MP Election 2023: अपने गढ़ में 'कमल' खिलने से रोक पाएंगे कमलनाथ? छिंदवाड़ा में BJP-कांग्रेस में कांटे की टक्कर

MP Election 2023: 76 साल के कांग्रेस के दिग्गज, छिंदवाड़ा के मौजूदा विधायक हैं और खुद को एक कट्टर 'हनुमान भक्त' बताते हैं। 17 नवंबर के विधानसभा चुनावों में उनके सामने बीजेपी उम्मीदवार विवेक बंटी साहू (Vivek Bunty Sahu) हैं, जो एक 'शिव भक्त' हैं। ये दोनों 2018 के विधानसभा चुनावों में भी आमने-सामने थे, जब नाथ ने 44 साल के साहू को 25,837 वोटों के अंतर से हराया था

अपडेटेड Nov 14, 2023 पर 1:19 PM
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MP Election 2023: अपने गढ़ में 'कमल' खिलने से रोक पाएंगे कमलनाथ?

MP Election 2023: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) कांग्रेस (Congress) अध्यक्ष कमल नाथ (Kamal Nath) राज्य में अपनी पार्टी को सत्ता में लाने के लिए नए सिरे से प्रयास कर रहे हैं, लेकिन उन्हें अपने गृह क्षेत्र छिंदवाड़ा (Chhindwara) में भारतीय जनता पार्टी (BJP) से कड़ी चुनौती मिल रही है। 76 साल के कांग्रेस के दिग्गज, छिंदवाड़ा के मौजूदा विधायक हैं और खुद को एक कट्टर 'हनुमान भक्त' बताते हैं। 17 नवंबर के विधानसभा चुनावों में उनके सामने बीजेपी उम्मीदवार विवेक बंटी साहू (Vivek Bunty Sahu) हैं, जो एक 'शिव भक्त' हैं।

ये दोनों 2018 के विधानसभा चुनावों में भी आमने-सामने थे, जब नाथ ने 44 साल के साहू को 25,837 वोटों के अंतर से हराया था। तब से साहू अपनी इस हार का बदला लेने की कोशिश कर रहे हैं। सत्ताधारी पार्टी ने भी उन पर दोबार विश्वास जताया है और बीजेपी की मजबूत संगठनात्मक मशीनरी का समर्थन भी उन्हें हासिल है।

बीजेपी उम्मीदवार साहू छिंदवाड़ा जिले में पार्टी के युवा मोर्चा के पूर्व अध्यक्ष हैं और उन्हें अच्छी तरह मालूम है कि इस विधानसभा क्षेत्र में किस जाति और धर्म के करीब-करीब कितने मतदाता हैं।


चुनाव में कमलनाथ को औंधे मुंह गिराने के लिए बीजेपी कोई कसर नहीं छोड़ रही है। इस बात की पूरी संभावना है कि कमलनाथ कांग्रेस के जीतने की स्थिति में मुख्यमंत्री बनेंगे।

छह महीने पहले BJP की जिला इकाई ने एक गाड़ी पर दूरबीन रखकर अभियान चलाया था और कहा था कि वह कमलनाथ को ढूंढ़ रही है, जो पिछला चुनाव जीतने के बाद छिंदवाड़ा से ‘गायब’ हो गए हैं।

अपने इस अभियान से BJP ने यह बात साबित करने की कोशिश की थी कि पूर्व केंद्रीय मंत्री जीत के बावजूद अपने निर्वाचन क्षेत्र के लिए काम नहीं कर रहे हैं।

कई लोग महसूस करते हैं कि बीजेपी के इस कदम का लक्ष्य कमलनाथ को छिंदवाड़ा में ही सीमित रखने का है। दरअसल, छिंदवाड़ा में 1957 से अब तक के 16 चुनावों में बीजेपी केवल तीन बार चुनाव जीत पाई है, जबकि कांग्रेस 13 बार विजयी रही है।

हनुमान और शिव की प्रतिमा

दोनों ही प्रत्याशी छिंदवाड़ा के मतदाताओं को आकर्षित करने के लिए अपने धार्मिक रुझान के बारे में शेखी बघारते हैं। छिंदवाड़ा विधानसभा क्षेत्र छिंदवाड़ा लोकसभा क्षेत्र का हिस्सा है और दोनों ही निर्वाचन क्षेत्र इसी नाम से जाने जाते हैं।

