देवेंद्र फडणवीस ने गुरुवार को महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेने के तुरंत बाद एक स्थिर सरकार का वादा किया और कहा कि सभी महायुति सहयोगी "एक साथ रहेंगे और काम करेंगे।" अपने दो उपमुख्यमंत्रियों के तौर पर शिवसेना अध्यक्ष एकनाथ शिंदे और NCP नेता अजित पवार को स्वीकार करते हुए, फडणवीस ने कहा कि नई सरकार में उनकी भूमिकाएं भले ही बदल गई हों, लेकिन उनके लक्ष्य वही हैं। उन्होंने कहा, “एकनाथ शिंदे और अजीत पवार मेरे साथ हैं। लोग एक स्थिर सरकार चाहते हैं, इसलिए उन्होंने हमें चुना है और हम साथ रहेंगे और काम करेंगे। हम 'माझी लड़की बहिन योजना' जारी रखेंगे।"
उन्होंने आगे कहा कि महायुति सरकार राज्य के विकास के लिए काम करती रहेगी और पिछले ढाई साल में किए गए कामों की रफ्तार जारी रहेगी। उन्होंने कहा, “सरकार में हमारी भूमिकाएं भले ही बदल गई हों, लेकिन फोकस और दिशा वही है। महाराष्ट्र सामाजिक, बुनियादी ढांचे, औद्योगिक क्षेत्रों में तेजी से विकास के पथ पर आगे बढ़ता रहेगा।''
अपनी पहली कैबिनेट बैठक और उसमें लिए फैसलों के बारे में महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा, ''आज मैंने जो पहला हस्ताक्षर किया है, वो यह है कि मैंने अस्थि मज्जा प्रत्यारोपण उपचार के लिए एक मरीज को मुख्यमंत्री राहत कोष से 5 लाख रुपए देने का फैसला किया है... जिस तरह का जनादेश हमें मिला है, मैं मानता हूं कि उस जनादेश का दबाव, लोगों के प्यार का दबाव जरूर है और मुझे लगता है कि जब अपेक्षाएं बड़ी होती हैं, तो चुनौती भी बड़ी होती है, क्योंकि लोगों को आपसे अपेक्षाएं होती हैं, तो मुझ पर दबाव जरूर होता है और जहां तक राजकोषीय अनुशासन का सवाल है, हमें इस पर जरूर काम करना होगा, क्योंकि हमने बहुत महत्वाकांक्षी योजना बनाई है।''
नए मुख्यमंत्री ने कहा कि स्पीकर का चुनाव 7 से 9 दिसंबर तक राज्य विधानसभा के विशेष सत्र के दौरान होगा, जबकि कैबिनेट विस्तार शीतकालीन सत्र से पहले होगा।
सरकार बनाने में देरी पर देवेंद्र फडणवीस ने कहा, "मैं नहीं मानता कि इतनी देरी हुई है। इससे पहले भी 2004 में करीब 12-13 दिन की देरी हुई थी। 2009 में करीब 9 दिन की देरी हुई थी। हमें यह समझना होगा कि जब गठबंधन सरकार होती है, तो कई फैसले लेने पड़ते हैं। गठबंधन सरकार में परामर्श बहुत बड़े पैमाने पर करना पड़ता है। हमने वह परामर्श कर लिया है और हमने पोर्टफोलियो को भी लगभग अंतिम रूप दे दिया है, कुछ बाकी है, हम वो भी करेंगे।"
कैबिनेट विस्तार और पोर्टफोलियो आवंटन पर महाराष्ट्र के सीएम देवेंद्र फडणवीस का कहना है कि किसे कौन सा मंत्रालय मिलेगा, ये तीनों मिलकर तय करेंगे और ये अंतिम चरण में है। पिछली सरकार के मंत्रियों के कामकाज का आकलन किया जा रहा है और उसी आधार पर आगे का फैसला लिया जाएगा।