भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने रविवार को आगामी झारखंड विधानसभा चुनाव के लिए अपना चुनाव घोषणापत्र जारी कर दिया। उसने वादा किया है कि आदिवासी समुदायों को समान नागरिक संहिता (UCC) से बाहर रखा जाएगा। इस फैसले के जरिए इस कानून के पिछड़े समुदाय पर पड़ने वाले असर को लेकर चिंताओं को दूर करना है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने रांची में एक सार्वजनिक रैली में कहा, “हमारी सरकार झारखंड में UCC लागू करेगी, लेकिन आदिवासियों को इसके दायरे से बाहर रखा जाएगा। JMM सरकार गलत प्रचार कर रही है कि UCC आदिवासी अधिकारों और संस्कृति को प्रभावित करेगा, जो पूरी तरह से निराधार है, क्योंकि उन्हें इसके दायरे से बाहर रखा जाएगा।"
शाह ने कहा, “BJP, अगर झारखंड में सत्ता में आती है, तो सरना धार्मिक कोड मुद्दे पर विचार-विमर्श करेगी, और उचित निर्णय लेगी। झारखंड में उद्योगों और खदानों से विस्थापित लोगों का पुनर्वास सुनिश्चित करने के लिए एक विस्थापन आयोग का गठन किया जाएगा।"
उन्होंने यह भी कहा कि BJP झारखंड में 2.87 लाख सरकारी नौकरियों सहित 5 लाख रोजगार के अवसर पैदा करेगी।
उन्होंने दावा किया कि अवैध अप्रवासियों से 'माटी, बेटी, रोटी' को खतरा है और BJP मूल लोगों को सुरक्षा देगी। उन्होंने आरोप लगाया, “हिंदुओं पर हमला हो रहा है और तुष्टिकरण चरम पर है। झारखंड देश का सबसे भ्रष्ट राज्य है।"
झारखंड में आदिवासियों के लिए बीजेपी के बड़े वादे
पार्टी ने झारखंड चुनाव से पहले कई वादे किए - जैसे 'घुसपैठियों' की कब्जा की गई जमीन को आदिवासियों को वापस करने के लिए एक कानून बनाना और यह सुनिश्चित करना कि आदिवासी महिलाओं से शादी करने वाले 'घुसपैठियों' को आदिवासी का दर्जा न दिया जाए, ताकि इनकी पहचान और अधिकारों की रक्षा की जा सके।