Jammu and Kashmir News: पूर्व मंत्री सुनील शर्मा को रविवार (3 नवंबर) को जम्मू-कश्मीर में भारतीय जनता पार्टी (BJP) विधायक दल का नेता चुना गया। किश्तवाड़ जिले के पद्दर नागसेनी से विधायक शर्मा का जम्मू-कश्मीर विधानसभा में विपक्ष का नेता बनना तय है। बीजेपी के एक प्रवक्ता ने श्रीनगर के चर्च लेन में विधायक दल की बैठक के बाद कहा, "सुनील शर्मा को BJP विधायक दल का नेता चुना गया है। वह विधानसभा में विपक्ष के नेता होंगे।" बीजेपी प्रवक्ता ने कहा कि नरेंद्र सिंह विधानसभा डिप्टी स्पीकर पद के लिए पार्टी के उम्मीदवार होंगे।
विधायक दल का नेता चुने जाने के बाद, शर्मा ने पत्रकारों से कहा कि उन्हें यह जिम्मेदारी देने के लिए वह पार्टी के केंद्रीय और राज्य नेतृत्व के आभारी हैं। पीटीआई के मुताबिक उन्होंने कहा, "अपने विधायक साथियों के सहयोग, अनुभव और आशीर्वाद से मैं अपने कर्तव्यों का निर्वहन करूंगा। पार्टी की नीतियों और लोगों की आकांक्षाओं को ध्यान में रखते हुए हम विधानसभा में और बाहर भी लोगों की आवाज बनेंगे।"
विधानसभा में अपनी प्राथमिकताओं के बारे में पूछे जाने पर सुनील शर्मा ने कहा, "मुझे अभी-अभी (विधायक दल का नेता) चुना गया है। लड़ाई कल शुरू होगी। हमें देखना होगा कि दुश्मन कहां छिपा है और हम उसी के अनुसार हमला करेंगे।"
बीजेपी ने केंद्र शासित प्रदेश में विधानसभा चुनाव में रिकॉर्ड 29 सीटें हासिल कीं थी। बीजेपी पहली बार 2015 में पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी के साथ सरकार बनाकर जम्मू-कश्मीर में सत्ता में आई थी, जो जून 2018 तक बनी रही। इस बार बीजेपी मुख्य विपक्षी दल के रूप में उभरी है। भगवा पार्टी को पहली बार जम्मू-कश्मीर में विपक्ष का नेता मिलेगा।
जम्मू कश्मीर विधानसभा में 47 वर्षीय बीजेपी नेता सुनील शर्मा का यह दूसरा कार्यकाल होगा। शर्मा ने केंद्र शासित प्रदेश में 2022 के परिसीमन प्रक्रिया के बाद नव गठित निर्वाचन क्षेत्र पद्दर नागसेनी से मामूली अंतर से जीत हासिल की। शर्मा 2014 से 2018 तक पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (PDP)-BJP गठबंधन सरकार में राज्य मंत्री थे। बीजेपी नेता का मुकाबला नेशनल कॉन्फ्रेंस (NC) की अपनी निकटतम प्रतिद्वंद्वी पूजा ठाकुर से था, जो जिला विकास परिषद (DDC) किश्तवाड़ की मौजूदा अध्यक्ष हैं।
भारतीय चुनाव आयोग के अनुसार, सुनील शर्मा ने पूजा ठाकुर के खिलाफ पद्दर नागसेनी सीट पर 1,546 वोटों से जीत दर्ज की। सुनील शर्मा ने 2014 के विधानसभा चुनाव में किश्तवाड़ निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व किया था। उन्होंने साइंस और टेक्नोलॉजी के साथ-साथ परिवहन राज्य मंत्री के रूप में स्वतंत्र प्रभार के रूप में कार्य किया।
उन्होंने 12वीं कक्षा तक की शिक्षा पूरी की है। उनका राजनीतिक रिकॉर्ड साफ-सुथरा है। उन पर कोई आपराधिक मामला लंबित नहीं है। उन्हें अगस्त 2019 में आर्टिकल 370 को निरस्त किए जाने के बाद जम्मू-कश्मीर में पार्टी के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने का श्रेय भी दिया जाता है। शर्मा बीजेपी के केंद्रीय नेतृत्व के साथ घनिष्ठ संबंध रखते हैं, जिसके कारण उन्हें विधानसभा चुनावों में अन्य पार्टी उम्मीदवारों के लिए प्रचार करने की जिम्मेदारी लेनी पड़ी।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह समेत कई केंद्रीय नेताओं ने शर्मा के समर्थन में चुनावी रैली की। शाह ने मतदाताओं से अपील करते हुए कहा, "इन्हें विधायक बनाइए, और हम उन्हें बड़ा आदमी बना देंगे।" उनके हलफनामे के अनुसार, शर्मा की कुल संपत्ति 3.7 करोड़ रुपये है, जिसमें ₹68.7 लाख चल संपत्ति और ₹3 करोड़ अचल संपत्ति शामिल है। साथ ही उनकी देनदारियां ₹3.1 लाख हैं। इस बीच, पार्टी ने घोषणा की है कि उसके नेता नरिंदर सिंह जम्मू-कश्मीर विधानसभा में डिप्टी स्पीकर पद के उम्मीदवार होंगे।