Waqf Registration Deadline: भारत सरकार ने घोषणा की है कि UMEED पोर्टल पर वक्फ प्रॉपर्टी के रजिस्ट्रेशन की डेडलाइन किसी भी हालत में आगे नहीं बढ़ाई जाएगी। केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने 'उम्मीद' पोर्टल पर वक्फ संपत्तियों के रजिस्ट्रेशन की समयसीमा बढ़ाने की संभावना से शुक्रवार (5 दिसंबर) को इनकार कर दिया। हालांकि उन्होंने कहा कि उन मुत्तवलियों (वक्फ का देखभाल करने वाले) को तीन महीने तक जुर्माने और किसी कठोर सजा से राहत दी जाएगी, जो रजिस्ट्रेशन करने का प्रयास करते हुए किसी वजह से सफल नहीं हो सके।
उन्होंने यह भी बताया कि शुक्रवार सुबह तक 1.51 लाख संपत्तियों का रजिस्ट्रेशन हो चुका था। मंत्री का यह भी कहना था कि जो लोग रजिस्ट्रेशन नहीं कर पाए हैं वो वक्फ ट्रिब्यूनल का रुख कर सकते हैं। केंद्र ने सभी वक्फ संपत्तियों की 'जियो-टैगिंग' के बाद एक डिजिटल लिस्ट बनाने के लिए बीते छह जून को पोर्टल शुरू किया था। 'उम्मीद' पोर्टल के प्रावधान के अनुसार, देश भर में सभी रजिस्टर्ड वक्फ संपत्तियों का डिटेल्स अनिवार्य रूप से छह महीने के भीतर अपलोड किया जाना है।
रजिस्ट्रेशन के लिए छह महीने की मियाद शुक्रवार 5 दिसंबर को खत्म हो रही है। रीजीजू ने पत्रकारों से कहा, "वक्फ कानून बनाने के बाद हमने उम्मीद पोर्टल शुरू किया था। सभी वक्फ संपत्तियों को पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन करने के लिए संबंधित पक्षों को छह महीने की अवधि दी गई थी। आज आखिरी दिन है और अब भी लाखों संपत्तियों का रजिस्ट्रेशन नहीं हो सका है। कई सांसदों और सामाजिक संगठनों के लोगों ने पोर्टल की मियाद बढ़ाने का आग्रह किया।"
उन्होंने बताया कि अब तक उम्मीद पोर्टल पर 1.51 लाख वक्फ संपत्तियों का रजिस्ट्रेशन हुआ है। पीटीआई के मुताबिक मंत्री ने कहा, "मैं उन भी मुतवल्लियों को आश्वस्त करता हूं कि अगले तीन महीनों तक कोई जुर्माना नहीं लगाएंगे या कोई सख्त कार्रवाई नहीं करेंगे जिन्होंने रजिस्ट्रेशन की कोशिश की। लेकिन किसी कारणवश रजिस्ट्रेशन नहीं हो सका। अन्य लोगों से मेरा अनुरोध है कि आप वक्फ ट्रिब्यूनल में जाएं।"
रीजीजू ने इस बात का उल्लेख किया कि सुप्रीम कोर्ट ने अपने निर्देशों में स्पष्ट था कि छह महीने की समय सीमा के बाद तारीख को आगे नहीं बढ़ाया जा सकता है। लेकिन ट्रिब्यूनल के पास इसे 6 महीने तक आगे बढ़ाने का अधिकार है। उन्होंने कहा, "हम अपने लोगों को अधिकतम राहत देने की पूरी कोशिश करते हैं। लेकिन कुछ चीजें कानून से बंधी हैं। संसद ने वक्फ संशोधन एक्ट पारित कर दिया है इसलिए हम कानून में बदलाव नहीं कर सकते।"
उन्होंने कहा कि राज्य सरकारों को भी वक्फ संपत्तियों के रजिस्ट्रेशन में मदद करनी चाहिए। मंत्री ने कहा कि कर्नाटक, पंजाब और कुछ अन्य राज्यों ने रजिस्ट्रेशन में अच्छा प्रदर्शन किया है। समुदाय के नेताओं और सांसदों की अपील के बावजूद मंत्री ने कहा कि सिर्फ ट्रिब्यूनल के पास ही छह महीने तक का और एक्सटेंशन देने का अधिकार है।