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एक्सप्रेसवे से लेकर एयरपोर्ट तक...भारत के वो मेगा प्रोजेक्ट जो साल 2025 में बदलेंगे देश की तस्वीर, इकोनॉमी को मिलेगी रफ्तार

साल 2025 में देश में कई मेगा प्रोजेक्ट बनकर पूरे होने वाले हैं। दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे, दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे और गंगा एक्सप्रेसवे का निर्माण कार्य 2025 में पूरा होने की संभावना है। वहीं नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट भी 2025 में ही शुरू की जाएगी

अपडेटेड Jan 06, 2025 पर 3:19 PM
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भारत के वो मेगा प्रोजेक्ट जो साल 2025 में बदलेंगे देश की तस्वीर,

India Mega Projects :  हम हैं नए तो अंदाज क्यों हो पुराना... फिल्म 'दिल चाहता है' के इस गाने को आए हुए करीब 24 साल बीत चुके हैं, पर आज के भारत पर ये शब्द सटीक बैठते हैं. साल 2001 में जब ये फिल्म आई थी तो भारत विकास के राह पर चलना शुरु किया था और अब साल 2025 में देश विकास की राह पर सरपट भाग रहा है। बीतते हर साल के साथ भारत तरक्की के नए-नए कीर्तिमान भी गढ़ रहा है। बात चाहे एक्सप्रेस-वे की हो, या रेल, मेट्रो और इंटरनेशनल एयरपोर्ट की, साल 2025 में कई बड़े प्रोजेक्ट्स पूरे हो रहे हैं, जिसके बाद देश की तस्वीर बदल सकती है। आइए जानते हैं देश में बन रहे उन मेगा प्रोजेक्ट के बारे में जो इस साल पूरे होने वाले हैं।

आइए जानते हैं उन बड़े मेगा प्रोजेक्ट के बारे में -

1. नोएडा एयरपोर्ट - उत्तर प्रदेश में स्थित जेवर अंतर्राष्ट्रीय एयर पोर्ट 17 अप्रैल 2025 से शुरू होने वाला है। शुरु होने के बाद ये एशिया का सबसे बड़ा और दुनिया का चौथा सबसे बड़ा एयर पोर्ट होगा। इस हवाई अड्डे का पहला चरण 1,334 हेक्टेयर में फैला होगा, जिसमें 101,590 वर्ग मीटर का टर्मिनल और 3.9 किलोमीटर लंबा रनवे होगा। इस हवाई अड्डे से सालाना 12 मिलियन यात्री यात्रा कर सकेंगे। शुरुआत में यहां से 30 उड़ानें होंगी, जो 25 घरेलू और 3 अंतरराष्ट्रीय मार्गों को कवर करेंगी। जेवर एयरपोर्ट का विकास यमुना इंटरनेशनल एयरपोर्ट प्राइवेट लिमिटेड कर रही है, जो ज्यूरिख एयरपोर्ट इंटरनेशनल (AG) की पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी है। जेवर एयरपोर्ट दिल्ली से करीब 75 किलोमीटर दूर स्थित है।

2. हैदराबाद सिटी इनोवेटिव एंड ट्रांसफॉर्मेटिव इंफ्रास्ट्रक्चर (H-CITI) प्रोजेक्ट - भारत की IT सिटी के नाम से मशहूर हैदराबाद में विकास की कई परियोजनाए चल रही हैं। वहीं हैदराबाद सिटी इनोवेटिव एंड ट्रांसफॉर्मेटिव इंफ्रास्ट्रक्चर (H-CITI) कार्यक्रम तेलंगाना के मुख्यमंत्री ए रेवंत रेड्डी द्वारा मंजूर किया गया है, जिसका उद्देश्य हैदराबाद शहर में शहरी बुनियादी ढांचे को सुधारना है। इस कार्यक्रम के तहत 38 परियोजनाओं में 7,032 करोड़ रुपये का निवेश किया जाएगा। इन परियोजनाओं का लक्ष्य यातायात की समस्या को हल करना और शहर की परिवहन व्यवस्था को बेहतर बनाना है। इसमें ग्रेड सेपरेटर, फ्लाईओवर, रोड अंडर ब्रिज (RuBs), रोड ओवर ब्रिज (RoBs), सुरंग गलियारे और पैदल चलने वालों के लिए सुविधाएं शामिल हैं। यह पहल हैदराबाद मेट्रोपॉलिटन डेवलपमेंट अथॉरिटी (HMDA) द्वारा किए गए एक विस्तृत ट्रैफिक अध्ययन पर आधारित है, जिसमें शहर के सबसे अधिक भीड़भाड़ वाले क्षेत्रों की पहचान की गई थी। इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य औसत यात्रा गति को 15 किमी प्रति घंटे से बढ़ाकर 35 किमी प्रति घंटे करना, ईंधन की खपत को घटाना और वायु प्रदूषण को कम करना है।


3. गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे - गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे, जो 91.35 किलोमीटर लंबा है, का उद्घाटन जनवरी 2025 में किया जाएगा। इस परियोजना की लागत 7,283 करोड़ रुपये है। यह एक्सप्रेसवे गोरखपुर को आजमगढ़ से जोड़ता है और पूर्वांचल एक्सप्रेसवे से जुड़ता है। यह एक्सप्रेसवे गोरखपुर, अंबेडकरनगर, संत कबीर नगर और आजमगढ़ जिलों से होकर गुजरता है। इसमें कुल 343 संरचनाएं बनाईं गई हैं, जिनमें से 337 पूरी हो चुकी हैं। इस एक्सप्रेसवे के चालू होने से गोरखपुर से लखनऊ की यात्रा का समय 3.5 घंटे तक घट जाएगा, जिससे क्षेत्रीय संपर्क में सुधार होगा और आर्थिक विकास को बढ़ावा मिलेगा। इससे ईंधन की खपत में कमी आएगी और पर्यावरण प्रदूषण भी घटेगा।

4. गंगा एक्सप्रेसवे - गंगा एक्सप्रेसवे 594 किलोमीटर लंबा है और यह 2025 में पूरा होने पर भारत का दूसरा सबसे लंबा एक्सप्रेसवे बन जाएगा। यह मेरठ को प्रयागराज से जोड़ता है और 12 जिलों और 518 गाँवों से होकर गुजरता है। इस परियोजना को पहले दिसंबर 2024 तक पूरा होने की उम्मीद थी, लेकिन तकनीकी समस्याओं के कारण अब इसे नवंबर 2025 तक पूरा किया जाएगा। इस एक्सप्रेसवे में 36,230 करोड़ रुपये का निवेश किया गया है, जिसमें गंगा नदी पर 960 मीटर लंबा पुल और रामगंगा नदी पर 720 मीटर लंबा पुल जैसे बड़े इंजीनियरिंग कार्य शामिल हैं। 120 किमी/घंटा की डिज़ाइन गति के साथ, यह एक्सप्रेसवे पूर्वी और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के प्रमुख शहरों के बीच यात्रा समय को काफी कम कर देगा।

5. दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे - दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे भारत की सबसे बड़ी और महत्वाकांक्षी बुनियादी ढांचा परियोजनाओं में से एक है, जो 2025 में पूरा होने की ओर बढ़ रहा है। यह 1,386 किलोमीटर लंबा एक्सप्रेसवे दिल्ली और मुंबई के बीच यात्रा का समय 24 घंटे से घटाकर सिर्फ़ 12 घंटे कर देगा। इस एक्सप्रेसवे को स्थायित्व को ध्यान में रखते हुए डिज़ाइन किया गया है, जिसमें सौर ऊर्जा से चलने वाली लाइटिंग, वर्षा जल संचयन प्रणाली और वन्यजीवों के लिए क्रॉसिंग जैसी सुविधाएँ हैं। यह परियोजना भारत के विकास में बड़े बदलाव की शुरुआत हैसड़। परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय के अनुसार, भारत में 2025 के अंत तक हाई-स्पीड कॉरिडोर 4,827 किलोमीटर तक पहुँचने की उम्मीद है। ये देश के परिवहन क्षेत्र में एक बड़ा कदम होगा। 2025 भारत के बुनियादी ढाँचे के विकास के लिए एक ऐतिहासिक वर्ष साबित होगा।

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