उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ (Jagdeep Dhankar) ने शुक्रवार को राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) की चुनावी राज्य राजस्थान (Rajasthan) के लगातार दौरों पर की गई टिप्पणी पर तीखी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि "सत्ता में बैठे लोगों" को संवैधानिक पदों को हल्के में नहीं लेना चाहिए। न्यूज एजेंसी ANI ने उनके हवाले से कहा, "कुछ लोग कह रहे हैं कि आप बार-बार यहां क्यों आ रहे हैं... मुझे उम्मीद नहीं है कि सत्ता में बैठे लोग संवैधानिक पदों को नजरअंदाज करेंगे। ये लोकतंत्र के लिए अच्छा नहीं है।"
उन्होंने कहा, "संवैधानिक पदों का सम्मान होना चाहिए और हम सभी को एकजुटता के साथ, हाथ में हाथ डालकर, सहमति के नजरिए के साथ सहयोग और समन्वय के साथ बड़े पैमाने पर लोगों की सेवा करनी होगी।" उपराष्ट्रपति राजस्थान के अपने दौरे पर सवाल उठाने वाली गहलोत की बयानबाजी का जिक्र कर रहे थे।
इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा, "कुछ दया करो। वह दिन-रात राज्य का दौरा करते हैं, क्या कोई तर्क है? ये क्या तर्क है?"
उन्होंने कहा कि अगर उपराष्ट्रपति चुनाव वाले राज्य का दौरा करते रहेंगे, तो लोग उनके बारे में क्या सोचेंगे। उन्होंने ये भी बताया कि धनखड़ ने कुछ ही हफ्तों में 5-7 बार राजस्थान का दौरा किया था।
पिछले कुछ दिनों में गहलोत ने कई मौकों पर उपराष्ट्रपति धनखड़ पर हमला बोला है। गुरुवार को नीमराणा में एक कार्यक्रम में गहलोत ने कहा कि राजनेताओं को उपराष्ट्रपति को नहीं भेजना चाहिए, क्योंकि ये एक संवैधानिक पद है।
राजस्थान में इस साल के आखिर में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं।
केंद्रीय कानून एवं न्याय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने गुरुवार को राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर निशाना साधते हुए कहा कि क्या उपराष्ट्रपति को उनके राज्य में आने के लिए मुख्यमंत्री की अनुमति लेने की जरूरत है।
मेघवाल ने कहा, "उपराष्ट्रपति (जगदीप धनखड़) के लिए सीएम (अशोक गहलोत) ने कहा, वह अब क्यों आ रहे हैं? तो उपराष्ट्रपति उनसे अनुमति लेकर आएंगे?"