'अपनी बैटिंग के बाद देवेंद्र फडणवीस नहीं करते थे फील्डिंग-बॉलिंग' बचपन के दोस्तों ने सुनाए मजेदार किस्से

Devendra Fadnavis Oath: नागपुर में देवेंद्र फडणवीस के बचपन के तीन दोस्तों ने एक मराठी न्यूज चैनल से बात करते हुए ये कई यादें ताजा कीं। हर्षल नाम के उनके दोस्त ने उनके बचपन के बारे में बताया है। उन्होंने कहा, “पहले से ही लग रहा था कि देवेंद्र कुछ अलग करेगा। अगर विवेकानंद पर भाषण होता, सावरकर पर भाषण होता, तो वे तुरंत खड़े हो जाते और भाषण शुरू कर देते। खेलों में भी वह काफी आगे रहते थे।"

अपडेटेड Dec 05, 2024 पर 1:48 PM
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'अपनी बैटिंग के बाद देवेंद्र फडणवीस नहीं करते थे फील्डिंग-बॉलिंग' बचपन के दोस्तों ने शेयर किए मजेदार किस्से

महाराष्ट्र में सत्ता की कमान एक बार फिर देवेंद्र फडणवीस के हाथों में आने वाली है। गुरुवार शाम 5.30 बजे उनका आधिकारिक राज तिलक भी जाएगा। हालांकि, विधानसभा चुनाव के नतीजों के करीब 10-12 दिन बाद महायुति के भीतर मुख्यमंत्री पद को लेकर चल रही खींचतान खत्म हुई और ये तय हो गया कि एक बार फिर से राज्य के मुख्यमंत्री पद पर देवेंद्र फडणवीस ही बैठेंगे। मुख्यमंत्री के रूप में यह देवेंद्र फडणवीस का ये तीसरा कार्यकाल होगा। इस बीच फडणवीस के बचपन के दोस्तों ने उनकी कुछ मजेदार बातें साझा कीं। फडणवीस का नेचर ऐसा है कि विरोधी भी सधे हुए शब्दों में उन्हें शुभकामनाएं दे रहे हैं।

नागपुर में देवेंद्र फडणवीस के बचपन के तीन दोस्तों ने एक मराठी न्यूज चैनल से बात करते हुए ये कई यादें ताजा कीं। हर्षल नाम के उनके दोस्त ने उनके बचपन के बारे में बताया है। उन्होंने कहा, “पहले से ही लग रहा था कि देवेंद्र कुछ अलग करेगा। अगर विवेकानंद पर भाषण होता, सावरकर पर भाषण होता, तो वे तुरंत खड़े हो जाते और भाषण शुरू कर देते। खेलों में भी वह काफी आगे रहते थे।"

बैटिंग लेकर नहीं करते फील्डिंग-बॉलिंग


इसी बीच एक क्रिकेट मैच को लेकर भी देवेंद्र फडणवीस का एक किस्सा उनके दोस्त संजय ने बताया। उन्होंने बताया, “हम त्रिकोनी पार्क में देवेंद्र से रोज मिलते थे। यह एक ऐसी जगह है, जहां धरमपेठ इलाके के सभी बच्चे बचपन में खेला करते थे। जब हमारा क्रिकेट मैच होता तो देवेंद्र बैटिंग करते और जब बॉलिंग और फील्डिंग का समय होता तो कोई बहाना बनाकर चले जाते थे। उनका स्वभाव शरारती था।"

संजय ने आगे बताया, "देवेंद्र में कई विशिष्ट गुण थे। वह एक आत्मविश्वासी व्यक्ति बन गया था, जो हर चीज में सोच-समझकर निर्णय लेता था। घर में भीड़ का माहौल रहता था, घर में कई लोग रह रहे थे। वह अपने आप ही सुसंस्कृत हो गया। ये सब करते वक्त कोई उसका कितना भी मजाक उड़ाए, वो सिर्फ हंसता था। कभी किसी को पलट कर जवाब नहीं दिया। सभी के साथ मिलकर आगे बढ़ना और काम करना उनका स्वभाव था।"

अब भी दोस्तों से मिलते फडणवीस?

इस बीच जब उनसे पूछा कि देवेंद्र फडणवीस अब एक महत्वपूर्ण पद पर हैं, इसलिए जब वे नागपुर आते हैं. तो दोस्तों से मुलाकात कैसे होती है? इस बारे में हर्षल ने काफी कुछ बताया।

उन्होंने कहा, "मुलाकातें तो होती रहती हैं। मिलने पर हर किसी को अपना मैसेज मिलता है। थोड़े समय के लिए मिलें। रात को कभी-कभी फोन करना। साथ में कहीं घूमने जाना है। बस चैट करने के लिए। हमें खाने-पीने में कोई दिलचस्पी नहीं है। तमाम पुरानी बातों पर बातचीत होती है। ऐसी बहुत सी चीज़ें हैं, जिन पर एक पूरी किताब लिखी जा सकती है।"

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First Published: Dec 05, 2024 1:48 PM

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