Haryana Election: उचाना कलां में दो सियासी परिवारों के बीच कड़ा मुकाबला, क्या अपनी सीट बचा पाएंगे दुष्यंत चौटाला
Haryana Election 2024: चौटाला यहां से फिर से चुनाव जीतना चाहते हैं। वह हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री ओम प्रकाश चौटाला के पोते हैं। दुष्यंत चौटाला के खिलाफ नौकरशाह से नेता बने और कांग्रेस उम्मीदवार बृजेंद्र सिंह हैं। वह और उनके पिता बीरेंद्र सिंह इस साल की शुरुआत में भारतीय जनता पार्टी (BJP) छोड़कर कांग्रेस में शामिल हो गए थे
Haryana Election: उचाना कलां में दो सियासी परिवारों के बीच कड़ा मुकाबल
हरियाणा में पांच अक्टूबर को होने जा रहे विधानसभा चुनाव के दौरान उचाना कलां विधानसभा क्षेत्र में बड़ा सियासी मुकाबला देखने को मिलेगा, जहां एक-दूसरे के प्रतिद्वंद्वी दो प्रमुख सियासी परिवार आमने-सामने हैं। एक तरफ पूर्व उप प्रधानमंत्री देवी लाल के पड़पोते दुष्यंत सिंह चौटाला हैं, तो दूसरी तरफ पूर्व केंद्रीय मंत्री बीरेंद्र सिंह के बेटे बृजेंद्र सिंह हैं। हरियाणा के पूर्व उपमुख्यमंत्री और जननायक जनता पार्टी (JJP) के नेता दुष्यंत सिंह चौटाला इस सीट से मौजूदा विधायक हैं। चौटाला यहां से फिर से चुनाव जीतना चाहते हैं। वह हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री ओम प्रकाश चौटाला के पोते हैं।
दुष्यंत चौटाला के खिलाफ नौकरशाह से नेता बने और कांग्रेस उम्मीदवार बृजेंद्र सिंह हैं। वह और उनके पिता बीरेंद्र सिंह इस साल की शुरुआत में भारतीय जनता पार्टी (BJP) छोड़कर कांग्रेस में शामिल हो गए थे।
जींद जिले का राजनीतिक गढ़
उचाना कलां विधानसभा क्षेत्र राज्य के राजनीतिक गढ़ माने जाने वाले जींद जिले में आता है। किसान नेता सर छोटू राम के पोते बीरेंद्र सिंह 2014 में हरियाणा चुनाव से पहले कांग्रेस के साथ अपने चार दशक पुराने रिश्ते को तोड़कर BJP में शामिल हो गए थे।
उचाना कलां विधानसभा सीट पर दुष्यंत चौटाला की जीत से पहले यह सीट बीरेंद्र सिंह परिवार का गढ़ मानी जाती थी। पूर्व केंद्रीय मंत्री खुद इस विधानसभा सीट से पांच बार विधायक रहे हैं।
उनके बेटे बृजेंद्र सिंह पार्टी छोड़ने से पहले हिसार से BJP सांसद थे। 2019 में दुष्यंत चौटाला हिसार संसदीय सीट से उनसे चुनाव हार गए थे।
हालांकि, बृजेंद्र सिंह उचाना कलां से दुष्यंत चौटाला को अपने मुख्य राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी के रूप में नहीं देखते हैं। उन्होंने कहा, "मुख्य मुकाबला BJP से है।"
2019 और 2014 में कौन जीता?
