शिवसेना विधायक गुलाबराव पाटिल ने रविवार को कहा कि अगर अजित पवार की राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी महायुति का हिस्सा नहीं होती, तो एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली पार्टी 20 नवंबर के विधानसभा चुनाव में 90 से 100 सीटें जीत जाती। महायुति में बीजेपी, शिवसेना और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी शामिल हैं। पवार पिछले साल जुलाई में शिंदे सरकार में शामिल हुए थे और उन्हें उपमुख्यमंत्री बनाया गया था। महाराष्ट्र में इन दिनों में मुख्यमंत्री को लेकर महायुति के भीतर गहन चर्चा चल रही है और ऐसे में शिवसेना विधायक का यह बयान आया है।
पाटिल ने एक क्षेत्रीय समाचार चैनल से कहा, “हमने केवल 85 सीटों पर चुनाव लड़ा। अजित दादा के बिना हम 90-100 सीटें जीत सकते थे। शिंदे ने कभी नहीं पूछा कि अजित पवार के नेतृत्व वाली NCP को उनकी सरकार में क्यों शामिल किया गया।”
एकनाथ शिंदे परेशान नहीं हैं: पाटिल
विधानसभा चुनाव के नतीजे 23 नवंबर को घोषित किए गए थे, जिसमें महायुति ने राज्य की 288 सीटों में से 230 सीटें जीतकर जीत दर्ज की थी। भारतीय जनता पार्टी 132 सीटों के साथ सबसे आगे थी, उसके बाद शिंदे की शिवसेना को 57 और राकांपा को 41 सीटें मिली थीं।
सरकार गठन पर पाटिल ने कहा कि कार्यवाहक मुख्यमंत्री शिंदे परेशान नहीं हैं।
हाल ही में जलगांव ग्रामीण सीट से 59,000 से ज्यादा वोटों के अंतर से चुनाव जीतने वाले पाटिल ने कहा, “हमारे नेता बड़े दिल वाले हैं और परेशान नहीं हैं। उन्होंने अभूतपूर्व सफलता हासिल की है। वह एक योद्धा हैं, जिन्हें हताश नहीं किया जा सकता।”
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री के नाम पर फैसला बीजेपी करेगी और सहयोगी दलों के फैसले को शिंदे का समर्थन प्राप्त होगा।
इससे पहले न्यूज एजेंसी PTI ने भाजपा के एक वरिष्ठ नेता के हवाले से रविवार को कहा कि महाराष्ट्र के नए मुख्यमंत्री के रूप में देवेंद्र फडणवीस का नाम तय हो गया है। वरिष्ठ नेता ने कहा कि भाजपा विधायक दल का नया नेता चुनने के लिए बैठक दो या तीन दिसंबर को होगी।