डेरा सच्चा सौदा के प्रमुख गुरमीत राम रहीम सिंह को 20 दिनों की पैरोल मिल गई है। आधिकारिक सूत्रों के हवाले से यह जानकारी मिली है। हरियाणा में 5 अक्टूबर को विधानसभा चुनाव हैं। गुरमीत राम रहीम सिंह के पैरोल अनुरोध को रोहतक के डिविजन कमिश्नर संजीव वर्मा ने मंजूरी दी। हालांकि, राज्य में विधानसभा चुनावों के मद्देनजर चुनाव आयोग ने बलात्कार मामले में सजा काट रहे डेरा सच्चा सौदा के प्रमुख गुरमीत राम रहीम सिंह को पैरोल के साथ कई शर्तों का पालन करने का निर्देश दिया है।
इसके तहत इस शख्स के हरियाणा में घुसने, भाषण देने और राजनीतिक गतिविधियों में शामिल होने पर रोक लगा दी गई है। हरियाणा के मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने इस सिलसिले में हरियाणा के जेल विभाग के एडिशनल चीफ सेक्रेटरी को लिखी चिट्ठी में प्रशासन की 30 सितंबर की चिट्ठी का हवाला दिया है, जिसमें सजायाफ्ता मुजरिम द्वारा 20 दिनों की पैरोल मांगने के लिए बेहद जरूरी और आपातकालीन वजहों का हवाला दिया गया है।
वहीं, विधानसभा चुनाव से ठीक पहले गुरमीत राम रहीम को पैरोल देने का हरियाणा कांग्रेस ने विरोध किया है। कांग्रेस ने चुनाव आयोग को चिट्ठी लिखकर कहा है कि राम रहीम के श्रद्धालुओं की संख्या बड़ी है, जो चुनाव को प्रभावित कर सकती है। साथ ही कांग्रेस की तरफ से पत्र में ये भी कहा गया कि राम रहीम के पिछले रिकॉर्ड को देखते हुए उसे चुनाव के दौरान पैरोल नहीं दी जानी चाहिए।
डेरा प्रमुख ने पैरोल अवधि के दौरान उत्तर प्रदेश के बागपत में रहने की बात कही है। इस साल अगस्त में सिंह को 21 दिन की फरलो (छुट्टी) दी गई थी। उसे पंजाब विधानसभा चुनाव से लगभग दो हफ्ते पहले 7 फरवरी, 2022 से तीन हफ्ते की फरलो दी गई थी।