दूध लगभग हर घर में रोज इस्तेमाल होता है चाहे चाय बनाने के लिए हो, मिठाई बनाने के लिए या सीधे पीने के लिए। लेकिन अक्सर दूध उबालते समय ये बर्तन से बाहर गिर जाता है या तली में जल जाता है। इससे दूध का स्वाद खराब हो जाता है, बर्तन काले और चिपचिपे हो जाते हैं, और साफ करना भी बहुत मुश्किल हो जाता है। कई बार ये देखकर हमारा मूड भी खराब हो जाता है। कुछ सेकंड ध्यान न देने पर पूरा दूध बर्बाद हो सकता है। यही वजह है कि कई लोगों के लिए दूध उबालना छोटी लेकिन बड़ी समस्या बन गया है।
लेकिन चिंता करने की कोई जरूरत नहीं है। कुछ आसान और असरदार घरेलू उपाय अपनाकर आप आसानी से दूध को बिना गिराए और बिना जलाए उबाल सकती हैं और किचन भी साफ-सुथरा रह सकता है।
दूध उबालते समय मोटे तले वाले बर्तन का इस्तेमाल करना सबसे अच्छा है। मोटे तले वाले बर्तन में दूध आसानी से जलता नहीं और नीचे चिपकता भी नहीं। इसके अलावा, बर्तन का आकार भी दूध की मात्रा के अनुसार होना चाहिए। उदाहरण के लिए, अगर आप 2 लीटर दूध उबाल रहे हैं तो कम से कम ढाई लीटर क्षमता वाला बर्तन इस्तेमाल करें।
धीमी या मध्यम आंच पर उबालें: तेज आंच पर दूध जल्दी जल सकता है।
थोड़ा पानी डालें: बर्तन के तले में दूध डालने से पहले थोड़े पानी की परत बिछा दें।
बर्तन को पूरी तरह ढकें नहीं: ढक्कन और बर्तन के बीच एक बड़ा चम्मच या लकड़ी की स्पैचुला रखकर ढकें, इससे दूध बाहर नहीं गिरेगा।
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ऊपर घी या मक्खन लगाएं: भगोने के ऊपर थोड़ा सा घी लगाएं। इससे दूध की सतह पर परत बनती है और बाहर नहीं गिरता।
चम्मच या करछी डालें: दूध उबलते समय बर्तन में एक चम्मच या करछी डालें। ये भाप के दबाव को नियंत्रित करता है और दूध बाहर नहीं निकलता।
लकड़ी की स्पैचुला का इस्तेमाल: बर्तन के आर-पार लकड़ी की स्पैचुला रख दें। यह दूध को बाहर गिरने से रोकता है।
पानी का छींटा डालें: जब उबाल आए तो दूध के ऊपर थोड़े छींटे पानी डालें, इससे उबाल नियंत्रित रहता है।