छत्तीसगढ़ चुनाव: डिप्टी CM ने अपनी ही सरकार को दिए 10 में से 7 अंक, PM मोदी की तारीफ करने पर भी टीएस सिंह देव ने तोड़ी चुप्पी
छत्तीसगढ़ चुनाव: BJP ने उनके वीडियो का इस्तेमाल करते हुए छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से केंद्र की छवि खराब करने के लिए माफी मांगने को कहा। हालांकि, देव का कहना है कि उन्होंने मोदी की तारीफ नहीं की बल्कि प्रधान मंत्री के प्रति सम्मान दिखाया, जिनके कार्यक्रम में उन्हें "छत्तीसगढ़ के प्रतिनिधि के रूप में उपस्थित होने का सम्मान" मिला। कांग्रेस नेता ने कहा कि हालांकि उनकी अपनी शिकायतें हैं, जिसके बारे में वह केंद्र को पत्र लिखेंगे
छत्तीसगढ़ चुनाव: डिप्टी CM टीएस सिंह देव ने अपनी ही सरकार को दिए 10 में से 7 अंक
Chhattisgarh Election 2023: छत्तीसगढ़ के उप-मुख्यमंत्री टीएस सिंह देव (TS singh Deo) इन दिनों काफी चर्चा में हैं। टीएस सिंह देव ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) की तारीफ कर अपनी पार्टी और पूरे राजनीतिक गलियारे में एक तूफान खड़ा कर दिया। हालांकि, वह इससे बेपरवाह नजर आते हैं। उनका कहना है कि वह एक ऐसे व्यक्ति हैं, जो भारत के प्रधान मंत्री के "प्रतिद्वंद्वी" नहीं हैं। राज्य की भूपेश बघेल (Bhupesh Baghel) सरकार में सिंह के पास ऊर्जा, सार्वजनिक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण, चिकित्सा शिक्षा, 20 सूत्री कार्यान्वयन और GST जैसे कई महत्वपूर्ण विभाग हैं।
पिछले हफ्ते टीएस सिंह देव ने कहा था, "हमने केंद्र के मार्गदर्शन में काम किया है और मैं यह कहने से नहीं चूकना चाहता कि मेरे अनुभव में मुझे कोई पक्षपात महसूस नहीं हुआ।" उनके इस बयान से राजनीतिक तूफान खड़ा हो गया।
बीजेपी ने उनके वीडियो का इस्तेमाल करते हुए छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से केंद्र की छवि खराब करने के लिए माफी मांगने को कहा। हालांकि, देव का कहना है कि उन्होंने मोदी की तारीफ नहीं की बल्कि प्रधान मंत्री के प्रति सम्मान दिखाया, जिनके कार्यक्रम में उन्हें "छत्तीसगढ़ के प्रतिनिधि के रूप में उपस्थित होने का सम्मान" मिला। कांग्रेस नेता ने कहा कि हालांकि उनकी अपनी शिकायतें हैं, जिसके बारे में वह केंद्र को पत्र लिखेंगे।
ये एक ऐसा समय है, जब ममता बनर्जी से लेकर एमके स्टालिन तक विपक्षी सरकार वाले राज्य केंद्र सौतेला व्यवहार करने का आरोप लगाते हैं। ऐसे में देव के इस बयान से बीजेपी को चुनावी राज्य छत्तीसगढ़ में अपने पक्ष में एक मुद्दा मिल गया है।
News18 को दिए एक इंटरव्यू में छत्तीसगढ़ के डिप्टी सीएम ने पीएम मोदी की प्रशंसा के लिए खड़गे से उनकी कथित 'माफी' और कई बड़े मुद्दों पर बातचीत की। पढ़ें सवाल जवाब का पूरा सिलसिला:
सवाल: आप 2018 में 68 सीटों के साथ सत्ता में आए। BJP दावा कर रही है कि कांग्रेस सत्ता से बाहर होने वाली है। क्या आपको लगता है कि कांग्रेस छत्तीसगढ़ को बरकरार रख सकती है और अगर हां, तो क्या कांग्रेस इस बार 68 के आंकड़े तक पहुंच सकती है?
