दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ भी अब जमीन पर उतरने जा रहा है। RSS ने इस बार दिल्ली के लिए महाराष्ट्र और हरियाणा की तर्ज पर रणनीति बनाई है। हाल ही में भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने मंगलवार को दिल्ली में BJP हेडक्वार्टर विस्तार कार्यालय में RSS के साथ विचार-मंथन सत्र किया गया था। इस दौरान नेताओं ने चुनाव में बीजेपी और RSS के बीच बेहतर तालमेल पर चर्चा की। इसी बैठक में ये भी तया हुआ कि संगठन पूरी दिल्ली में छोटी-छोटी बैठकें कर लोगों को विकास के मुद्दे पर जागरुक करेगा और एक राष्ट्रवादी सरकार बनाने के लिए लोगों को वोट के लिए कहा जाएगा।
News18 ने सूत्रों के हवाले से बताया कि RSS ने जो योजना बनाई है, उसके तहत 13033 बूथ पर जाकर डोर टू डोर कैंपेन किया जाएगा। सबसे अहम 6बात ये कि संघ इस बार दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए दो लाख मीटिंग करेगा। खबर ये भी है कि ये बैठकें वर्तमान में शुरू की जा चुकी हैं।
बैठक में क्या होगी चर्चा?
मीडिया रिपोर्ट्स में सूत्रों के हवाले से बताया गया इन बैठकों में किसी पार्टी या नेता को लेकर कोई बात नहीं होगी, बल्की लोगों से राष्ट्रीय, सामाजिक महत्त्व के मुद्दों को ध्यान में रखते हुए वोट करने की अपील की जाएगी।
इन बैठकों के लिए रणनीति कुछ इस तरह तैयार की गई है कि मुख्य संगठन को सीधे सामने लाने के बजाए, उससे जुड़े संगठने के पदाधिकारी बूथ लेवल पर छोटी-छोटी बैठकें करें। इनमें लोकल लोगों को बुलाकर उनसे राष्ट्रीय और सामाजिक मुद्दे पर चर्चा की जाएगी और उन्हें ही ध्यान
महाराष्ट्र और हरियाणा में भी काम आई यही रणनीति
संघ ने कुछ इसी तरह की रणनीति हरियाणा और महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों के दौरान भी आजमाई थी, जो बहुत ज्यादा सफल रही थी। अब दिल्ली में भी उसी तरह का मॉडल अपनाने की कोशिश की जा रही है।
न्यूज एजेंसी ANI ने BJP के एक शीर्ष सूत्र के हवाले से बताया, "दिल्ली में बीजेपी मुख्यालय में दिल्ली विधानसभा चुनाव को लेकर बीजेपी और RSS के बीच एक अहम बैठक हुई। संघ की ओर से बीजेपी के समन्वय की देखरेख कर रहे अरुण कुमार ने कहा, बीजेपी नेताओं के साथ दिल्ली चुनाव की समीक्षा की।"
हरियाणा और महाराष्ट्र में अपनाई गई जीत की रणनीतियों के बाद चुनाव के लिए RSS और BJP के बीच समन्वय बेहतर करने पर चर्चा हुई। बैठक में राष्ट्रीय महासचिव (संगठन) बीएल संतोष, दिल्ली भाजपा प्रदेश महासचिव (संगठन) पवन राणा, प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा, प्रदेश प्रभारी बैजयंत पांडा और कई दूसरे पदाधिकारी मौजूद रहे।