सरसों का तेल भारतीय रसोई में सबसे अहम और प्राचीन तेलों में से एक है। इसका इस्तेमाल सिर्फ खाने को स्वादिष्ट बनाने के लिए ही नहीं, बल्कि ये स्वास्थ्य के लिए भी बहुत फायदेमंद माना जाता है। इसमें एंटीऑक्सीडेंट, विटामिन और आवश्यक फैटी एसिड पाए जाते हैं, जो हृदय, पाचन और शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में मदद करते हैं। लेकिन आजकल बाजार में मिलने वाला हर सरसों का तेल शुद्ध नहीं होता। कई बार इसमें सस्ते तेल, पाम ऑयल या अन्य कैमिकल मिलावट की जाती है। ऐसे तेल का सेवन न केवल खाने के स्वाद को प्रभावित करता है, बल्कि सेहत के लिए भी नुकसानदेह हो सकता है।
घर में ही तेल की शुद्धता जांचना अब मुश्किल नहीं रहा। कुछ आसान और असरदार घरेलू तरीके हैं, जिनसे आप खाना बनाने से पहले ये पता लगा सकते हैं कि तेल असली है या मिलावटी। इन सरल तरीकों से आप अपने परिवार को स्वस्थ और सुरक्षित खाना उपलब्ध करवा सकते हैं।
सरसों के तेल की शुद्धता जांचने का सबसे आसान तरीका है फ्रीजिंग टेस्ट। इसके लिए एक कटोरी में थोड़ा सा तेल लें और फ्रिज में कुछ घंटों के लिए रखें। शुद्ध तेल लिक्विड ही रहेगा या बहुत मामूली बदलाव दिखाएगा। अगर तेल में सफेद धब्बे या जमावट दिखें, तो इसमें पाम ऑयल या मिलावट होने की संभावना है।
शुद्ध तेल की पहचान रगड़कर भी की जा सकती है। हथेली पर कुछ बूंदें तेल की लेकर हाथ आपस में रगड़ें। शुद्ध सरसों के तेल में तेज तीखी खुशबू होगी, कोई रंग नहीं छोड़ेगा और हल्की जलन महसूस हो सकती है। अगर तेल रंग छोड़ता है या इसमें आर्टिफिशियल खुशबू है, तो ये मिलावटी हो सकता है।
ये टेस्ट कैमिकल आधारित है और सावधानी से करना चाहिए। साफ कांच के बर्तन में तेल और बराबर मात्रा में नाइट्रिक एसिड मिलाएं और हल्का हिलाएं। शुद्ध तेल में रंग नहीं बदलता, जबकि मिलावटी तेल नारंगी-पीले या लाल रंग में बदल सकता है। ये तरीका खतरनाक मिलावट का पता लगाने में सबसे भरोसेमंद है।
इन सरल तरीकों से आप आसानी से अपने घर में सरसों के तेल की शुद्धता जांच सकते हैं और खाने को सेहतमंद बना सकते हैं।