जब आप बाजार से फल खरीदने जाते हैं, तो आपने देखा होगा कि फल पर छोटे-छोटे स्टिकर लगे होते हैं। आमतौर पर लोग इसे बस ब्रांडिंग या सजावट समझ लेते हैं, लेकिन सच में ये स्टिकर बहुत कुछ बताते हैं। इन पर लिखा पीएलयू कोड (PLU Code) आपको बताता है कि फल कैसे उगाए गए हैं – क्या यह पूरी तरह ऑर्गेनिक है, रसायन युक्त है या आनुवांशिक बदलाव के साथ उगाया गया है।
पीएलयू कोड क्या होता है और इसका महत्व
पीएलयू कोड आमतौर पर 4 या 5 अंकों का होता है। कोड की शुरुआत का पहला अंक ही तय करता है कि फल किस तरीके से उगाया गया। इसे पढ़कर आप ये पहचान सकते हैं कि फल में रासायनिक कीटनाशक या उर्वरक का इस्तेमाल हुआ है या नहीं। सही जानकारी होने से आप अपने और अपने परिवार की सेहत का ख्याल रख सकते हैं।
5 अंकों का कोड और ऑर्गेनिक फल
अगर स्टिकर पर 5 अंकों का कोड है और ये ‘9’ से शुरू हो रहा है, तो इसका मतलब है कि ये फल पूरी तरह ऑर्गेनिक है। ऐसे फलों को रासायनिक कीटनाशक, उर्वरक या आनुवांशिक बदलाव से मुक्त प्राकृतिक तरीके से उगाया गया है। इनका सेवन करने से स्वास्थ्य को ज्यादा लाभ मिलता है।
4 अंकों का कोड और रासायनिक फलों का संकेत
यदि स्टिकर पर केवल 4 अंकों की संख्या है, तो इसका अर्थ है कि फल में कीटनाशक या रसायन का इस्तेमाल किया गया है। ये फल अक्सर सस्ते होते हैं, लेकिन स्वास्थ्य के लिए कम फायदेमंद माने जाते हैं।
फल खरीदते समय बरतें सावधानी
अब जब आपको फलों पर लगे पीएलयू कोड की जानकारी हो गई है, तो खरीदारी करते समय इन बातों का ध्यान रखें:
ऑर्गेनिक फलों को प्राथमिकता दें, यानी 5 अंकों वाला कोड और ‘9’ से शुरू होने वाला।
चाहे फल ऑर्गेनिक हो या रसायनयुक्त, खाने से पहले अच्छे से धोएं, ताकि सतह पर मौजूद बैक्टीरिया हट जाएं।
मौसमी फल खरीदें, क्योंकि ये अधिक ताजगी और पोषण प्रदान करते हैं।