उप राष्ट्रपति पद के लिए मंगलवार को हुए चुनाव में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) के उम्मीदवार सीपी राधाकृष्णन विजयी घोषित किए गए। राधाकृष्णन को प्रथम वरीयता के 452 और विपक्ष के प्रत्याशी बी. सुदर्शन रेड्डी को 300 वोट हासिल हुए। राज्यसभा के महासचिव और निर्वाचन अधिकारी पी सी मोदी ने नतीजों की घोषणा की। इस मतदान में इलेक्टोरल कॉलेज के कुल 781 सदस्यों में से 767 (एक डाक मतपत्र समेत) ने मतदान किया था, जिसमें 15 वोट अवैध करार दिए गए। मतदान मंगलवार सुबह 10 बजे शुरू होकर शाम 5 बजे खत्म हुआ।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, कांग्रेस संसदीय दल की प्रमुख सोनिया गांधी, पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी समेत 760 से ज्यादा सांसदों ने मतदान किया।
लोकसभा और राज्यसभा के सदस्य इस चुनाव में हिस्सा लेते हैं तथा इसमें व्हिप जारी नहीं होता है।
देश के 17वें उप राष्ट्रपति के चुनाव के लिए, निर्वाचक मंडल में राज्यसभा के 233 निर्वाचित सदस्य (वर्तमान में पांच सीटें रिक्त हैं) एवं 12 मनोनीत सदस्य तथा लोकसभा के 543 निर्वाचित सदस्य (वर्तमान में एक सीट रिक्त है) शामिल थे। निर्वाचक मंडल में कुल 788 सदस्य (वर्तमान में 781) हैं।
सीपी राधाकृष्णन वर्तमान में महाराष्ट्र के राज्यपाल हैं। वह तमिलनाडु के रहने वाले हैं। उनका पूरा नाम चंद्रपुर पोन्नुसामी राधाकृष्णन (Chandrapuram Ponnusamy Radhakrishnan) है। उनको 31 जुलाई 2024 को महाराष्ट्र के राज्यपाल के पद पर नियुक्त किया गया था। इससे पहले उन्होंने करीब डेढ़ साल तक झारखंड के राज्यपाल के रूप में काम किया। इसके अलावा वे तेलंगाना के राज्यपाल का अतिरिक्त प्रभार और पुडुचेरी के उपराज्यपाल का अतिरिक्त कार्यभार भी संभाल चुके हैं।
20 अक्टूबर 1957 को तमिलनाडु के तिरुपुर में जन्मे सीपी राधाकृष्णन ने 1974 में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के स्वयंसेवक के रूप में अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत की। फिर वह 1974 में ही भारतीय जनसंघ के राज्य कार्यकारी समिति के सदस्य बने। 1996 में वह बीजेपी तमिलनाडु के सचिव नियुक्त हुए।
इसके बाद वह साल 1998 और 1999 में कोयंबटूर से लोकसभा सांसद चुने गए। इसके अलावा, 2004 में संयुक्त राष्ट्र महासभा में संसदीय प्रतिनिधिमंडल के हिस्से के रूप में एक चर्चित भाषण दिया और ताइवान की पहली संसदीय यात्रा में भी शामिल हुए थे।
झारखंड के राज्यपाल बनने से पहले वह 2004 से 2007 तक भारतीय जनता पार्टी तमिलनाडु के प्रदेश अध्यक्ष रह चुके हैं। इसके अलावा वह 2020 से 2022 तक बीजेपी केरल के अखिल भारतीय प्रभारी रहे। वह 18 फरवरी 2023 को झारखंड के राज्यपाल नियुक्त किए गए थे।
महाराष्ट्र राजभवन की वेबसाइट के अनुसार, महाराष्ट्र के राज्यपाल बनने से पहले उन्होंने लगभग डेढ़ साल तक झारखंड के राज्यपाल के रूप में कार्य किया। वेबसाइट के अनुसार, अपने राजनीतिक जीवन के अलावा, राधाकृष्णन टेबल टेनिस में कॉलेज चैंपियन और लंबी दूरी के धावक भी थे। उन्हें क्रिकेट और वॉलीबॉल का भी शौक है।