Mizoram CM Oath: पूर्व IPS के हाथों में मिजोरम की सत्ता, 11 मंत्रियो समेत लालदुहोमा ने ली CM पद की शपथ

लालदुहोमा (Lalduhoma) के साथ 11 और ZPM विधायकों ने भी मंत्री पद की शपथ लेंगे। 40 सदस्यीय विधानसभा वाले मिजोरम में मुख्यमंत्री समेत 12 मंत्री हो सकते हैं। शपथ ग्रहण समारोह राजभवन में आयोजित किया गया जहां, मिज़ो नेशनल फ्रंट के नेता और निवर्तमान मुख्यमंत्री ज़ोरमथांगा मौजूद थे। इस कार्यक्रम में MNF के विधायक दल के नेता लालचंदमा राल्ते समेत सभी विधायक शामिल हुए

अपडेटेड Dec 08, 2023 पर 1:53 PM
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Mizoram CM Oath: पूर्व IPS के हाथों में मिजोरम की सत्ता, 11 मंत्रियो समेत लालदुहोमा ने ली CM पद की शपथ

Mizoram CM Oath: ज़ोरम पीपुल्स मूवमेंट (ZPM) के नेता लालदुहोमा (Lalduhoma) ने शुक्रवार को मिजोरम (Mizoram) के मुख्यमंत्री (CM) के रूप में शपथ ली। राज्यपाल हरि बाबू कंभमपति ने लालदुहोमा को पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई। उनके साथ 11 और ZPM विधायकों ने भी मंत्री पद की शपथ लेंगे। शपथ ग्रहण समारोह राजभवन में आयोजित किया गया जहां, मिज़ो नेशनल फ्रंट के नेता और निवर्तमान मुख्यमंत्री ज़ोरमथांगा मौजूद थे।

इस कार्यक्रम में MNF के विधायक दल के नेता लालचंदमा राल्ते समेत सभी विधायक शामिल हुए। पूर्व मुख्यमंत्री ललथनहवला भी वहां मौजूद थे। मंगलवार को जेडपीएम विधायक दल ने लालदुहोमा को अपना नेता और के सपडांगा को उपनेता चुना।

40 सदस्यीय विधानसभा वाले मिजोरम में मुख्यमंत्री समेत 12 मंत्री हो सकते हैं। ZPM, जिसे केवल 2019 में एक राजनीतिक दल के रूप में रिजस्टर्ड किया गया था, विधानसभा चुनावों में 27 सीटें जीतकर विजयी हुई। 2018 के चुनावों में इसके खाते में महज आठ सीटें गई थीं।


मिजोरम विधानसभा चुनाव 2023 में, लालदुहोमा को सेरछिप विधानसभा क्षेत्र से विधायक चुना गया था। उन्हें कुल 8314 वोट मिले।

लालदुहोमा: IPS से मिजोरम के मुख्यमंत्री तक

74 साल लालदुहोमा पूर्व भारतीय पुलिस सेवा (IPS) अधिकारी हैं। 1977 में उनका चयन IPS के लिए हो गया था। अपने शानदार करियर के दौरान, उन्होंने 1982 में पूर्व प्रधान मंत्री इंदिरा गांधी की सुरक्षा के सिक्योरिटी इंचार्ज के रूप में भी काम किया।

ISP छोड़ने के बाद, वह 1984 में कांग्रेस सांसद बने। बाद में उन्होंने कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया और नवंबर 1988 में दल-बदल विरोधी कानून के तहत अयोग्य घोषित होने वाले देश के पहले सांसद बने।

लालदुहोमा ने मिजोरम में उग्रवाद को खत्म करने में सक्रिय भूमिका निभाई, जिसने 1986 में मिजोरम शांति समझौते पर हस्ताक्षर करने का रास्ता खोला। बाद में उन्होंने मिजो नेशनल फ्रंट (राष्ट्रवादी) का गठन किया, जिसे बाद में 1997 में ज़ोरम नेशनलिस्ट पार्टी (ZNP) का नाम दिया गया। 2003 में, उन्होंने ZNP उम्मीदवार के रूप में विधानसभा चुनाव जीता।

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2017 में, ज़ोरम नेशनलिस्ट पार्टी, ज़ोरम पीपुल्स मूवमेंट (ZPM) बनाने के लिए छह-पक्षीय गठबंधन में शामिल हो गई। 2018 मिजोरम विधानसभा चुनावों में, लालदुहोमा एक स्वतंत्र विधायक के रूप में चुने गए, क्योंकि ZPM को अभी तक भारत के चुनाव आयोग (ECI) की तरफ से मान्यता नहीं दी गई थी।

2019 में, ZPM को ECI की तरफ से एक राजनीतिक दल के रूप में मान्यता दी गई। 2020 में, दलबदल विरोधी कानून के तहत लालदुहोमा को विधायक के रूप में अयोग्य घोषित कर दिया गया था। 2021 में, उन्होंने सेरछिप से ZPM उम्मीदवार के रूप में उपचुनाव लड़ा और जीत हासिल की।

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