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Waqf Bill: कल लोकसभा में पेश होगा वक्फ संशोधन बिल, चर्चा के लिए सरकार ने तय किए 8 घंटे

Waqf Amendment Bill in Lok Sabha: अल्पसंख्यक एवं संसदीय मामलों के मंत्री किरेन रीजीजू ने कहा कि सरकार संशोधित वक्फ विधेयक को संसद में पेश करने के लिए पूरी तरह तैयार है। उन्होंने कुछ राजनीतिक दलों और संगठनों पर समाज में अशांति फैलाने तथा इसके प्रावधानों को लेकर लोगों को गुमराह करने का आरोप लगाया

अपडेटेड Apr 01, 2025 पर 1:35 PM
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Waqf Amendment Bill in Lok Sabha: विधेयक को कानून बनाने के लिए लोकसभा तथा राज्यसभा दोनों में पारित कराना होगा

Waqf Amendment Bill in Lok Sabha: संशोधित वक्फ विधेयक बुधवार (2 मार्च) को लोकसभा में चर्चा और पारित करने के लिए रखा जाएगा। सूत्रों ने मंगलवार (1 अप्रैल) को इसकी जानकारी दी। सूत्रों ने बताया कि मंगलवार को करीब 12 बजे बिल को संसद में पेश किया जाएगा। इस बिल पर चर्चा के लिए सरकार ने 8 घंटे का समय तय किया है। हालांकि, विपक्ष ने 12 घंटे का समय मांगा है। अल्पसंख्यक एवं संसदीय मामलों के मंत्री किरेन रिजिजू ने सोमवार (31 मार्च) को कहा था कि सरकार संशोधित वक्फ विधेयक को संसद में पेश करने के लिए पूरी तरह तैयार है।

उन्होंने कुछ राजनीतिक दलों और संगठनों पर समाज में अशांति फैलाने तथा इसके प्रावधानों को लेकर लोगों को गुमराह करने का आरोप लगाया। वीकेंड और ईद की छुट्टी के बाद मंगलवार को संसद की बैठक फिर से शुरू होगी। रिजिजू ने कहा कि विधेयक को पेश करने का समय संसद की बैठक के बाद विचार-विमर्श के पश्चात तय किया जाएगा, लेकिन वह चाहते हैं कि इसे यथाशीघ्र पारित किया जाए।

संसद का चालू बजट सत्र 4 अप्रैल को समाप्त होना है। इस विधेयक को कानून बनाने के लिए लोकसभा तथा राज्यसभा दोनों में पारित कराना होगा। सरकार ने संकेत दिया है कि वह मंगलवार को विभिन्न दलों के नेताओं के साथ विधेयक पेश करने के समय पर चर्चा करेगी।


विपक्ष कर रहा है विरोध

विपक्षी दल इस विधेयक का कड़ा विरोध कर रहे हैं। वे इसे असंवैधानिक तथा मुस्लिम समुदाय के हितों के खिलाफ बता रहे हैं। कई प्रमुख मुस्लिम संगठन इस विधेयक के खिलाफ समर्थन जुटा रहे हैं। इस विधेयक की संसद की संयुक्त समिति ने पड़ताल की थी। JPC ने कई संशोधनों के साथ इसे मंजूरी दी थी।

सरकार का क्या है दावा?

रीजीजू ने पत्रकारों के साथ बातचीत में कुछ राजनीतिक दलों और संगठनों (विपक्ष और मुस्लिम संगठनों के स्पष्ट संदर्भ में) पर समाज को गुमराह करने और तनाव बढ़ाने के लिए झूठ का सहारा लेने का आरोप लगाया। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि यह विधेयक मुसलमानों के हित में है। उन्होंने कहा कि रमजान और ईद के दौरान प्रस्तावित कानून के प्रति विरोध व्यक्त करने के लिए मुसलमानों से काली पट्टियां पहनने को कहा गया। किरेन रिजिजू ने कहा कि उन्हें सड़कों पर उतरने के लिए उकसाना देश के लिए अच्छा नहीं है।

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि यह आरोप लगाया जा रहा है कि यदि यह विधेयक कानून बन गया तो सरकार मस्जिदों और कब्रिस्तानों जैसी मुस्लिम संपत्तियों को छीन लेगी। उन्होंने इसे दुष्प्रचार करार देते हुए कहा कि वक्फ को रेगुलेटेड करने वाला विधेयक ब्रिटिश काल से अस्तित्व में है। उन्होंने कहा कि नागरिकता (संशोधन) अधिनियम के खिलाफ भी इसी तरह का अभियान शुरू किया गया था। रिजिजू ने पूछा कि क्या इस कानून के अस्तित्व में आने के बाद से एक भी मुसलमान ने अपनी नागरिकता खोई है।

'विधेयक अधिकतर मुसलमानों के हित में है'

केंद्रीय मंत्री ने विपक्षी दलों से आग्रह किया कि वे विधेयक का विस्तार से अध्ययन करें और फिर सरकार के साथ विचार-विमर्श करें। यह पूछे जाने पर कि क्या सभी NDA दल इस विधेयक का समर्थन करते हैं। उन्होंने दावा किया कि न केवल सत्तारूढ़ गठबंधन, बल्कि विपक्षी गठबंधन 'INDIA' के कई सांसदों ने भी उनसे प्रस्तावित कानून को शीघ्र पेश करने का आग्रह किया है।

उन्होंने दावा किया कि यह विधेयक अधिकतर मुसलमानों के हित में है और केवल ऐसे कुछ नेता ही इसके खिलाफ हैं, जिन्होंने निजी लाभ के लिए वक्फ संपत्तियों का दोहन किया है। उन्होंने केरल कैथोलिक बिशप काउंसिल द्वारा इस विधेयक का समर्थन किए जाने का भी उल्लेख किया।

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मंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि कोई भी अन्य विधेयक इतनी व्यापक परामर्श प्रक्रिया से पारित नहीं हुआ है। उन्होंने इसके आलोचकों पर झूठ का सहारा लेने का आरोप लगाया और कहा कि भारत में अल्पसंख्यक सर्वाधिक सुरक्षित हैं। उन्हें स्वतंत्रता के सर्वोत्तम अधिकार प्राप्त हैं।

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