सर्दी-खांसी और गले की खराश? ये तुलसी काढ़ा देगा मिनटों में आराम

How to make tulsi kadha: तुलसी, आयुर्वेदिक औषधीय पौधा, स्वास्थ्य के लिए बेहद फायदेमंद है। इसकी पत्तियों से बना काढ़ा इम्युनिटी बढ़ाने, सर्दी-खांसी और गले की खराश में सहायक है। अदरक, काली मिर्च, दालचीनी और शहद के साथ इसे घर पर आसानी से बनाया जा सकता है और नियमित सेवन से शरीर मजबूत रहता है

अपडेटेड Sep 14, 2025 पर 10:06 AM
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How to make tulsi kadha: हमेशा ताजे तुलसी के पत्ते इस्तेमाल करें, सूखे पत्तों से काढ़ा उतना असरदार नहीं होता।

तुलसी, जिसे आयुर्वेद में औषधीय और पवित्र पौधा माना जाता है, स्वास्थ्य के लिए कई तरह से लाभकारी है। इसकी पत्तियों से बना काढ़ा प्राचीन समय से ही सर्दी-खांसी, गले की खराश और श्वसन संबंधी समस्याओं में इस्तेमाल होता रहा है। तुलसी के पत्तों में एंटीबैक्टीरियल और एंटीऑक्सीडेंट गुण होते हैं, जो शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में मदद करते हैं। तुलसी काढ़ा सिर्फ इम्युनिटी बढ़ाने के लिए ही नहीं बल्कि मानसिक ताजगी और एनर्जी बढ़ाने में भी लाभकारी है। इसे घर पर बनाना बेहद आसान है और इसके लिए किसी खास उपकरण की जरूरत नहीं होती।

तुलसी के पत्ते, अदरक, काली मिर्च, दालचीनी और शहद जैसी सामान्य सामग्री से आप ये काढ़ा तैयार कर सकते हैं। रोजाना सुबह या शाम इसका सेवन करने से ठंड, वायरल इन्फेक्शन और अन्य सामान्य बीमारियों से सुरक्षा मिलती है और शरीर अंदर से मजबूत रहता है।

तुलसी काढ़ा बनाने के लिए जरूरी सामग्री


तुलसी के 10-15 ताजे पत्ते

अदरक का एक छोटा टुकड़ा

2-3 काली मिर्च

दालचीनी का एक छोटा टुकड़ा

1 गिलास पानी

स्वादानुसार शहद

ये सामग्री आसानी से किसी भी घर की रसोई में उपलब्ध हो सकती है। अदरक और दालचीनी का स्वाद काढ़े को गर्म और स्फूर्ति देने वाला बनाता है, जबकि शहद इसे मीठा और स्वास्थ्यवर्धक बनाता है।

तुलसी काढ़ा बनाने की स्टेप-बाय-स्टेप विधि

स्टेप 1: एक गिलास पानी में तुलसी के पत्ते और अदरक का टुकड़ा डालें। ये काढ़े की बेसिक फ्लेवर तैयार करेगा।

स्टेप 2: अब इसमें 2-3 काली मिर्च और दालचीनी का छोटा टुकड़ा डालकर पानी को उबालें। काली मिर्च काढ़े में गर्माहट और इम्यून बूस्टिंग गुण जोड़ती है।

स्टेप 3: मिश्रण को मध्यम आंच पर 10-15 मिनट तक उबालें। ध्यान रखें कि पानी लगभग आधा रह जाए। इससे सभी औषधीय तत्व पानी में अच्छी तरह से मिल जाएंगे।

स्टेप 4: गैस बंद करें और काढ़े को छान लें। इसमें स्वादानुसार शहद मिलाएं। शहद काढ़े का स्वाद बढ़ाने के साथ ही ये गले को भी आराम पहुंचाता है।

स्टेप 5: काढ़ा तैयार है। इसे सुबह या शाम के समय गर्मागर्म पिएं। नियमित सेवन से इम्युनिटी मजबूत होती है और शरीर को ठंड और वायरल इन्फेक्शन से बचाता है।

तुलसी काढ़े के स्वास्थ्य लाभ

सर्दी-खांसी में राहत: तुलसी काढ़ा गले की खराश और खांसी को कम करने में मदद करता है।

इम्यूनिटी बूस्ट: इसमें मौजूद एंटीऑक्सीडेंट और एंटी-बैक्टीरियल गुण शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाते हैं।

श्वसन संबंधी लाभ: दमा, साइनस और अन्य श्वसन समस्याओं में तुलसी काढ़ा फायदेमंद होता है।

पाचन सुधार: अदरक और दालचीनी पाचन तंत्र को सक्रिय रखते हैं और ब्लोटिंग कम करते हैं।

काढ़ा बनाने के टिप्स

हमेशा ताजे तुलसी के पत्ते इस्तेमाल करें, सूखे पत्तों से काढ़ा उतना असरदार नहीं होता।

अगर आप स्वाद में बदलाव चाहते हैं तो हल्का नींबू या काली मिर्च की मात्रा बढ़ा सकते हैं।

नियमित सेवन से शरीर में ऊर्जा और ताजगी बनी रहती है।

तुलसी काढ़ा सिर्फ सर्दी-खांसी में ही नहीं बल्कि पूरे शरीर की सुरक्षा के लिए एक प्राकृतिक और असरदार उपाय है। इसे घर पर बनाना सरल है और इसके स्वास्थ्य लाभ भी बहुत ज्यादा हैं।

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Anchal Jha

Anchal Jha

First Published: Sep 14, 2025 10:06 AM

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