राज्य में सत्तारूढ़ BJP ने उचाना कलां सीट से देवेंद्र चतरभुज अत्री को अपना उम्मीदवार बनाया है। दुष्यंत चौटाला ने इस सीट पर साल 2019 में विजय हासिल की थी और बृजेंद्र सिंह की माता प्रेम लता सिंह को 47,000 से ज्यादा वोट से हराया था। प्रेम लता ने चौटाला को साल 2014 में हराया था।
अपने प्रचार अभियान के दौरान, बृजेंद्र सिंह ने विश्वास जताया कि कांग्रेस हरियाणा विधानसभा चुनाव बड़े जनादेश के साथ जीतेगी और इस निर्वाचन क्षेत्र के उज्ज्वल भविष्य के लिए कड़ी मेहनत करने का वादा करते हुए कहा, "कांग्रेस के पक्ष में एक मजबूत लहर है।"
उम्मीदवार को जानें
52 साल बृजेंद्र सिंह के पास लंदन के किंग्स कॉलेज से ‘पब्लिक पॉलिसी एंड मैनेजमेंट’ में पोस्ट ग्रेजुएट डिग्री है। पांच साल से ज्यादा समय पहले राजनीति में आने से पहले उन्होंने 20 सालों से ज्यादा समय तक काम करने के बाद भारतीय प्रशासनिक सेवा से स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति (VRS) ले ली थी।
JJP के 36 साल के दुष्यंत चौटाला ने अपनी रैलियों के दौरान अपने राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों पर कटाक्ष करते हुए कहा, "उचाना समझता है कि उसका अपना कौन है।"
दुष्यंत ने कहा कि हरियाणा में त्रिकोणीय मुकाबले की काफी संभावना है। उन्होंने अपने पार्टी चिह्न का जिक्र करते हुए कहा कि यह JJP की ‘चाबी’ है, जो हरियाणा विधानसभा का ताला खोलेगी।
उन्होंने अपनी पार्टी की पूर्व सहयोगी BJP पर हमला बोलने में कोई कसर नहीं छोड़ा और कहा कि हरियाणा के लोग पार्टी को बाहर का रास्ता दिखाना चाहते हैं।
BJP और INLD के बीच गठबंधन!
‘कैलिफोर्निया स्टेट यूनिवर्सिटी’ से ‘बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन’ में ग्रेजुएट की डिग्री रखने वाले दुष्यंत ने यह भी दावा किया कि BJP और ‘INLD’ के बीच ‘गठबंधन’ चुनावों में दिखाई दे रहा है, क्योंकि वे एक-दूसरे को फायदा पहुंचाने के लिए उम्मीदवारों का चयन कर रहे हैं।
JJP नेता ने सरकारी संस्थानों और शिक्षक की भर्ती में महिलाओं को 50 प्रतिशत आरक्षण और आंगनवाड़ी और मान्यता प्राप्त सामाजिक स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं के लिए 21,000 रुपए मासिक मानदेय देने का वादा किया।
पूर्व सांसद अजय सिंह चौटाला के नेतृत्व वाली जजपा और चंद्रशेखर आजाद के नेतृत्व वाली आजाद समाज पार्टी (कांशीराम) संयुक्त रूप से हरियाणा विधानसभा चुनाव लड़ रही हैं।
दोतरफा होगा मुकाबला: BJP
BJP उम्मीदवार देवेंद्र अत्री ने कहा कि उचाना कलां विधानसभा क्षेत्र में दोतरफा मुकाबला होगा और यहां से ‘कमल’ खिलेगा। अत्री ने न्यूज एजेंसी PTI से कहा, "हम ये चुनाव मजबूती से लड़ रहे हैं।"
पहली बार विधानसभा चुनाव लड़ रहे 44 साल की BJP उम्मीदवार ने कहा कि वह पिछले 13 सालों से इलाके के लोगों की सेवा कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि इस विधानसभा क्षेत्र में नहर का पानी एक बड़ा मुद्दा है। उन्होंने कहा, ‘‘उचाना में कोई सरकारी महाविद्यालय नहीं है। यहां कोई खेल स्टेडियम नहीं है।’’
हरियाणा की 90 सदस्यीय विधानसभा के लिए चुनाव पांच अक्टूबर को होगा जबकि मतगणना आठ अक्टूबर को होगी।