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Rupal Rana UPSC Success Story: मां की मौत से टूटी हिम्मत को पिता ने दिया सहारा और बागपत की रूपल ने ऑल इंडिया हासिल की 26वीं रैंक

UPSC success story: हर साल देशभर के लाखों उम्मीदवार सरकारी नौकरी की चाह में यूपीएससी की परीक्षा देते हैं। मगर, इसमें सफल बहुत कम लोग हो पाते हैं। इन्हीं में बागपत जिले में रहने वाली रूपल राणा का नाम भी शामिल है, जिन्हें ऑल इंडिया 26वीं रैंक मिली। आइए जानें उनके इस मुकाम तक पहुंचने की कहानी

अपडेटेड Aug 28, 2025 पर 5:52 PM
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यूपीएससी में 26वीं रैंक के साथ सफल रहीं यूपी के बागपत की रूपल राणा।

भारत में हर साल लाखों लोग सरकारी नौकरी में उच्च पद की चाह में संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) द्वारा आयोजित अखिल भारतीय परीक्षा का हिस्सा बनते हैं। तीन चरणों में होने वाली इन परीक्षाओं में अंतिम चरण तक बहुत कम लोग पहुंच पाते हैं और अंतिम सफल अभ्यर्थियों की सूची में शामिल होने वालों की संख्या और भी कम हो जाती है। लेकिन उत्तर प्रदेश के बागपत की रहने वाली रूपल राणा का नाम ऐसे ही सफल लोगों की सूची में शामिल हुआ है। रूपल ने काफी मुश्किल हालात में इस परीक्षा की तैयारी की और अंत में 26वीं रैंक हासिल कर देश की शीर्ष प्रशासनिक सेवा में अपना नाम दर्ज किया।

रूपल के पिता जसवीर सिंह राणा दिल्ली पुलिस में असिस्टेंट सब इंस्पेक्टर हैं। उनका परिवार उत्तर प्रदेश के बागपत जिले के बरोद गांव का रहने वाला है। बचपन में ही रूपल के सिर से मां का साया उठ गया। इसके बाद उन्हें लगा अब दुनिया बिलकुल अंधेरी हो गई है। लेकिन परिवार की जिम्मेदारी मानसिक अकेलेपन से लड़ते हुए उन्होंने इसे कभी अपनी कमजोरी नहीं बनने दिया। उन्होंने इसे चुनौती की तरह लिया और अपने लक्ष्य पर डटी रहीं। इस दौरान पिता जसवीर उनकी हिम्मत बने और उन्हें लड़खड़ाने नहीं दिया।

पढ़ाई में शुरू से अव्वल रहीं रूपल ने बागपत के जेपी स्कूल से 10वी कक्षा की परीक्षा में 10 सीजीपीए हासिल किया। आगे की पढ़ाई के लिए वह पिलानी चली गईं और बिड़ला इंस्टिट्यूट ऑफ साइंस ऐंड टेक्नोलॉजी से (बीआईटीएस) से 11वीं और 12वीं की परीक्षा पास की। इसके बाद ग्रेजुएशन के लिए उन्होंने दिल्ली यूनिवर्सिटी के देशबंधू कॉलेज से बीएससी में दाखिला लिया और अपने बैच की टॉपर रहीं।

ग्रेजुएशन के बाद ही उन्होंने यूपीएससी के लिए तैयारी शुरू कर दी। ये सफर उनके लिए आसान नहीं था। उनके पहले दो प्रयास असफल रहे, लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी। उन्होंने अपनी तैयारी के तरीके और रणनीति में बदलाव किया और तीसरे प्रयास में सफलता को अपने खाते में दर्ज कर लिया। उन्होंने 2023 की यूपीएससी की परीक्षा में 26वीं रैंक हासिल कर देश की सर्वोच्च प्रशासनिक सेवा (IAS) के लिए चुनी गईं। उन्हें एजीएमयूटी कैडर मिला है और वह इस समय

अपनी सफलता का सारा श्रेय अपने परिवार को देते हुए रूपल ने कहा कि परिवार मुश्किलों और उनके लक्ष्य के बीच ढाल बन कर खड़ा रहा। जब वह पढ़ाई में डूबी रहती थीं, तो परिवार ने हर तरह का सहयोग देकर उनकी मदद की है तभी वह इस मुकाम तक पहुंच पाई हैं।

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