हम सभी रोजाना मार्केट या मॉल जाकर कपड़े खरीदते हैं। चाहे वो सस्ती टी-शर्ट हो या महंगी ड्रेस, हम अक्सर केवल उसका डिजाइन और ब्रांड देखकर खरीदारी कर लेते हैं। लेकिन कई लोग ये भूल जाते हैं कि हर कपड़े का फैब्रिक अलग होता है और उसकी देखभाल का तरीका भी अलग होता है। बहुत बार कपड़े खरीदने के बाद हम उन्हें गलत तरीके से धो देते हैं, प्रेस कर देते हैं या वॉशिंग मशीन में डाल देते हैं, जिससे कपड़े जल्दी से पुराने, फेडेड और डल दिखने लगते हैं। कुछ फैब्रिक ऐसे होते हैं जिन्हें हाथ से धोना चाहिए, वहीं कुछ कपड़े केवल ड्राई क्लीनिंग के लिए बनाए जाते हैं।
गलत तापमान पर प्रेस करना भी कपड़ों के फैब्रिक और रंग को नुकसान पहुंचा सकता है। इसलिए नए कपड़ों की सही देखभाल करना बेहद जरूरी है ताकि वे लंबे समय तक नए और चमकदार दिखें।
कपड़ों पर लगे छोटे टैग्स सिर्फ स्टाइल के लिए नहीं होते। ये टैग आपको बताते हैं कि कपड़े को कैसे धोना, प्रेस करना और सुखाना है। ज्यादातर लोग इन टैग्स पर बने निशानों को अनदेखा कर देते हैं, जिससे नए कपड़े जल्दी खराब हो जाते हैं।
टैग पर बने सिंबल्स का मतलब
सर्कल: अगर सर्कल दिखे तो कपड़े को ड्राई क्लीन करवाएं। सर्कल में क्रॉस हो तो ड्राई क्लीन की जरूरत नहीं।
हाथ वाला निशान: यह दर्शाता है कि कपड़ा हाथ से धोया जा सकता है।
ट्विस्टेड निशान: कपड़े को निचोड़ सकते हैं, लेकिन अगर क्रॉस लगे तो निचोड़ें नहीं।
आयरन सिंबल: एक डॉट = हल्का गर्म, दो डॉट = सिंथेटिक, तीन डॉट = लिनेन या कॉटन। कोई डॉट नहीं = किसी भी तापमान पर प्रेस कर सकते हैं।
स्क्वॉयर में सर्कल: केवल वॉशिंग मशीन में सुखाएं। अगर क्रॉस लगे तो धूप में भी सुखा सकते हैं।
टब सिंबल: सिंथेटिक कपड़े वॉशिंग मशीन में धोएं। टेम्परेचर नंबर पर ध्यान दें, जैसे 30°C से ऊपर न धोएं।
सही देखभाल से कपड़े लंबे समय तक नए बने रहते हैं
इन टैग्स के मुताबिक कपड़े धोने, प्रेस करने और सुखाने से न केवल कपड़े लंबे समय तक टिकते हैं बल्कि उनका रंग, बनावट और फैब्रिक भी सुरक्षित रहता है।