कांग्रेस की जम्मू-कश्मीर इकाई ने विधानसभा चुनाव के लिए निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में नामांकन पत्र दाखिल करने वाले पार्टी के कई नेताओं को शुक्रवार को गठबंधन की एकता के उल्लंघन पर कारण बताओ नोटिस जारी किया। जम्मू-कश्मीर कांग्रेस के प्रवक्ता ने कहा कि पार्टी ने अलग-अलग नेताओं की ओर से गठबंधन की एकता का उल्लंघन किए जाने का संज्ञान लिया है।
उन्होंने कहा कि इन नेताओं से पार्टी ने तीन दिन के अंदर स्पष्टीकरण मांगा है, जिसमें नाकाम रहने पर उनके खिलाफ सख्त अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।
नेशनल कांफ्रेंस (NC) और कांग्रेस के बीच सीट बंटवारे के बाद गांदरबल के जिला अध्यक्ष साहिल फारूक समेत कई कांग्रेस नेताओं ने विधानसभा चुनाव के लिए निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में नामांकन पत्र दाखिल किया है। फारूक गांदरबल विधानसभा क्षेत्र से नेकां उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला के खिलाफ चुनाव लड़ रहे हैं।
गठबंधन से नाराज हो गए नेता
गठबंधन को कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, राहुल गांधी ने NC अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला और उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला के साथ मिलकर तैयार किया था। बाद में, पार्टी के वरिष्ठ नेताओं द्वारा सीट-बंटवारे की व्यवस्था को भी अंतिम रूप दिया गया।
हालांकि, यह गठबंधन पार्टी के कुछ नेताओं और कार्यकर्ताओं को पसंद नहीं आया, खासकर उन्हें जो पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ना चाहते थे, जिससे उन्हें विद्रोह करने और निर्दलीय के रूप में चुनाव लड़ने के लिए मजबूर होना पड़ा।
कांग्रेस के कम से कम एक दर्जन नेता कश्मीर घाटी में NC-कांग्रेस गठबंधन के उम्मीदवारों के खिलाफ निर्दलीय चुनाव लड़ रहे हैं।
इन नेताओं ने दिखाए बागी तेवर
श्रीनगर में, जिला अध्यक्ष इम्तियाज खान, महासचिव वसीम शल्ला, पूर्व SMC पार्षद आसिफ बेघ, DDC खोमोह (श्रीनगर बाहरी इलाके में) मंजूर अहमद और कांग्रेस सदस्य इरफान शाह सहित पांच कांग्रेस नेता निर्दलीय के रूप में चुनाव लड़ रहे हैं।
बांदीपोरा जिले में कांग्रेस के पूर्व सदस्य इस्माइल खान अशाना कांग्रेस उम्मीदवार के खिलाफ निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ रहे हैं। इसी तरह, अनंतनाग पश्चिम में पार्टी के युवा नेता आसिफ अहमद पूर्व जम्मू-कश्मीर कांग्रेस अध्यक्ष पीरजादा सईद के खिलाफ चुनाव लड़ रहे हैं।