कढ़ाई पनीर, मटर पनीर या जिम के बाद प्रोटीन के लिए पनीर खाना अब खतरे से खाली नहीं रहा। भोपाल सहित कई शहरों में रेस्टोरेंट और होटल मुनाफे के लालच में नकली यानी सिंथेटिक पनीर बेच रहे हैं। ये न सिर्फ सस्ता है, बल्कि दिखने में असली जैसा लगने के कारण आसानी से पकड़ में नहीं आता।सिंथेटिक पनीर में दूध नहीं होता, बल्कि इसमें स्टार्च, मिलावटी तेल, डिटर्जेंट और अन्य केमिकल्स मिलाए जाते हैं। ऐसे पनीर का सेवन पेट की बीमारियों, फूड पॉइजनिंग, किडनी और लिवर को नुकसान पहुंचा सकता है।
असली और नकली पनीर में अंतर कैसे पहचानें
असली पनीर का स्वाद क्रीमी और हल्का दूध जैसा होता है। अगर खाने के बाद स्वाद अजीब लगे या हल्का कैमिकल जैसा महसूस हो, तो समझ जाइए यह मिलावटी पनीर है।
पनीर का एक छोटा टुकड़ा हाथ में मसलें। असली पनीर नरम और स्पॉन्जी होता है, जबकि नकली पनीर रबड़ जैसा और थोड़ी हार्ड बनावट वाला होता है।
खरीदते समय पनीर को हल्का दबाकर देखें। असली पनीर स्पॉन्जी और लचीला होता है, जबकि नकली पनीर कड़ा और भुरभुरा हो सकता है।
अगर आप पैकेट वाला पनीर खरीद रहे हैं, तो लेबल ध्यान से पढ़ें। असली पनीर में केवल दूध और नींबू या सिरके का प्रयोग होता है। कोई अन्य मिलावट हो तो उसे न खरीदें।
पनीर वेजिटेरियंस के लिए सुपरफूड माना जाता है। ये प्रोटीन से भरपूर होता है और शरीर के विकास, हड्डियों की मजबूती और मांसपेशियों के लिए लाभकारी है। सब्जी, पराठा, खीर और मिठाइयों में इस्तेमाल होने वाला पनीर, खासकर कच्चा पनीर, सबसे फायदेमंद होता है।
त्योहारों और बढ़ती मांग के समय नकली पनीर की सप्लाई बढ़ जाती है। सस्ता और दिखने में असली पनीर जैसा होना इसे और भी खतरनाक बनाता है। इसलिए खरीदते समय हमेशा स्वाद, टेक्सचर, सॉफ्टनेस और पैकेजिंग चेक करना बेहद जरूरी है।