अश्विन माह की कृष्ण पक्ष की अष्टमी को जितिया या जीवित्पुत्रिका व्रत बड़े श्रद्धा और भक्ति भाव के साथ मनाया जाता है। यह व्रत माता-पिता विशेष रूप से अपने बच्चों की लंबी उम्र, स्वास्थ्य और उन्नति के लिए रखते हैं। इस साल जितिया व्रत 13 सितंबर यानी आज से शुरू है। जितिया व्रत निर्जला व्रत माना जाता है, यानी इस दिन अन्न और जल का सेवन बिल्कुल नहीं किया जाता। व्रत की यह विशेषता इसे कठिन बनाती है, क्योंकि पूरे दिन शरीर को बिना पानी और भोजन के सहन करना पड़ता है। लेकिन अगर व्रत से एक दिन पहले सही खान-पान और तैयारी की जाए तो ये सरल और आसान हो सकता है।
व्रत से पहले शरीर को हाइड्रेटेड रखना, हल्का भोजन करना और फलों व दही का सेवन करना महत्वपूर्ण होता है। इन सावधानियों से व्रत को पूरी श्रद्धा और भक्ति भाव के साथ पूरे दिन निभाया जा सकता है।
जितिया व्रत में अन्न और जल का पूर्ण वर्जित होता है। इस वजह से व्रत से पहले दिन का खान-पान विशेष ध्यान देने योग्य होता है। सही तैयारी से अगले दिन का व्रत बिना किसी परेशानी के पूरा किया जा सकता है।
पर्याप्त पानी और तरल पदार्थ
व्रत से एक दिन पहले ज्यादा से ज्यादा पानी पीना चाहिए। इससे शरीर हाइड्रेटेड रहता है और निर्जला व्रत के दौरान प्यास कम लगती है। इसके अलावा नारियल पानी, जूस और हल्की लिक्विड डाइट का सेवन करना भी फायदेमंद होता है।
व्रत से एक दिन पहले फलों का भरपूर सेवन करना चाहिए। फल शरीर को जरूरी पोषक तत्व देते हैं और हाइड्रेटेड रखते हैं। विशेष रूप से तरबूज, खीरा, नारियल पानी जैसे पानी वाले फल अधिक लाभकारी हैं।
व्रत से एक दिन पहले रात को भारी भोजन करने से बचें। ज्यादा अन्न खाने से अगले दिन प्यास लग सकती है। इस दिन सलाद, हल्का भोजन और सूप लेना बेहतर रहता है।
दही का सेवन भी व्रत से पहले करना चाहिए। ये प्यास को कम करने में मदद करता है। ध्यान रखें कि दही के साथ चूड़ा या अन्य भारी चीजें न लें, क्योंकि इससे व्रत के दौरान प्यास बढ़ सकती है। बेहतर है कि आप दही की लस्सी का सेवन करें।
व्रत से एक दिन पहले तेल-मसाले वाली चीजों का सेवन पूरी तरह से न करें। इसके अलावा चाय, कॉफी और कैफीन युक्त पेय भी न लें। इससे शरीर में पानी की कमी होती है और व्रत कठिन हो सकता है।