Maharashtra Assembly Elections 2024: महाराष्ट्र में इस साल होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले राज्य में सत्तारूढ़ 'महायुति' अलायंस में बड़े मतभेद की खबर सामने आई है। CNN-News18 को सूत्रों ने बताया कि गुरुवार (10 अक्टूबर) को कैबिनेट मीटिंग के दौरान महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के साथ तीखी बहस के बाद डिप्टी अजित पवार बैठक से बाहर चले गए। इससे सत्तारूढ़ गठबंधन में तनाव बढ़ने की चर्चा शुरू हो गई। बता दें कि सीएम शिंदे की अगुवाई वाली शिवसेना महाराष्ट्र में सत्तारूढ़ महायुति गठबंधन की घटक है। महायुति में भारतीय जनता पार्टी (BJP), एकनाथ शिंदे की शिवसेना और अजित पवार के नेतृत्व वाली राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) भी शामिल है।
सूत्रों के अनुसार, असहमति तब शुरू हुई जब शिंदे ने राज्य को लाभ पहुंचाने के उद्देश्य से कई बड़ी घोषणाओं का प्रस्ताव रखा। खासकर आगामी विधानसभा चुनावों के संदर्भ में ये प्रस्ताव पेश किए गए। हालांकि, अजित पवार ने प्रस्तावों को मंजूरी देने से इनकार कर दिया। उन्होंने उनमें से कुछ पर कड़ी आपत्ति जताई, जिससे दोनों नेताओं के बीच तीखी बहस हुई। बताया जा रहा है कि जैसे ही मीटिंग शुरू हुई तो सबसे पहले रतन टाटा को श्रद्धांजलि दी गई। उसके बाद 10 मिनट के भीतर ही पवार मीटिंग से उठकर चले गए।
अंदरूनी सूत्रों ने कहा कि कैबिनेट विधानसभा चुनाव से पहले कई महत्वपूर्ण पहलों और कल्याणकारी योजनाओं को तेजी से शुरू करने पर ध्यान केंद्रित कर रही है। एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली महायुति सरकार मतदाताओं का समर्थन हासिल करने के लिए विभिन्न योजनाओं को शुरू करने पर जोर दे रही है। पिछली कैबिनेट बैठकों में विकास पर सरकार के फोकस को उजागर करते हुए कई घोषणाएं पहले ही की जा चुकी थीं।
हालांकि, गुरुवार की बैठक में मुख्यमंत्री के प्रस्ताव को पवार की ओर से कड़ा प्रतिरोध झेलना पड़ा। सूत्रों के अनुसार, असहमति की जड़ शिंदे द्वारा बारामती से लाए गए कुछ प्रस्ताव थे। सूत्रों ने न्यूज 18 से खुलासा किया कि ऐसी संभावना थी कि प्रस्ताव शरद पवार के कार्यालय से मुख्यमंत्री के पास मंजूरी के लिए आए थे, जिससे कथित तौर पर उनके भतीजे अजित पवार नाराज थे। उन्होंने इसे मंजूरी देने से इनकार कर दिया। हालांकि बाद में कैबिनेट ने 38 प्रस्तावों को मंजूरी दे दी, लेकिन यह स्पष्ट नहीं था कि इसमें बारामती परियोजना शामिल है या नहीं।
हालांकि, न्यूज18 से बात करते हुए अजित पवार ने इस मुद्दे को टालने की कोशिश की। उन्होंने कहा, "मैं बैठक शुरू होने के 10 मिनट के भीतर बाहर नहीं गया। मैं शिंदे और उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से उचित अनुमति लेकर गया था, क्योंकि मैंने लातूर के उदगीर निर्वाचन क्षेत्र में बैठकें निर्धारित की थीं। मुझे दोपहर 1 बजे की फ्लाइट पकड़नी थी। इसलिए मैं बैठक से चला गया।"
उन्होंने मुख्यमंत्री के साथ अपनी असहमति के बारे में किसी भी सवाल का जवाब नहीं दिया। सूत्रों ने बताया कि अजित पवार द्वारा शिंदे के प्रस्ताव को मंजूरी देने से इनकार करने और उसके बाद हुई बहस ने कैबिनेट को चौंका दिया। इससे विधानसभा चुनाव से ठीक पहले सरकार के साथ टकराव की खबरें भी आने लगी है।