Non Alchoholic Fatty Liver Disease: देश में एनएएफएलडी एक नई महामारी की तरह बढ़ रही है। लोगों की खराब लाइफस्टाइल, नींद की कमी और अधूरा पोषण इसका सबसे बड़ा जिम्मेदार है। ये शरीर की ऐसी दिक्कत है, जो अकेले नहीं आती है। ये अपने साथ कई असाध्य बीमारियों का खतरा भी लेकर आती है। इसमें डायबिटीज से लेकर दिल की बीमारी तक सब शामिल हैं। फैटी लिवर लंबे समय में लिवर के कामकाज पर असर डालने लगता है। जिससे आगे चलकर लिवर सिरोसिस और लिवर फेल होने तक का खतरा बढ़ जाता है। लेकिन अब हेल्थ एक्सपर्ट ने दावा किया है कि एक विटामिन फैटी लिवर की परेशानी को पूरी तरह नियंत्रित करने में काफी असरदार हो सकता है। हालांकि, साइंस डेली में छपा ये अध्ययन अभी शुरुआती चरण में है।
फैटी लिवर से बचा सकता है विटामिन B3
ताजा अध्ययन के मुताबिक, माइक्रोआरएनए-93 नाम का जीन शरीर में फैटी लिवर डिजीज का कारक होता है। अगर आप विटामिन B3 जिसे नियासिन कहते हैं इसका सेवन करते हैं तो इसे दबाया जा सकता है। इस जीन को कंट्रोल करने से लिवर में जमा चर्बी कम हो सकती है। इससे नॉन एल्कोहलिक फैटी लिवर डिजीज के इलाज में मदद मिल सकती है। विटामिन B3 आसानी से मिल जाता है और इसे डाइट में शामिल किया जा सकता है।
एनएएफएलडी में कैसे काम करेगा विटामिन B3?
विटामिन B3 शरीर का मेटाबॉलिज्म सुधारने में असरदार हो सकता है। ये लिवर में जमा फैट को कर सकता है। रिसर्च की मानें तो ये विटामिन लिवर में फैट बढ़ने की मुख्य वजह, माइक्रोआरएनए-93 जीन की गतिविधि को नियंत्रित करता है। इससे लिवर की सेहत में सुधार आएगा।
विटामिन बी3 से भरपूर नेचुरल फूड को खाने में शामिल करें। नॉनवेज में अच्छी मात्रा में विटामिन बी3 पाया जाता है। आप इसके लिए मांस और मछली, चिकन, टूना मछली, सामन फिश और अंडा खा सकते हैं। साबुत अनाज शाकाहारी लोगों के लिए विटामिन बी3 का अच्छा स्रोत हैं। इसमें ब्राउन राइस, साबुत गेहूं, फोर्टिफाइड अनाज जैसे कॉर्नफ्लेक्स, दालें और बीज, मूंगफली, सूरजमुखी के बीज, मसूर दाल, मशरूम, हरी मटर, आलू और टमाटर शामिल है। फलों में एवोकाडो और खजूर में विटामिन बी3 पाया जाता है। डेयरी उत्पाद में दूध और दही में विटामिन बी3 पाया जाता है।
डिस्क्लेमर: यह लेख सिर्फ सामान्य जानकारी के लिए है। किसी भी तरह से किसी दवा या इलाज का विकल्प नहीं हो सकता। ज्यादा जानकारी के लिए हमेशा अपने डॉक्टर से संपर्क करें