मध्य प्रदेश चुनाव में कांग्रेस के चेहरे कमलनाथ खुद को ‘संकटमोचन’ हनुमान का भक्त दिखाने का कोई मौका नहीं जाने दे रहे। उन्होंने छिंदवाड़ा में हनुमान की 102 फुट से अधिक ऊंची प्रतिमा लगवाई थी।

इसी तरह बीजेपी प्रत्याशी साहू भी भगवान शिव के प्रति अपनी श्रद्धा दिखाने में पीछे नहीं हैं। उन्होंने इस साल छिंदवाड़ा में भगवान शिव की 84 फुट ऊंची प्रतिमा लगवाई थी। वह कमलनाथ की तरह पूजा-अर्चना करने के बाद ही अपना चुनाव प्रचार अभियान शुरू करते हैं।

चुनाव से पहले वरिष्ठ कांग्रेस नेता कमलनाथ ने बागेश्वर धाम के 27 साल के उपदेशक धीरेंद्र शास्त्री की मेजबानी की थी। शास्त्री अकसर भारत को ‘हिंदू राष्ट्र’ घोषित करने की पैरवी करते रहे हैं।

पूर्व मुख्यमंत्री ने एक और विवादित उपदेशक पंडित प्रदीप मिश्रा की भी छिंदवाड़ा में मेजबानी की थी। मिश्रा खुले तौर पर हिंदू राष्ट्र की स्थापना की वकालत करते हैं।

कमलनाथ के इस कदम की उन्हीं की पार्टी के कुछ लोगों ने आलोचना भी की थी। अगस्त में कमलनाथ ने तीन दिवसीय धार्मिक कार्यक्रम में अपने गृह क्षेत्र में शास्त्री की मेजबानी को लेकर उनकी आलोचना करने वालों पर पलटवार किया था। उन्होंने कहा था कि यह कहने की कोई जरूरत नहीं है कि ‘भारत हिंदू राष्ट्र है, क्योंकि 82 प्रतिशत भारतीय तो हिंदू ही हैं।’

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वरिष्ठ बीजेपी नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने हाल में छिंदवाड़ा में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा था, "मुझे हिंदू भावनाओं के प्रति कमलनाथ जी का प्रेम दिखता है, कभी-कभी हनुमानजी के भक्त के रूप में। ये अच्छी बात है कि यहां धार्मिक अनुष्ठान हुआ।’’

उन्होंने कहा, "लेकिन आप अपने दोस्त और सहयोगी तमिलनाडु के मुख्यमंत्री के बेटे और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के बेटे की तरफ से सनातन धर्म के प्रति दिखाए गए असम्मान के खिलाफ क्यों नहीं बोल रहे हैं?"

दिल्ली और भोपाल से बीजेपी के चुनावी प्रबंधक अपने प्रत्याशी के पक्ष में लहर का रुख मोड़ने की कोशिश में छिंदवाड़ा में डेरा डाले हुए हैं। इतना ही नहीं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के गृह प्रदेश गुजरात की भी बीजेपी टीम कमलनाथ को उनके ही निर्वाचन क्षेत्र से उखाड़ फेंकने के लिए यहां दिन-रात लगी है।

लेकिन कांग्रेस नेता कमलनाथ ऐसी राजनीतिक ताकत रहे हैं, जो 1980 से रिकॉर्ड नौ बार छिंदवाड़ा लोकसभा सीट जीत चुके हैं।

अहमदाबाद के डिप्टी मेयर बिपिन रामस्वरूप की टीम के एक सदस्य ने न्यूज एजेंसी PTI से कहा कि शुक्रवार को मतदान हो जाने के बाद ही यह टीम छिंदवाड़ा से जाएगी।

भारतीय जनता युवा मोर्चा की गुजरात इकाई के नेता मोहित तेलवानी ने दीपावली की रात कहा, "हम यह सुनिश्चित करने के लिए दिन-रात जुटे हैं कि इस बार BJP कमलनाथ का किला ढहा दे।"

कांग्रेस ये कहकर लोगों से वोट मांग रही है कि उनका वोट न केवल छिंदवाड़ा के उज्ज्वल भविष्य के लिए, बल्कि मध्य प्रदेश के लिए भी अहम है, क्योंकि पार्टी के जीतने की स्थिति में कमलनाथ मुख्यमंत्री बन सकते हैं।

उधर साहू ने कहा, "मुझे चुनाव में जीत का शत-प्रतिशत विश्वास है।"

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