Jagdeep Dhankhar Resigns: उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने अपने स्वास्थ्य का हवाला देते हुए पद से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने अपना इस्तीफा राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू को सौंपा है। उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने राष्ट्रपति को भेजे अपने पत्र में लिखा, "स्वास्थ्य को प्राथमिकता देने और डॉक्टरों की सलाह मानते हुए, मैं संविधान के अनुच्छेद 67 (ए) के तहत, तुरंत प्रभाव से उपराष्ट्रपति पद से इस्तीफा दे रहा हूं।" बता दें कि, उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के कार्यकाल में अभी दो साल बचे थे।
उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने इस संबंध में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को एक लेटर लिखा है। इसमें स्वास्थ्य संबंधी कारणों का हवाला दिया है। उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के साथ काम करने को सुखद अनुभव बताया और उनके निरंतर सहयोग के लिए आभार जताया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मंत्रिपरिषद के सहयोग के लिए भी धन्यवाद दिया।
बता दें कि 2019 में जगदीप धनखड़ को पश्चिम बंगाल का राज्यपाल नियुक्त किया गया, जहां उन्होंने अपने कार्यकाल के दौरान कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर सक्रिय भूमिका निभाई। 2022 में उन्हें भारत के उपराष्ट्रपति के पद के लिए चुना गया था।
वकील से उपराष्ट्रपति तक का सफर
जगदीप धनखड़ भारत के 14वें उपराष्ट्रपति थे। उनका जन्म 18 मई 1951 को राजस्थान के झुंझुनू जिले के किठाना गांव में हुआ था। वो पेशे से एक वकील हैं। उन्होंने राजस्थान विश्वविद्यालय से भौतिकी में स्नातक की डिग्री हासिल की और फिर एल.एल.बी. की पढ़ाई पूरी की। अपने राजनीतिक जीवन में, वह 1989 में झुंझुनू से जनता दल के टिकट पर लोकसभा सांसद चुने गए थे। उन्होंने 1990 में केंद्रीय संसदीय कार्य राज्य मंत्री के रूप में भी कार्य किया। राजस्थान विधानसभा में किशनगढ़ निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते हुए वह 1993 से 1998 तक विधायक भी रहे।
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