हें अपना EPF राशि निकाल लेनी चाहिए ताकि वे नुकसान से बच सकें।

इसके अलावा, EPFO अपनी नई डिजिटल सेवा EPFO 3.0 को लॉन्च करने की तैयारी कर रहा है, जिसमें यूजर को तेजी से क्लेम प्रोसेसिंग, UPI के जरिए धन निकासी जैसे आधुनिक फीचर्स उपलब्ध होंगे। इस सेवा का क्रियान्वयन इन्फोसिस, टीसीएस और विप्रो जैसी बड़ी आईटी कंपनियों के सहयोग से किया जाएगा। EPFO ने खाताधारकों से कहा है कि वे नियमित रूप से अपने खाते की स्थिति जांचें और समय-समय पर आवश्यक ट्रांसफर एवं निकासी करते रहें ताकि उनके फंड पर ब्याज मिलता रहे और भविष्य सुरक्षित रहे।

संक्षेप में, EPF खाता अगर 36 महीने तक निष्क्रिय रहता है, तो एफपी खाते पर ब्याज देना बंद हो जाता है। इसलिए नौकरी बदलते समय खातों का ट्रांसफर करना और बेरोजगारी या रिटायरमेंट की स्थिति में रकम निकालना जरूरी है ताकि बचत सुरक्षित रह सके और अधिक से अधिक ब्याज प्राप्त हो सके।

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