जवाब: खेल का मौदान हो या राजनीतिक मैदान हो, किसी को भी अपने सामने वाले को कम नहीं आंकना चाहिए। BJP का जीतना, तो सूरज का पश्चिम से उगने जैसा है। कांग्रेस सरकार ने बहुत कुछ अच्छा किया है। अगर आप घोषणापत्र से तुलना करें, तो कोई भी 100 प्रतिशत वादे पूरे नहीं कर सकता।
जोगी फैक्टर के कारण दिल्ली ने छत्तीसगढ़ में कांग्रेस को छूट दी। लेकिन, जैसा कि आपने सही कहा, हमने 68 सीटें जीतीं। हमारी पार्टी के लोग इस बार 75+ सीटें देख रहे हैं। कुछ और उपचुनाव जीतने के बाद हम अभी जहां हैं, वहां पहुंचना आसान हो गया है। लेकिन BJP के लिए ये एक लंबी यात्रा है। अगर हमें 60 से कम सीटें मिलीं, तो मुझे निराशा होगी। मैं 60 से 75 सीटों के बीच की उम्मीद कर रहा हूं।
सवाल: आप भूपेश बघेल की कार्यकाल को कितनी रेटिंग देंगे?
जवाब: मैं 10 में से सात नंबर दूंगा। उनके तीन नंबर इसलिए काट रहा हूं, क्योंकि उन्होंने कुछ वादे पूरे नहीं किए। क्योंकि 100 फीसदी वादे पूरे करना संभव ही नहीं है। हमें अपना आकलन करते समय भी अतिशयोक्ति नहीं करनी चाहिए। सही मायन में सात अंक ठीक हैं, जो काफी अच्छा है।
सवाल: रमन सिंह ने कहा कि कांग्रेस नक्सलवाद को बढ़ावा दे रही है। आप कैसे प्रतिक्रिया देंगे?
जवाब: यह दुखद है डॉ. रमन सिंह के लिए, जो 2013 में चुनाव से ठीक पहले झेलम घाटी नरसंहार को भूल गए हैं, जब वह मुख्यमंत्री थे। हमने लगभग 30 लोगों को खो दिया। उस दौर की तुलना में नक्सलवाद काफी कम हुआ है। ये राज्य सरकार के नेतृत्व में एक कोशिश है, जहां केंद्र सरकार की सहायक सेना और राज्य पुलिस मुख्यमंत्री की ज्वाइंट कमान के अधीन हैं।
नक्सली घटनाएं आधे से भी कम हो गई हैं। यह शून्य नहीं है। नक्सल प्रभावित इलाकों में सरकार की पहुंच दोगुनी हो गई है। पहले, 210 गांव ऐसे थे, जहां सरकार की कोई मौजूदगी नहीं थी। ये आंकड़ा अब घटकर 100 गांवों से भी कम रह गया है।
सवाल: आपने हाल ही में कहा था कि 'PM मोदी ने कभी भेदभाव नहीं किया', क्या आप अपने उस बयान पर अब भी कायम हैं?
जवाब: अगर आप मेरे बयान पर गौर करें, तो मैंने उनकी बहुत ज्यादा तारीफ नहीं की। आप देखिए, जब मैंने शुरुआत की, तो मैंने कहा: "हम छत्तीसगढ़ में आपका स्वागत करते हैं, सर।" उन्होंने 'प्रणाम' का संकेत दिया। फिर मैंने कहा कि जब हम संघीय ढांचे में काम करते हैं... मैंने अपने अनुभव में ऐसा नहीं देखा है कि केंद्र सरकार ने जवाब नहीं दिया हो। अगर हमने मांगा, तो हमें मदद मिल गई और हम अपना हक मांगेंगे। ये केंद्र की ओर से कोई उपहार नहीं है। मैंने कहा: "हमारे हक हम मांगते हैं, और साथी के तौर पर आप देते हो।" मैं केंद्र-राज्य संबंधों में कभी-कभी होने वाले तनाव को सूक्ष्म तरीके से सामने रखता हूं।
सवाल: लेकिन भूपेश बघेल ने तुरंत विपरीत रुख अख्तियार कर लिया। आपका उस पर क्या कहना है?
