इस बार के विधानसभा चुनावों में बीजेपी (BJP) ने एक दिलचस्प प्रयोग किया और बड़े पैमाने पर सांसदों को विधानसभा का चुनाव लड़वाया। अगर हम मध्य प्रदेश की बात करें, तो यहां से पार्टी के 7 सांसदों ने विधानसभा चुनाव में अपनी किस्मत आजमाई और बीजेपी की यह रणनीति मोटे तौर पर सफल नजर आ रही है। कुल 7 में से 5 सांसद या तो चुनाव जीत चुके हैं या अपने प्रतिद्वंद्वी से काफी आगे चल रहे हैं। एक सासंद फग्गन सिंह कुलस्ते निवास विधानसभा सीट से चुनाव हार गए हैं, जबकि सतना से बीजेपी सांसद और पार्टी के उम्मीदवार गणेश सिंह पीछे चल रहे हैं।
आइए जानते हैं कि मध्य प्रदेश के किन सांसदों ने विधायक का चुनाव लड़ा और उनकी क्या स्थिति रही:
नरेंद्र सिंह तोमर (दिमनी): केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने दिमनी विधानसभा सीट से चुनाव लड़ा था। वर्तमान में यह सीट कांग्रेस के पास थी। 2018 के चुनाव में रविंद्र तोमर यहां से जीते थे। कांग्रेस ने इस बार भी रविंद्र पर ही दांव खेला था। अब तक रुझानों के मुताबिक, तोमर 19,335 वोट से आगे चल रहे हैं।
प्रहलाद पटेल (नरसिंहपुर): केंद्रीय मंत्री प्रहलाद पटेल महाकोशल की सीट नरसिंहपुर से चुनाव मैदान में थे। वर्तमान में यह सीट बीजेपी के पास ही है। 2018 के चुनाव में प्रहलाद पटेल के भाई जालम यहां से चुनाव जीते थे। लेकिन इस बार उनके स्थान पर उनके बड़े भाई प्रह्लाद पटेल को टिकट दिया गया था। प्रहलाद ने 31,310 वोटों से यह सीट जीत ली है।
फग्गन सिंह कुलस्ते (निवास): केंद्रीय मंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते मंडला की निवास सीट से उम्मीदवार थे। यह सीट महाकौशल क्षेत्र में है। कांग्रेस ने मौजूदा विधायक का टिकट काटकर चैन सिंह को टिकट दिया था। यह सीट कांग्रेस के पास थी और इसे जीतने का दवाब कुलस्ते पर था। हालांकि, बीजेपी के उम्मीदवार फग्गन सिंह कुलस्ते कांग्रेस के प्रत्याशी चैन सिंह से 9,723 वोटों से चुनाव हार गए हैं।
उदयराव प्रताप सिंह (गाडरवाड़ा): सांसद उदयराव प्रताप सिंह नरसिंहपुर की गाडरवाड़ा सीट से उम्मीदवार थे। यह सीट भी महाकौशल क्षेत्र में है। इस सीट पर उदयराव का मुकाबला कांग्रेस की सुनीता पटेल से था। यह सीट कांग्रेस के पास थी। हालांकि, इस बार बीजेपी उम्मीदवार ने 56,529 वोटों से जीत हासिल कर ली है।
रीती पाठक (सीधी): सांसद रीती पाठक ने सीधी सीट से चुनाव लड़ा थीा। यहां बीजेपी के बागी केदार शुक्ल ने इनकी मुश्किलें बढ़ा रखी थीं। कांग्रेस ने यहां से ज्ञान सिंह को मैदान में उतारा था। यह सीट बीजेपी के पास थी और अब तक के रुझानों में यह बरकरार रहते दिख रही है। रीति यहां 14 हजार वोटों से आगे चल रही हैं।
गणेश सिंह (सतना): यहां सांसद गणेश सिंह का मुकाबला कांग्रेस के सिद्धार्थ कुशवाहा से था। यह सीट कांग्रेस के पास थी और फिलहाल कांग्रेस के उम्मीदवार ही आगे चल रहे हैं। बीजेपी के गणेश सिंह यहां से तीन हजार से ज्यादा वोटों से पीछे चल रहे हैं।
राकेश सिंह (जबलपुर पश्चिम): सांसद राकेश सिंह जबलपुर पश्चिम से चुनाव मैदान में थे। उनके सामने कांग्रेस के पूर्व मंत्री तरुण भनोट थे। यह सीट कांग्रेस के पास थी, लेकिन अब यहां समीकरण बदल गए हैं। राकेश सिंह ने 30,134 वोटों से इस सीट पर जीत हासिल की है।