पश्चिम बंगाल में वोटर लिस्ट के स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (SIR) प्रक्रिया के तहत अब तक करीब 14 लाख फॉर्म वापस जमा नहीं हुए हैं। चुनाव आयोग ने मंगलवार को यह जानकारी दी। एक अधिकारी ने बताया कि ये एन्यूमरेशन फॉर्म जमा नहीं हो सके, क्योंकि वोटर या तो अनुपस्थित हैं, उनके नाम दो बार है, या मृत हैं या वे कहीं और चले गए हैं। चुनाव आयोग के मुताबिक सोमवार को जमा नहीं किए गए गणना प्रपत्रों की संख्या 10.33 लाख थी।
न्यूज एजेंसी PTI के मुताबिक, अधिकारी ने बताया, "मंगलवार दोपहर तक ऐसे SIR फॉर्म की संख्या 13.92 लाख थी... हमें उम्मीद है कि जैसे-जैसे आंकड़े अपडेट होते जाएंगे, यह आंकड़ा बढ़ता रहेगा।’’
SIR प्रक्रिया के तहत राज्य भर के घरों से आंकड़े इकट्ठा करने की जिम्मेदारी बूथ स्तरीय अधिकारी (BLO) को सौंपी गई है, जो आंशिक रूप से भरे गणना प्रपत्रों को वितरित करने और जरूरी डिटेल इकट्ठा करने का काम कर रहे हैं।
राज्य में SIR के लिए 80,600 से ज्यादा BLO, लगभग 8,000 पर्यवेक्षक, 3,000 असिस्टेंट वोटर रजिस्ट्रार अधिकारी और 294 वोटर रजिस्ट्रार अधिकारी नियुक्त किए गए हैं।
राज्य में चल रही SIR के बीच अब तक तीन BLO की मौत की खबर आई है।
इसी के चलते राज्य में BJO विरोध प्रदर्शन भी कर रहे हैं। सोमवार को BLO के एक वर्ग ने पूरी रात पश्चिम बंगाल के मुख्य निर्वाचन अधिकारी (CEO) के कार्यालय के अंदर बिताई और तब तक वहां से जाने से इनकार कर दिया, जब तक कि सीईओ मनोज कुमार अग्रवाल उनसे मुलाकात नहीं करते और उनकी मांगों को स्वीकार नहीं कर लेते।
वे राज्य में चल रहे विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) के दौरान ‘बहुत ज्यादा वर्क लोड’ को लेकर प्रदर्शन कर रहे थे। उनमें से कई लोग सोमवार शाम से ही वहां प्रदर्शन कर रहे हैं तथा उत्तरी कोलकाता के कॉलेज स्क्वायर से शहर के मध्य भाग में बीबीडी बाग तक मार्च के बाद शुरू हुआ गतिरोध जारी है, जहां मुख्य निर्वाचन अधिकारी (सीईओ) का कार्यालय स्थित है।