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Telangana Elections 2023: तेलंगाना में चुनाव के बीच विज्ञापन देकर घिरी कर्नाटक सरकार, चुनाव आयोग ने लगाई फटकार

Telangana Elections 2023: चुनाव आयोग ने यह भी कहा कि कर्नाटक सरकार को तेलंगाना में ऐसे किसी भी विज्ञापन का प्रकाशन तत्काल प्रभाव से तब तक रोक देना चाहिए जब तक कि राज्य सरकार आयोग से आवश्यक मंजूरी नहीं ले लेती। आयोग ने उन परिस्थितियों के बारे में आज (28 नवंबर) शाम पांच बजे तक स्पष्टीकरण मांगा है जिनके कारण आदर्श आचार संहिता निर्देशों का उल्लंघन हुआ

अपडेटेड Nov 28, 2023 पर 4:07 PM
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Telangana Elections 2023: तेलंगाना में विधानसभा चुनाव के लिए 30 नवंबर को मतदान होना है

Telangana Elections 2023: तेलंगाना में 30 नवंबर को होने वाले विधानसभा चुनाव के बीच अखबारों में विज्ञापन देकर कांग्रेस की अगुवाई वाली कर्नाटक सरकार घर गई है। चुनाव आयोग (ECI) ने कर्नाटक की कांग्रेस सरकार को तेलंगाना में चुनाव के बीच समाचार पत्रों में अपने कार्यों के बारे में विज्ञापनों का प्रकाशन रोकने का निर्देश दिया है। साथ ही चुनाव आचार संहिता के तहत इसके लिए पहले अनुमति नहीं लेने के लिए स्पष्टीकरण मांगा है। बता दें कि तेलंगाना में विधानसभा चुनाव के लिए 30 नवंबर को मतदान होना है।

भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने इस मामले में आयोग में शिकायत दर्ज कराई थी। बीजेपी ने आरोप लगाया कि कांग्रेस ने जनप्रतिनिधित्व कानून और आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन किया है। वहीं भारत राष्ट्र समिति (BRS) ने भी इस मामले पर आयोग का रुख किया था।

कर्नाटक के मुख्य सचिव को लिखे पत्र में आयोग ने कहा कि राज्य सरकार ने विज्ञापन प्रकाशित करने के लिए उससे पूर्व मंजूरी नहीं ली। चुनाव आयोग के मुताबिक, यह वर्षों पहले केंद्र और राज्य सरकारों को जारी चुनाव आचार संहिता के निर्देशों का उल्लंघन है।


5 बजे तक मांगा जवाब

चुनाव आयोग ने यह भी कहा कि कर्नाटक सरकार को तेलंगाना में ऐसे किसी भी विज्ञापन का प्रकाशन तत्काल प्रभाव से तब तक रोक देना चाहिए जब तक कि राज्य सरकार आयोग से आवश्यक मंजूरी नहीं ले लेती। आयोग ने उन परिस्थितियों के बारे में आज (28 नवंबर) शाम पांच बजे तक स्पष्टीकरण मांगा है जिनके कारण आदर्श आचार संहिता निर्देशों का उल्लंघन हुआ।

आयोग ने पत्र में यह भी पूछा कि आदर्श आचार संहिता के निर्देशों के तहत आवश्यक प्रक्रिया के उल्लंघन के लिए सूचना एवं जनसंपर्क विभाग के प्रभारी सचिव के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई क्यों नहीं की जानी चाहिए।

ECI ने Ad को बताया आचार संहिता का उल्लंघन

इससे पहले भी आयोग ने गौर किया था कि केंद्र और राज्य सरकारों की कल्याणकारी योजनाओं एवं उपलब्धियों को रेखांकित करने वाले कुछ विज्ञापन चुनावी राज्यों के समाचार पत्रों में प्रकाशित किए जा रहे थे। आयोग ने इसे आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन माना था।

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इलेक्शन कमीशन ऑफ इंडिया ने 2013 में आदेश दिया था कि आदर्श आचार संहिता की अवधि के दौरान ऐसे सभी विज्ञापनों को चुनावी राज्यों के समाचार पत्रों में प्रकाशन के लिए भेजने से पहले मंजूरी की खातिर आयोग को भेजा जाए। बता दें कि तेलंगाना विधानसभा चुनाव में सत्तारूढ़ BRS, कांग्रेस और BJP के बीच कड़ी मुख्य टक्कर है।

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