छत्तीसगढ़ में अगले महीने होने वाले चुनावों से पहले राज्य में सुरक्षा व्यवस्था को टाइट कर दिया गया है। राज्य में नक्सलियों द्वारा राजनीतिक नेताओं के खिलाफ पिछली हिंसा को देखते हुए, केंद्रीय गृह मंत्रालय ने 24 राजनीतिक नेताओं को केंद्रीय सुरक्षा कवर दिया है। इनमें राज्य की विपक्षी पार्टी भारतीय जनता पार्टी (BJP) के नेताओं का नाम भी शामिल है। केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) को छत्तीसगढ़ के बस्तर क्षेत्र में इन नेताओं को एक्स-श्रेणी की सुरक्षा कवर देने के लिए कहा गया है।
केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) इन नेताओं को 31 दिसंबर 2023 तक कवर देगी। नेताओं में बीजापुर में जिला उपाध्यक्ष, युवा मोर्चा के सदस्य, किसान मोर्चा के सदस्य, जिला सचिव, जिला कोषाध्यक्ष जैसे नेताओं का नाम शामिल है। इसके अलावा, सुकमा, दंतेवाड़ा और कोंडागांव में, केंद्र ने पंचायत उपाध्यक्षों, पंचायत सदस्यों, मंडल अध्यक्षों और जिला महासचिवों सहित अलग अलग राजनीतिक नेताओं को सुरक्षा दी है। कोंडागांव और सुकमा में कुल चार स्थानीय नेताओं को केंद्र ने सुरक्षा दी है।
केंद्रीय सुरक्षा एजेंसियों से परामर्श के बाद लिया गया फैसला
केंद्रीय सुरक्षा एजेंसियों ने खुफिया एजेंसियों के परामर्श से छत्तीसगढ़ में इन नेताओं को सुरक्षा कवर देने का फैसला किया है। ऐसी आशंका थी कि नक्सली बीजापुर, दंतेवाड़ा और सुकमा जैसे इलाकों में लोकल नेताओं को निशाना बना सकते हैं। पिछले चुनावों में, नक्सलियों ने अलग अलग नेताओं को अपना निशाना बनया था। यहां तक कि नक्सली हमले में एक पत्रकार की मौत भी हो गई थी। मीडिया में चल रही खबरों के मुताबिक नक्सली हमले में एक पत्रकार की मौत भी हो गई ती।
नक्सलियों के निशाने पर रहते हैं राजनेता
नक्सलियों ने कई बारे नेताओं को अपना निशाना बनया है। साल 2013 में, नक्सलियों ने दरभा घाटी में पूर्व राज्य मंत्री महेंद्र कर्मा सहित 25 कांग्रेस नेताओं की हत्या कर दी थी। इसके अलावा इसी साल 5 से 11 फरवरी के बीच कथित माओवादियों ने तीन बीजेपी नेताओं या पदाधिकारियों की हत्या कर दी थी। जून में, छत्तीसगढ़ में नक्सली गुरिल्लाओं के एक समूह ने एक भाजपा नेता और पूर्व सरपंच, काका अर्जुन की हत्या कर दी थी।