सरसों का तेल भारतीय रसोई का एक अहम हिस्सा है, जिसे पारंपरिक व्यंजन बनाने से लेकर सिर और शरीर की मालिश तक में इस्तेमाल किया जाता है। इसकी खास बात ये है कि इसमें कई औषधीय गुण होते हैं, जो सेहत के लिए फायदेमंद माने जाते हैं। लेकिन अब मिलावटखोरों की नजर इस तेल पर भी पड़ चुकी है। बाजार में मिलने वाला सरसों का तेल शुद्ध है या नहीं, इसका अंदाजा लगाना आम लोगों के लिए आसान नहीं रह गया है। नकली तेल से न सिर्फ खाने का स्वाद बिगड़ता है, बल्कि यह सेहत को भी नुकसान पहुंचा सकता है।
पेट दर्द, पाचन से जुड़ी समस्याएं, लीवर पर असर और लंबे समय तक उपयोग से हार्ट की बीमारी का खतरा बढ़ जाता है। ऐसे में ये जानना बेहद जरूरी हो गया है कि असली और नकली सरसों के तेल में क्या फर्क है और उसे पहचानने के आसान तरीके क्या हैं।
इन आसान घरेलू तरीकों से करें जांच
अगर आप सोच रहे हैं कि बाजार से लाया गया तेल शुद्ध है या नहीं, तो घबराइए मत। कुछ बेहद आसान घरेलू टेस्ट हैं जिनसे आप खुद पता लगा सकते हैं कि तेल असली है या मिलावटी।
फ्रीजिंग टेस्ट: थोड़ा सा सरसों का तेल एक कटोरी में लेकर फ्रीजर में रखिए। अगर उसमें सफेद धब्बे या परतें बनती हैं, तो समझ लीजिए इसमें मिलावट है।
गंध की जांच: असली सरसों के तेल की खुशबू बहुत तीखी और पहचान में आने वाली होती है। अगर सूंघते ही नाक में चुभे तो तेल असली है। नकली तेल की गंध हल्की और फीकी होती है।
गर्म करने का टेस्ट: एक चम्मच तेल कढ़ाई में गर्म कीजिए। अगर वो तुरंत तेज धुआं छोड़े और पूरे घर में महक फैल जाए, तो वो असली है। नकली तेल गर्म होते हुए धीमे से पकता है और उसमें खास महक नहीं आती।
सरसों के असली तेल का रंग हल्का पीला या सुनहरा होता है, जिसमें एक प्राकृतिक चमक भी नजर आती है। अगर तेल आपको मटमैला, सफेद या बहुत ही फीका दिखे तो समझ जाइए कि उसमें मिलावट है। असली तेल देखने में साफ और चमकदार होता है, जबकि नकली तेल में ये चमक नहीं होती।
सेहत के लिए बेहद जरूरी है शुद्धता
सरसों का तेल आपके स्वास्थ्य के लिए तभी फायदेमंद है जब वो शुद्ध हो। मिलावटी तेल लंबे समय में आपकी सेहत को गंभीर नुकसान पहुंचा सकता है। इसलिए अगली बार जब आप तेल खरीदें, तो इन आसान घरेलू तरीकों से उसकी जांच जरूर करें। न केवल आप खुद सुरक्षित रहेंगे, बल्कि अपने परिवार को भी बीमारियों से बचा सकेंगे। याद रखिए, सेहत से कोई समझौता नहीं।