जवाब: जब मैं आपके साथ बैठा हूं तो निःसंदेह हम प्रदेश की प्रगति में भागीदार हैं। लेकिन निश्चित रूप से, ऑफ द रिकॉर्ड, मैंने कई ऐसी बातें बताईं, जो सामने नहीं आईं। मैंने उनसे कहा कि मैं उन्हें लिखकर दे दूंगा, लेकिन जब मैं राज्य का पंचायत मंत्री था, तो हमें अपने लक्ष्य से आगे निकलने पर बोनस राशि मिलती थी। Covid-19 के दौरान, मैंने सौतेले व्यवहार का सामना करने के कई मुख्यमंत्रियों के दावों का खंडन किया। तब भी मैंने कहा था कि हमारे पास पर्याप्त मात्रा में वैक्सीन हैं। हालांकि, दूसरी ओर, हमें अपना GST बकाया या चावल का कोटा भी नहीं मिला।
सवाल: ऐसी धारणा है कि प्रधानमंत्री को लेकर आपका और बघेल का रुख अलग-अलग है।
जवाब: मुझे ऐसा नहीं लगता। मैंने मुख्यमंत्री को नहीं देखा - मैं दुर्व्यवहार शब्द का इस्तेमाल नहीं करूंगा - कुछ ऐसा कहें, जो पीएम की कुर्सी की गरिमा के खिलाफ हो। कई बार बघेल ने प्रधानमंत्री के बारे में भी सकारात्मक बातें कही हैं। मुझे लगता है कि ये 2022 में था, जब पीएम की मां का निधन हो गया था और बघेल का तब प्रधानमंत्री से मिलने का अप्वाइंटमेंट था। सीएम कार्यालय ने PMO से संपर्क किया और कहा कि इन परिस्थितियों में वे किसी और तारीख के लिए तैयार हैं। उन्हें वापस बताया गया कि प्रधानमंत्री तय तारीख और समय पर वहां मौजूद रहेंगे। बघेल ने ऑन रिकॉर्ड कहा कि इन परिस्थितियों में बहुत कम लोग काम कर पाते हैं। क्या इसे संदर्भ से बाहर निकालकर प्रधानमंत्री की प्रशंसा के तौर पर देखा जाना चाहिए?
सवाल: जब रमन सिंह से पूछा गया कि वह बीजेपी का सीएम चेहरा क्यों नहीं हैं, तो उन्होंने पलटवार करते हुए कहा कि भूपेश बघेल भी नहीं हैं। क्या आपको लगता है आप सीएम का चेहरा बन सकते हैं?
जवाब: 28 जून को 24, अकबर रोड पर हमारी केंद्रीय नेतृत्व के साथ बैठक हुई, जिसमें राहुल गांधी, खड़गे, केसी वेणुगोपाल और कुमारी शैलजा समेत दूसरे लोग शामिल थे। उस बैठक में ये निर्णय लिया गया कि हम ये चुनाव संयुक्त नेतृत्व में लड़ेंगे और टीम का नेतृत्व भूपेश बघेल करेंगे। यही दिशा हमें आज तक मिली है। चुनाव के बाद मुख्यमंत्री पद का चेहरा या सीएम हमेशा केंद्रीय नेतृत्व की तरफ से तय किया जाता है। वे निर्वाचित सदस्यों की सलाह लेते हैं और अंतिम निर्णय लेते हैं।
हमने समय के साथ देखा है कि चुनाव एक सीएम चेहरे के साथ लड़ा जाता था, जो हार गया लेकिन बाद में उप-चुनाव के जरिए उसे मुख्यमंत्री बना दिया गया। हमारे पास अर्जुन सिंह थे। हमने चुनाव जीता था और दो दिन बाद, उनके शपथ ग्रहण के बाद हमारे पास एक और मुख्यमंत्री था। अलग-अलग परिदृश्य अपनी भूमिका निभाते हैं। लेकिन आज, हमारे पास टीम छत्तीसगढ़ का नेतृत्व करने वाले भूपेश बघेल हैं और अब तक किए गए काम के कारण हमें जीत की आशा और अपेक्षा है।
सवाल: क्या आप खुद को अगले मुख्यमंत्री के रूप में देखते हैं?
जवाब: केवल आलाकमान ही देख सकता है कि अगला मुख्यमंत्री कौन है। हम पार्टी के कार्यकर्ता हैं, जब हमें कोई काम मिलता है, तो हम अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करते हैं।