पश्चिम बंगाल के पूर्वी मिदनापुर जिले के एक सरकारी अस्पताल के एक फैसिलिटी मैनेजर को कई महिला कर्मचारियों के साथ कथित तौर पर बलात्कार करने और किसी को बताने पर जान से मारने की धमकी देने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। यह घटना पंसकुरा सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल में हुई।
NDTV के मुताबिक, शिकायत करन वालीं सभी पीड़िता संविदा पर कार्यरत महिला वार्ड अटेंडेंट हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि फैसिलिटी मैनेजर, जिसकी पहचान जहीर अब्बास खान के रूप में हुई है, उन्हें अपने ऑफिस में बुलाकर उनके साथ बलात्कार करता था। अधिकारियों ने बताया कि उसने शिकायत करने पर उन्हें जान से मारने या नौकरी से निकालने की धमकी भी दी।
यह घटना तब सामने आई जब एक महिला कर्मचारी ने पंसकुरा पुलिस स्टेशन में उसके खिलाफ शिकायत दर्ज कराई।
इसके बाद, खान को गिरफ्तार कर लिया गया और उसे अदालत में पेश किया जाएगा। अधिकारियों के अनुसार, पीड़ितों ने आरोपी के लिए "कड़ी से कड़ी सजा" की मांग की है।
अस्पताल अधिकारियों ने अभी तक कोई बयान जारी नहीं किया है।
इस घटना को लेकर स्थानीय लोगों ने पुलिस स्टेशन के बाहर विरोध प्रदर्शन किया है। वहीं भाजपा ने आरोप लगाया है कि खान का "काफी रसूख" है। BJP ने राज्य में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस (TMC) पर बिना नाम लिए हमला बोला।
हालांकि, TMC ने कहा है कि पार्टी का आरोपी से कोई संबंध नहीं है। पार्टी नेता शेख समीर उद्दीन ने दावा किया कि आरोपी एक "धोखेबाज" है, जिसने "निजी फायदे के लिए TMC के नाम का इस्तेमाल किया"। उन्होंने घटना की निंदा करते हुए इसे "शर्मनाक" बताया और कड़ी सजा की मांग की।
यह घटना कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में 31 साल की ट्रेनी डॉक्टर के साथ हुए क्रूर बलात्कार और हत्या के एक साल बाद हुई है। इस मामले ने देशव्यापी विरोध प्रदर्शन को जन्म दिया था। मुख्य आरोपी, अस्पताल में एक सिविक वालंटियर, संजय रॉय को गिरफ्तार कर लिया गया था, लेकिन बाद में कलकत्ता हाई कोर्ट के निर्देश पर मामला केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) को सौंप दिया गया था।
हालांकि, पीड़िता के माता-पिता इस मुकदमे से संतुष्ट नहीं हैं। उन्होंने दिल्ली में CBI डायरेक्टर प्रवीण सूद से भी मुलाकात की और एजेंसी की जांच पर अपना असंतोष व्यक्त किया।
9 अगस्त को इस घटना के एक साल पूरे होने पर, पीड़िता के माता-पिता ने एक विरोध रैली 'नबन्ना अभियान' का आह्वान किया। एक शांतिपूर्ण रैली के रूप में शुरू हुआ यह प्रदर्शन हिंसा में बदल गया जब प्रदर्शनकारियों ने पुलिस की चेतावनियों के बावजूद सचिवालय की ओर बढ़ने की कोशिश की और पुलिस ने उन पर लाठीचार्ज कर दिया। पीड़िता की मां ने आरोप लगाया कि पुलिस की कार्रवाई में उनके सिर में चोट आई और उनका पारंपरिक शंख भी टूट गया।